Fake Finfluencers: SEBI की कार्रवाई, नई गाइडलाइंस और निवेशकों को कैसे बचाए
Keywords
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फेक फिनफ्लुएंसर्स: आम निवेशक को गुमराह करने की बढ़ती समस्या
आजकल सोशल मीडिया पर फिनफ्लुएंसर (Financial Influencer) बड़ी संख्या में निवेश संबंधी सलाह और टिप्स देते हैं। इनमें से कई बिना किसी योग्यता या रजिस्ट्रेशन के लोगों को गुमराह करते हैं, जिससे आम निवेशक को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने इस बढ़ती समस्या पर गंभीरता दिखाई है और कई कड़े कदम उठाए हैं।
SEBI की नई गाइडलाइंस और कार्रवाई
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SEBI ने रजिस्टर्ड ब्रोकर्स और म्यूचुअल फंड्स को बिना रजिस्ट्रेशन वाले फिनफ्लुएंसर्स के साथ किसी भी तरह की साझेदारी करने पर रोक लगा दी है।
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अब कोई भी रजिस्टर्ड संस्था ऐसे व्यक्ति के साथ काम नहीं कर सकती, जो सीधे या परोक्ष रूप से स्टॉक या निवेश सलाह देता है या परफॉर्मेंस का दावा करता है, जब तक SEBI की अनुमति न हो।
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अगर कोई संस्था इन नियमों का उल्लंघन करती है, तो उस पर भारी पेनल्टी, सस्पेंशन या लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई हो सकती है।
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SEBI ने फिनफ्लुएंसर्स को लाइव स्टॉक प्राइस, स्टॉक का नाम, कोड या हालिया डेटा शेयर करने पर भी रोक लगा दी है, ताकि वे रियल टाइम ट्रेडिंग टिप्स न दे सकें।
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केवल रजिस्टर्ड फिनफ्लुएंसर्स या निवेश शिक्षा देने वाले लोगों को ही पार्टनरशिप की अनुमति है, वह भी बिना किसी निवेश सलाह या परफॉर्मेंस क्लेम के।
फेक फिनफ्लुएंसर्स की चालाकियां
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कई फिनफ्लुएंसर खुद को ‘शिक्षा’ देने वाला बताकर निवेश सलाह देते हैं और नियमों से बच निकलते हैं।
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ये लोग अक्सर फर्जी टेस्टिमोनियल्स, गारंटीड रिटर्न के वादे और लाइव ट्रेडिंग का दिखावा करते हैं, जिससे आम निवेशक प्रभावित हो जाता है।
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पिछले साल SEBI ने 15,000 से ज्यादा ऐसे कंटेंट साइट्स हटवाईं और कई बड़े नामों पर बैन और भारी जुर्माना लगाया।
SEBI की चुनौतियां और विशेषज्ञों की राय
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विशेषज्ञ मानते हैं कि SEBI के कदम सकारात्मक हैं, लेकिन अभी भी अनरजिस्टर्ड फिनफ्लुएंसर्स पर कार्रवाई सीमित है, जिससे कई लोग नियमों का फायदा उठाते हैं।
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सोशल मीडिया पर कंटेंट की भारी मात्रा और फिनफ्लुएंसर्स की चालाकियां enforcement को मुश्किल बना देती हैं।
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RIA (Registered Investment Adviser) लाइसेंस की सख्त शर्तें और भारी compliance बोझ के कारण केवल 2% फिनफ्लुएंसर्स ही रजिस्टर्ड हैं।
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विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि फिनफ्लुएंसर्स के लिए अलग, सरल लेकिन सख्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी तय की जाए।
निवेशकों के लिए सुझाव
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किसी भी फिनफ्लुएंसर की सलाह मानने से पहले उसकी योग्यता और रजिस्ट्रेशन की जांच करें।
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गारंटीड रिटर्न, फर्जी टेस्टिमोनियल्स या लाइव ट्रेडिंग के वादों से बचें।
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केवल SEBI रजिस्टर्ड सलाहकार या प्रमाणित स्रोतों से ही निवेश संबंधी सलाह लें।
निष्कर्ष
SEBI ने फेक फिनफ्लुएंसर्स पर शिकंजा कसने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन enforcement और जागरूकता की चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और सोच-समझकर ही कोई भी निवेश निर्णय लेना चाहिए।
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SOURCE: ECONMOIC TIMES.COM