These four poisons are killing everyone ये चार जहर सबको मार रहे हैं कोई जान नहीं पा रहा

ये चार जहर सबको मार रहे हैं कोई जान नहीं पा रहा

तिजोरी की चाबी अन्दर है, ढूंढ बाहर रहा है

हम सभी को आमतौर पर लगता है कि हम कोई पाप नहीं करते. हम पाप को चोरी, डकैती, दुसरो के साथ बेईमान, मांस खाना, शराब आदि ही मानते है. यह तो महापाप ही है. लेकिन हम अपने जीवन में कुछ ऐसे जहर को पी रहे है, जो हमें और दूसरों को मार रहा हैं. हमें इन जहरों के बार में पता तक नहीं है.

महाराज जी ने इन 4 जहरों का खुलासा किया.

1. भोगों में आसक्ति

2. कर्मों में कामना

3. विचारों में अहंकार

4. परिवार या सम्बन्धियों में ममता

पूज्य महाराज जी के वचन

आप विषय सेवन धर्मपूर्वक करो, उसमें आसक्ति नहीं करो. परिवार में ममता नहीं प्रियता रखो, भगवान का भाव रखे। कर्म करो भगवान को समर्पित कर दो। विचारों में अहंकार ना होने पाए. कोई भी भोग धर्म से विरुद्ध नहीं होगा।

ये चार बहुत बड़े विष पूरे विश्व को मार रहे हैं.

अगर सत्संग के द्वारा जान जाओ, कला सीख जाओ, इन को हटा दो तो फिर खीर खीर है, आनंद ही आनंद है। दसों दिशाएं मंगल मय हो जाएगी।

आपको कैसे करना है?

परिवार में रहते हुए ममता नहीं है। सबसे समता (सामान व्यवहार) है, भगवान का भाव है.

विषय सेवन हो रहा है धर्मपूर्वक लेकिन उसकी आसक्ति नहीं है। कितना इतनी बडी ऊँची स्थिति है।

विचार है पर अहंकार नहीं कितनी बढिया कर्म है पर कामना नहीं है। इसी को तो जीवन्मुक्त महापुरुष कहते हैं, वो तो ग्रहस्थी में भी हो सकता है.

आसक्ति, कामना, अहंकार, ममता ये चार ऐसे जहर है जो पूरे विश्व को मार रहे हैं। इन्हीं में पूरा विश्व फंसा हुआ है और इन्ही को छोड दे परमानंद में अभी डूब जाये.

हम लोग सच्चे अध्यात्म को समझ नहीं पाते। बाहरी चीजो में हम फंसे रहते हैं कि चार दिन फल पालेंगे, फलाहार है. ऐसा है वैसा है ये सब बाहरी बातें।

भाई अंदर घुस और तिजोरी को खोल जहाँ माल भरा है, बाहर चाबी नहीं है। अंदर चाबी है तुम उसको बाहर ढूंढते हो। घर में चाबी खो आए और बाहर खोज रहे तो कितने वर्ष खोजो मिलेगी क्या ? बाहर नहीं मिलने वाला।

यह चाबी अंदर है, लौट जाओ आनंद की चाबी गुरुदेव के पास है वो युक्तियां जैसे बात चार समझ लो परिवार से प्रीति करनी है ममता नहीं भोगों का सेवन करना आसक्ति नहीं. कर्म करना है पर कामना नहीं. विचार हर समय चलते रहते पर अहंकार नहीं. आप देखो इन को जाँच कर लो हर विचार में अहंकार मैं ये क्या मैं करूँगा मैं ऐसा करता हूँ

परिवार मेरा केवल वैसी ममता की जैसे तुम अपने बच्चे से प्यार करते हो। ऐसे दूसरों के बच्चे से क्यों नहीं करते. अब दूध केमिकल मिलाकर बेच रहे हैं, अपने बच्चे को कितना प्यार और दूसरे के बच्चों के हाथों में जब वो दूध जाएगा जहर पी रहा है। ममता से अपने बच्चे की रक्षा के लिए दुसरे बच्चे की हत्या कर रहा है। दूसरे का कितना आप जब लंबे विचार करके देखो तो इस ममता ने हाहाकार मचा दिया। भोगों की आसक्ति ने कैसा पापा चरण करा दिया। ये चार विष है। अगर इन चार विषयों से बच जाए तो निश्चित भगवत्प्राप्ति हो जाएगी।

—————

  • Related Posts

    शेयर बाजार में ये स्टॉक्स दिला सकते हैं 27% से अधिक रिटर्न: जानें एक्सपर्ट्स की राय

    यहाँ दिए गए Economic Times के लेख का हिंदी सारांश और विस्तृत 3अनुवादित लेख प्रस्तुत है, जिसमें प्रमुख तथ्यों, सेक्टर की चर्चा, विश्लेषकों की राय, और आपको निवेश में सावधानी…

    Continue reading
    पिछले 10 साल में NPS या म्यूच्यूअल फण्ड किसने दी ज्यादा रिटर्न ?

    NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) और म्यूचुअल फंड दोनों ही निवेश के दो प्रमुख साधन हैं, जो पिछले दशक में भारतीय निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुए हैं। दोनों में निवेश…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कभी शिव जी तो कभी दुर्गा जी तो कभी राम जी, किसी से तो काम बनेगा! Bhajan Marg

    कभी शिव जी तो कभी दुर्गा जी तो कभी राम जी, किसी से तो काम बनेगा! Bhajan Marg

    इस अनोखे इलाज के बिना दिल्ली NCR का प्रदूषण ख़त्म नहीं हो सकता

    इस अनोखे इलाज के बिना दिल्ली NCR का प्रदूषण ख़त्म नहीं हो सकता

    बचत खाता: आपकी बचत को नहीं, बल्‍कि उसकी गति को धीमा करता है

    बचत खाता: आपकी बचत को नहीं, बल्‍कि उसकी गति को धीमा करता है

    हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: किरायेदार जिन्‍होंने किराया नहीं दिया व दुकान अवैध रूप से सबलेट की, उन्‍हें बेदखली का आदेश

    हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: किरायेदार जिन्‍होंने किराया नहीं दिया व दुकान अवैध रूप से सबलेट की, उन्‍हें बेदखली का आदेश

    विरासत में मिली संपत्ति: संपत्ति, ईपीएफ, एफडी आदि प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया

    विरासत में मिली संपत्ति: संपत्ति, ईपीएफ, एफडी आदि प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया

    पेंशन और सेवा ग्रेच्युटी नियम: केंद्र ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति झेल रहे सरकारी कर्मचारियों की पात्रता स्पष्ट की

    पेंशन और सेवा ग्रेच्युटी नियम: केंद्र ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति झेल रहे सरकारी कर्मचारियों की पात्रता स्पष्ट की