Rent vs Buy: घर खरीदना या किराए पर रहना? पूरी गाइड हिंदी में

Rent vs Buy: घर खरीदना या किराए पर रहना? पूरी गाइड हिंदी में

परिचय

भारत में अधिकतर लोग सोचते हैं, “किराया देने से अच्छा है EMI देकर घर अपना बना लो।” यह सोच पहली नजर में सही लगती है, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण बातें छुपी रह जाती हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि घर खरीदना और किराए पर रहना – दोनों में से कौन सा विकल्प फाइनेंशियली बेहतर है। साथ ही, एक एक्सेल कैलकुलेटर के जरिए दोनों विकल्पों की तुलना भी करेंगे1

घर खरीदने की गणना: असली खर्च क्या है?

  • घर की कीमत: मान लीजिए आप 1 करोड़ रुपये का घर खरीदना चाहते हैं।

  • डाउन पेमेंट: आमतौर पर 20% यानी 20 लाख रुपये आपको तुरंत देने होंगे।

  • होम लोन: बाकी 80 लाख रुपये बैंक से लोन लेंगे, जिस पर 9% ब्याज और 20 साल की अवधि मान लेते हैं।

  • EMI: लगभग ₹72,364 प्रति माह1

कुल खर्च

  • लोन पर ब्याज: 20 साल में कुल ब्याज जोड़ने पर, आप लगभग 1.73 करोड़ रुपये बैंक को चुकाएंगे।

  • डाउन पेमेंट: 20 लाख रुपये।

  • अन्य खर्च:

    • प्रॉपर्टी टैक्स: ₹50,000 प्रति वर्ष (5% सालाना बढ़ोतरी)

    • सोसाइटी मेंटेनेंस: ₹50,000 प्रति वर्ष (5% सालाना बढ़ोतरी)

    • हाउस मेंटेनेंस: ₹10,000 प्रति वर्ष (5% सालाना बढ़ोतरी)

  • 20 साल में कुल खर्च: लगभग 2.3 करोड़ रुपये1

किराए पर रहने की गणना

  • मासिक किराया: ₹30,000 (मान लीजिए)

  • हर साल 10% की बढ़ोतरी

  • 20 साल में कुल किराया: लगभग 2.04 करोड़ रुपये1

निवेश का फर्क: SIP का फायदा

अगर किराए पर रहने वाला व्यक्ति EMI और किराए के अंतर को SIP (Systematic Investment Plan) में निवेश करता है, तो 20 साल में यह रकम लगभग 1.57 करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है। साथ ही, पहले साल में जो डाउन पेमेंट की रकम (20 लाख) बची, वह भी निवेश करने पर 1.26 करोड़ रुपये हो सकती है।नेट गेन: किराए पर रहने वाले को 79 लाख रुपये का फायदा हो सकता है, बशर्ते वह बचत को निवेश करे1

घर की कीमत में बढ़ोतरी (Capital Appreciation)

20 साल में घर की कीमत 1 करोड़ से बढ़कर 2.32 करोड़ हो सकती है।नेट गेन: केवल 2 लाख रुपये1

फायदे और नुकसान

घर खरीदने के फायदे:

  • स्थिरता और सुरक्षा

  • घर की कीमत बढ़ने की संभावना

  • भावनात्मक संतुष्टि

घर खरीदने के नुकसान:

  • भारी डाउन पेमेंट और ब्याज

  • प्रॉपर्टी टैक्स, मेंटेनेंस खर्च

  • लिक्विडिटी की कमी (घर तुरंत बेचना मुश्किल)

किराए पर रहने के फायदे:

  • कम शुरुआती खर्च

  • फ्लेक्सिबिलिटी (कहीं भी शिफ्ट हो सकते हैं)

  • निवेश करने का मौका

किराए पर रहने के नुकसान:

  • घर आपकी संपत्ति नहीं

  • हर साल किराया बढ़ता है

  • स्थिरता की कमी

मनोवैज्ञानिक पहलू

घर खरीदना भावनात्मक फैसला भी है। कई बार लोग सिर्फ सामाजिक दबाव या परिवार की इच्छा से घर खरीद लेते हैं, जबकि फाइनेंशियली यह हमेशा सही नहीं होता।

“आपका काम है इस एक्सेल शीट को समझना, खुद के नंबर डालना और फिर दिल से फैसला लेना – कोई रूल आपके लिए सही नहीं हो सकता1

निष्कर्ष

  • अगर आप निवेश के लिए अनुशासित हैं और EMI और किराए के अंतर को SIP में लगाते हैं, तो किराए पर रहना फाइनेंशियली बेहतर हो सकता है।

  • अगर आप स्थिरता, भावनात्मक संतुष्टि और अपने घर का सपना पूरा करना चाहते हैं, तो घर खरीदना सही है।

  • हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, इसलिए एक्सेल कैलकुलेटर में अपने नंबर डालकर ही फैसला लें। Rent vs EMI Calculator: https://docs.google.com/spreadsheets/

    Transcript

    FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

    Q1. क्या हमेशा किराए पर रहना फायदेमंद है?नहीं, यह आपकी फाइनेंशियल डिसिप्लिन और मार्केट कंडीशन पर निर्भर करता है।Q2. क्या घर खरीदना निवेश है?लंबी अवधि में घर की कीमत बढ़ सकती है, लेकिन ब्याज, टैक्स और मेंटेनेंस खर्च भी जोड़ें।Q3. SIP में कितना निवेश करें?EMI और किराए के अंतर को हर महीने SIP में लगाएं।

    अंतिम सलाह

    कोई भी फैसला लेने से पहले अपने नंबर खुद कैलकुलेट करें, एक्सेल शीट का इस्तेमाल करें और परिवार के साथ मिलकर सोच-समझकर निर्णय लें1। Rent vs EMI Calculator: https://docs.google.com/spreadsheets/

    Transcript

    SOURCE:

    https://www.youtube.com/@Zero1byZerodha

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