भगवान पर विश्वास की चमत्कारी घटनाएं। पूज्य श्री भाई जी की वाणी में।hanuman prasad poddar ji pravachan

संत भाई जी द्वारा प्रेरक घटनाएँ और सच्ची घटनाएँ

परिचय

भगवान के नाम की महिमा और उनकी कृपा का महत्व संतों के सत्संगों में बार-बार बताया गया है। संत भाई जी के इस सत्संग में उन्होंने न केवल भगवान की कृपा पर विस्तार से प्रकाश डाला, बल्कि अपने जीवन और अन्य भक्तों के जीवन से जुड़ी सच्ची घटनाओं और प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से भी समझाया कि किस प्रकार विश्वास, भक्ति और समर्पण से जीवन में चमत्कार घटित होते हैं।

भगवान की कृपा: सिद्धांत और अनुभव

भगवान की कृपा सर्वव्यापी और अकारण है।संत भाई जी ने बताया कि भगवान की कृपा अनंत, असीम और अपार है। यह कृपा सभी प्राणियों पर समान रूप से बरसती है, चाहे वह पुण्यात्मा हो या पापात्मा, देवता हो या मनुष्य। भगवान ने स्वयं गीता में कहा है कि वे समस्त प्राणियों के प्रति सूर्य के समान हैं, उनकी कृपा में कोई भेदभाव नहीं है1विश्वास की कमी सबसे बड़ी बाधाभाई जी ने स्पष्ट किया कि भगवान की कृपा का लाभ न मिलने का मुख्य कारण यह है कि हमें उस कृपा पर सच्चा विश्वास नहीं होता। जब तक हम भगवान को अपने जीवन का सर्वस्व, कृपालु और दयालु नहीं मानते, तब तक चिंता और भय दूर नहीं होते। जैसे ही यह विश्वास दृढ़ होता है, जीवन में शांति और समाधान अपने आप आने लगते हैं।

महात्माओं की महिमा और उनका प्रभाव

महात्मा की पहचान और लाभभाई जी ने कहा, जैसे लोहा पारस के स्पर्श से सोना बन जाता है, वैसे ही सच्चे महात्मा के संपर्क से जीवन में परिवर्तन आता है। परंतु यह तभी संभव है जब हम जिसे महात्मा मानते हैं, वह वास्तव में महात्मा हो, और हम स्वयं भी सच्चे श्रद्धालु हों। यदि दोनों में से कहीं भी कमी है, तो अपेक्षित लाभ नहीं मिलता।

प्रेरक और सच्ची घटनाएँ

1. हरिराम ब्राह्मण की घटना

मुंबई के हरिराम ब्राह्मण की सत्य घटना सुनाते हुए भाई जी ने बताया कि कैसे एक आर्थिक संकट के समय, जब हरिराम ने भगवान पर विश्वास किया और सच्चे मन से प्रार्थना की, तो अप्रत्याशित रूप से उसकी सहायता हो गई। एक मित्र ने बिना मांगे ही बड़ी राशि का चेक दे दिया, जिससे उसकी समस्या हल हो गई। इस घटना से स्पष्ट होता है कि जब भक्त सच्चे विश्वास से भगवान को पुकारता है, तो सहायता अवश्य मिलती है।

2. डॉक्टर कैलाश बाबू की मां की इच्छा

डॉ. कैलाश बाबू की मां मरणासन्न थीं और अंतिम समय में अंजीर खाने की इच्छा जताई, जो उस समय कलकत्ता में दुर्लभ थी। कैलाश बाबू ने भगवान से प्रार्थना की और आश्चर्यजनक रूप से उसी रात एक व्यक्ति मुंबई से अंजीर की टोकरी लेकर उनके घर आया। यह घटना दर्शाती है कि भगवान भक्तों की छोटी-छोटी इच्छाओं की भी पूर्ति कर सकते हैं, बशर्ते विश्वास सच्चा हो।

3. कृष्णकांत मालवीय की जेल यात्रा

कृष्णकांत मालवीय जब जेल से ट्रांसफर होकर जा रहे थे, तो उन्होंने मन ही मन भोजन की व्यवस्था की चिंता की। लेकिन जैसे ही गाड़ी स्टेशन पहुँची, उनके लिए मनचाहा भोजन पहले से ही मौजूद था। यह उदाहरण बताता है कि भक्त की आवश्यकताओं की व्यवस्था भगवान पहले से कर देते हैं, भक्त को बस विश्वास बनाए रखना चाहिए।

संतों के अन्य प्रेरक प्रसंग

  • संत कबीर और वेश्या की कथा: कबीर जी ने समाज से तिरस्कृत वेश्या के भीतर छिपे दिव्य स्वरूप को पहचानकर उसे मोक्ष का मार्ग दिखाया।

  • नरसिंह भगत जी: करोड़पति नरसिंह भगत ने कबीर साहेब जी से ज्ञान पाकर अपनी संपत्ति दान कर दी, लेकिन भगवान ने उनकी लाज हमेशा बचाई।

  • प्रह्लाद की भक्ति: प्रह्लाद ने कठिनाइयों में भी परमात्मा पर विश्वास नहीं छोड़ा और अंततः भगवान ने उनकी रक्षा की4

  • मीरा बाई का समर्पण: मीरा बाई ने समाज की परवाह किए बिना सच्चे संत से दीक्षा ली और भक्ति में लीन होकर मोक्ष का मार्ग प्राप्त किया।

जीवन में संतों और भगवान की कृपा का महत्व

सच्चा विश्वास और समर्पण:भगवान और संतों की कृपा का अनुभव उन्हीं को होता है, जो सच्चे मन से विश्वास और समर्पण रखते हैं।भक्ति का फल:भक्ति और सत्संग से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं, मानसिक शांति मिलती है और जीवन में चमत्कार घटित होते हैं।संत का सान्निध्य:सच्चे संत का मिलना और उनकी संगति में रहना दुर्लभ है, लेकिन यदि यह योग मिल जाए तो जीवन धन्य हो जाता है।

निष्कर्ष

संत भाई जी के सत्संग से यह स्पष्ट होता है कि भगवान की कृपा सर्वत्र और सबके लिए है, बस आवश्यकता है सच्चे विश्वास, भक्ति और समर्पण की। संतों के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग और सच्ची घटनाएँ हमें यह सिखाती हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी यदि हम भगवान और संतों पर विश्वास बनाए रखें, तो हर समस्या का समाधान संभव है।

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