
हरिद्वार में वर्ष 2027 में होने वाले अर्धकुंभ की तैयारी उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा ज़ोर-शोर से शुरू कर दी गई है। यह आयोजन ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि पहली बार साधु-संन्यासियों और अखाड़ों के लिए भी तीन शाही स्नान (अमृत स्नान) निर्धारित किए गए हैं। नीचे विस्तृत जानकारी दी जा रही है―
आयोजन की तिथियाँ
- अर्धकुंभ मेला हरिद्वार में मुख्य रूप से मार्च 2027 में होगा।
- शाही स्नान और अमृत स्नान की तिथियाँ:
- पहला अमृत स्नान: 6 मार्च 2027 (महाशिवरात्रि)
- दूसरा शाही स्नान: 8 मार्च 2027 (सोमवती अमावस्या)
- तीसरा अमृत स्नान: 14 अप्रैल 2027 (मेष संक्रांति/वैशाखी)
- 14 जनवरी 2027 (मकर संक्रांति) को पर्व स्नान का आयोजन होगा, जो मुख्य अमृत स्नान नहीं बल्कि स्नान पर्व होगा।
तैयारियों की प्रमुख बातें
- उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार को पूर्ण कुंभ की तर्ज़ पर और अधिक भव्य एवं दिव्य बनाने के निर्देश दिए हैं।
- शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने, अस्थायी तथा स्थायी व्यवस्थाएँ तैयार करने जैसे कार्य तेजी से चल रहे हैं:
- नए घाटों का निर्माण, हरकी पैड़ी का विस्तार, महिला घाट का स्थानांतरण।
- यातायात प्रबंधन के लिए शहर के बाहर 15-15 किलोमीटर दूर बड़ी पार्किंगें बनाई जाएँगी।
- शटल सर्विस द्वारा हर 2 मिनट पर यात्रियों को शहर में लाया जाएगा।
- केंद्र सरकार से करीब 1500 करोड़ रुपये की अपेक्षा है, जिसमें अभी तक लगभग 210 करोड़ की राशि जारी हुई है।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
- अर्धकुंभ हर 6 साल बाद हरिद्वार व प्रयागराज में आयोजित होता है, जबकि पूर्ण कुंभ 12 साल में एक बार और महाकुंभ 144 वर्षों में एक बार मनाया जाता है।
- पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें जिन चार स्थानों (प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक) पर गिरीं थीं, वहीं यह आयोजन होता है।
- 2027 का हरिद्वार अर्धकुंभ अद्वितीय होने वाला है क्योंकि पहली बार शाही स्नान की नई परंपरा जुड़ रही है।
व्यवस्थाएँ और सुविधाएँ
- भीड़ प्रबंधन के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी, सीसीटीवी निगरानी, स्वास्थ्य सेवाएँ, डिजिटल इंफार्मेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- सफाई, सुरक्षा, सार्वजनिक परिवहन, राहत व आपदा प्रबंधन को लेकर भी विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है।youtube
- प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए अस्पताल, शुद्ध पेयजल, भोजन, टेंट व आवासीय व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करेगा।
प्रमुख स्नान तिथियाँ (संभावित)
स्नान पर्व | तिथि |
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मकर संक्रांति | 14 जनवरी 2027 |
महाशिवरात्रि (1st अमृत स्नान) | 6 मार्च 2027 |
सोमवती अमावस्या (2nd शाही स्नान) | 8 मार्च 2027 |
वैशाखी/मेष संक्रांति (3rd अमृत स्नान) | 14 अप्रैल 2027 |
निष्कर्ष
हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 की तैयारियाँ अभूतपूर्व स्तर पर चल रही हैं। उत्तराखंड सरकार सारे कार्यों को समय पर पूर्ण करने के लिए तत्पर है, ताकि देश-दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु श्रद्धा व सहूलियत के साथ इस महामेले में भाग ले सकें।
यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है।