Army में होने के वजह से लगता रहता है कि पति और पिता के कर्तव्यों से पीछे न रह जाऊँ ?
प्रस्तावना भारतीय सेना के एक मेजर की मन की व्यथा है कि कहीं वह अपनी ड्यूटी निभाते-निभाते पति और पिता के कर्तव्यों से पीछे न रह जाए। वही द्वंद्व बहुत…
प्रस्तावना भारतीय सेना के एक मेजर की मन की व्यथा है कि कहीं वह अपनी ड्यूटी निभाते-निभाते पति और पिता के कर्तव्यों से पीछे न रह जाए। वही द्वंद्व बहुत…