20 साल में शेयरों ने रचा इतिहास: जानिए कितना मिलता रिटर्न
अगर आपने 2005 में भारत की कुछ बेहतरीन कंपनियों में निवेश किया होता—HDFC Bank, Reliance Industries, Colgate-Palmolive, Hindustan Unilever (HUL), Britannia Industries, और Asian Paints—तो आज आपकी संपत्ति कितनी होती? और क्या देश की प्राइम लोकेशन की प्रॉपर्टी ने भी इतना रिटर्न दिया? आइए, विस्तार से समझते हैं।
1. HDFC Bank
20 साल पहले (2005) HDFC Bank का शेयर प्राइस: लगभग ₹60 प्रति शेयर (स्प्लिट और बोनस को ध्यान में रखते हुए, एडजस्टेड प्राइस)2025 में प्राइस: ₹1,500+ प्रति शेयर (एडजस्टेड)
-
1 लाख का निवेश:
-
2005 में 1 लाख में करीब 1,666 शेयर मिलते।
-
2025 में 1,666 × ₹1,500 = ₹24,99,000 (लगभग 25 लाख रुपये)
-
-
10 लाख का निवेश:
-
10 लाख में 16,666 शेयर।
-
2025 में 16,666 × ₹1,500 = ₹2,49,99,000 (लगभग 2.5 करोड़ रुपये)
-
CAGR (औसत वार्षिक रिटर्न): करीब 20% से ज्यादा।
2. Reliance Industries
2005 में शेयर प्राइस: लगभग ₹60 (एडजस्टेड)2025 में प्राइस: ₹3,000+
-
1 लाख का निवेश:
-
1 लाख में 1,666 शेयर।
-
2025 में 1,666 × ₹3,000 = ₹49,98,000 (लगभग 50 लाख रुपये)
-
-
10 लाख का निवेश:
-
16,666 शेयर।
-
16,666 × ₹3,000 = ₹4,99,98,000 (लगभग 5 करोड़ रुपये)
-
CAGR: करीब 21%।
3. Colgate-Palmolive
2005 में शेयर प्राइस: लगभग ₹702025 में प्राइस: ₹1,800+
-
1 लाख का निवेश:
-
1,428 शेयर।
-
1,428 × ₹1,800 = ₹25,70,400 (लगभग 25.7 लाख रुपये)
-
-
10 लाख का निवेश:
-
14,285 शेयर।
-
14,285 × ₹1,800 = ₹2,57,13,000 (लगभग 2.57 करोड़ रुपये)
-
CAGR: करीब 17-18%।
4. Hindustan Unilever (HUL)
2005 में शेयर प्राइस: लगभग ₹1002025 में प्राइस: ₹2,300+
-
1 लाख का निवेश:
-
1,000 शेयर।
-
1,000 × ₹2,300 = ₹23,00,000 (लगभग 23 लाख रुपये)
-
-
10 लाख का निवेश:
-
10,000 शेयर।
-
10,000 × ₹2,300 = ₹2,30,00,000 (लगभग 2.3 करोड़ रुपये)
-
CAGR: करीब 17%।
5. Britannia Industries
2005 में शेयर प्राइस: लगभग ₹1002025 में प्राइस: ₹5,500+
-
1 लाख का निवेश:
-
1,000 शेयर।
-
1,000 × ₹5,500 = ₹55,00,000 (लगभग 55 लाख रुपये)
-
-
10 लाख का निवेश:
-
10,000 शेयर।
-
10,000 × ₹5,500 = ₹5,50,00,000 (लगभग 5.5 करोड़ रुपये)
-
CAGR: 22% के आसपास।
6. Asian Paints
2005 में शेयर प्राइस: लगभग ₹602025 में प्राइस: ₹2,300+
-
1 लाख का निवेश:
-
1,666 शेयर।
-
1,666 × ₹2,300 = ₹38,31,800 (लगभग 38.3 लाख रुपये)
-
-
10 लाख का निवेश:
-
16,666 शेयर।
-
16,666 × ₹2,300 = ₹3,83,31,800 (लगभग 3.83 करोड़ रुपये)
-
CAGR: 20% से अधिक।
20 साल में प्रॉपर्टी का रिटर्न: क्या शेयरों जितना?
अब सवाल आता है—क्या देश की प्राइम लोकेशन (जैसे दिल्ली, मुंबई) में प्रॉपर्टी में 20 साल में इतना या इससे ज्यादा रिटर्न मिला?
देश के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी रिटर्न:
-
मुंबई:
-
20 साल में औसत 10-11% सालाना रिटर्न।
-
कुछ प्रीमियम माइक्रो-लोकेशन (जैसे Kharghar) में 300-350% ग्रोथ, यानी लगभग 7-8% CAGR।
-
-
दिल्ली-NCR:
-
20 साल में औसत 10% सालाना रिटर्न।
-
पिछले 5 साल में 137% ग्रोथ (यानि करीब 18% CAGR, लेकिन ये हाल के सालों की तेजी है)।
-
-
बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे:
-
6-10% सालाना रिटर्न।
-
-
कुल मिलाकर:
-
देशभर में औसत प्रॉपर्टी रिटर्न 6-10% सालाना रहा है।
-
कुछ प्रीमियम लोकेशन में 12% तक पहुंचा, लेकिन शेयरों से कम।
-
शेयर बनाम प्रॉपर्टी: 20 साल का फर्क
-
शेयरों में निवेश (1 लाख):
-
औसतन 20-22% CAGR, 1 लाख → 25-55 लाख या उससे ज्यादा।
-
-
प्रॉपर्टी में निवेश (1 लाख):
-
औसतन 7-10% CAGR, 1 लाख → 4-6 लाख (20 साल में)।
-
-
कुछ प्रीमियम लोकेशन:
-
10-12% CAGR, 1 लाख → 8-10 लाख (20 साल में)।
-
-
निष्कर्ष:
-
शेयरों ने प्रॉपर्टी से 2-4 गुना ज्यादा रिटर्न दिया है।
-
प्रॉपर्टी में लिक्विडिटी, टैक्स, मेंटेनेंस, सरकारी नियम जैसी चुनौतियां भी ज्यादा हैं।
-
क्यों शेयरों ने प्रॉपर्टी को पछाड़ा?
-
कंपनियों की ग्रोथ, डिविडेंड, बोनस, स्प्लिट का फायदा।
-
भारत की अर्थव्यवस्था का तेज विस्तार।
-
शेयर बाजार की लिक्विडिटी और पारदर्शिता।
-
प्रॉपर्टी में सरकारी नियम, टैक्स, लिक्विडिटी की समस्या।
क्या आगे भी शेयरों में इतना रिटर्न मिलेगा?
-
पिछले 20 साल में शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन भविष्य में हर बार ऐसा हो जरूरी नहीं।
-
सही कंपनियों का चुनाव, लंबी अवधि का नजरिया और धैर्य जरूरी है।
-
प्रॉपर्टी में भी कुछ लोकेशन में अच्छा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन औसत रिटर्न शेयरों से कम ही रहता है।
निष्कर्ष
अगर आपने 20 साल पहले HDFC Bank, Reliance, Colgate, HUL, Britannia या Asian Paints में 1 लाख या 10 लाख रुपये लगाए होते, तो आज आपकी संपत्ति 25 लाख से 5 करोड़ रुपये के बीच होती। वहीं, देश की प्राइम लोकेशन की प्रॉपर्टी ने औसतन 4-10 लाख (1 लाख पर) ही बनाया। यानी शेयरों ने प्रॉपर्टी से कहीं ज्यादा रिटर्न दिया है—वो भी कम झंझट और ज्यादा लिक्विडिटी के साथ।
आखिर में:
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो अच्छी कंपनियों के शेयरों में SIP या लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट आपके लिए वेल्थ क्रिएशन का बेहतरीन जरिया हो सकता है। प्रॉपर्टी में निवेश भी अच्छा है, लेकिन रिटर्न और लिक्विडिटी के मामले में शेयरों से पीछे है।स्मार्ट निवेश करें, रिसर्च करें और धैर्य रखें—यही है असली वेल्थ का फॉर्मूला!