क्या मंदिर के प्रसाद को किसी मांसाहारी व्यक्ति को देने से पाप लगता है?

यहाँ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj के 06:30 से 07:15 तक के शब्द और बिंदुवार (pointwise) उत्तर दिए जा रहे हैं, जैसा वीडियो अंश में मिलता है:

मूल प्रश्न:
क्या मंदिर के प्रसाद को किसी मांसाहारी व्यक्ति को देने से पाप लगता है?

Shri Maharaj Ji के उत्तर के मुख्य बिंदु (word to word, pointwise):

  1. “नहीं, जरूर देना चाहिए।”
    महाराज जी कहते हैं, प्रसाद अवश्य देना चाहिए।
  2. “यदि वह श्रद्धा से पावे तो प्रसाद पावेगा तो उसकी बुद्धि शुद्ध होगी, तो एक दिन गंदे आचरण छोड़ देगा।”
    अगर वह व्यक्ति श्रद्धा से प्रसाद लेता है, तो प्रसाद की वजह से उसकी बुद्धि शुद्ध होगी और आगे चलकर वह गलत आचरण छोड़ सकता है।
  3. “चरणामृत है, भगवत प्रसाद बुद्धि को पवित्र करता है।”
    भगवत प्रसाद (चरणामृत) बुद्धि को शुद्ध और पवित्र करता है।
  4. “तो यदि हम ऐसे लोगों को भी प्रसाद देते हैं और वो प्रसाद का अनादर न करते हों तो देना चाहिए।”
    अगर मांसाहारी व्यक्ति प्रसाद का अनादर नहीं करता, तो प्रसाद अवश्य दिया जाना चाहिए।
  5. “और आदर सहित प्रसाद पा लेते हैं तो उसमें पाप नहीं लगेगा। उसमें पुण्य लगेगा क्योंकि उसके पाप नष्ट होंगे, उसकी बुद्धि शुद्ध होगी, उसका कल्याण होगा।”
    यदि वह प्रसाद श्रद्धा और आदर के साथ लेता है तो प्रसाद देने वाले को पाप नहीं, बल्कि पुण्य मिलेगा, क्योंकि उस व्यक्ति के पाप नष्ट होंगे, बुद्धि शुद्ध होगी, और उसका कल्याण होगा।

सारांश:
महाराज जी स्पष्ट करते हैं कि मांसाहारी व्यक्ति, यदि श्रद्धा और आदर से मंदिर का प्रसाद लेता है और उसका अनादर नहीं करता, तो देने वाले को पाप नहीं, बल्कि पुण्य मिलता है, क्योंकि प्रसाद बुद्धि शुद्ध करता है और धीरे-धीरे गलत आदतें छुड़वा सकता है ।

  1. https://www.youtube.com/watch?v=pf7UOGWuUcE&t=390s
  2. https://www.youtube.com/watch?v=pf7UOGWuUcE

Related Posts

संसार में छल-कपट भरा हुआ है ऐसे में उन्ही के बीच कैसे रहें, कभी कभी सहन नहीं होता ?

​संसार में छल‑कपट क्यों दिखता है? महाराज जी कहते हैं कि कलियुग का प्रभाव ऐसा है कि यहां अधिकतर लोग स्वार्थ, वासना और अपने लाभ के लिए एक‑दूसरे से रिश्ता…

Continue reading
मेरे व्यापार में मुझे गाली देकर बात करनी पड़ती है ! Bhajan Marg

​​गाली देने की बुरी आदत आज के समय में गाली देना बहुत सामान्य सी बात मान ली गई है, लेकिन वास्तव में यह बहुत गंदी आदत है। कई लोग मजाक…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

संसार में छल-कपट भरा हुआ है ऐसे में उन्ही के बीच कैसे रहें, कभी कभी सहन नहीं होता ?

संसार में छल-कपट भरा हुआ है ऐसे में उन्ही के बीच कैसे रहें, कभी कभी सहन नहीं होता ?

सब चीज़ के लिए पैसे हैं, पर इसके लिए नहीं हैं

सब चीज़ के लिए पैसे हैं, पर इसके लिए नहीं हैं

बनारस में मेरी यात्रा का अनुभव आपकी यात्रा आसान कर सकता है

बनारस में मेरी यात्रा का अनुभव आपकी यात्रा आसान कर सकता है

महंगाई नहीं लाइफस्टाइल है असली डायन जो खाए जात है पर यह शख्स ही आपको बचा सकता है इस डायन से

महंगाई नहीं लाइफस्टाइल है असली डायन जो खाए जात है पर यह शख्स ही आपको बचा सकता है इस डायन से

मेरे व्यापार में मुझे गाली देकर बात करनी पड़ती है ! Bhajan Marg

मेरे व्यापार में मुझे गाली देकर बात करनी पड़ती है ! Bhajan Marg

एक्सटेंडेड वारंटी घाटे का सौदा क्यों? कंपनियों के लिए ‘चाँदी’ क्यों?

एक्सटेंडेड वारंटी घाटे का सौदा क्यों? कंपनियों के लिए ‘चाँदी’ क्यों?