योग में “बंद” (Bandha) और “चक्र” (Chakra) क्या है? (EN)

योग में “बंद” (Bandha) और “चक्र” (Chakra) दो बहुत महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं, जो हमारे शरीर, मन और ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करती हैं। आइए इन्हें सरल और विस्तार से समझते हैं।

योग में “बंद” (Bandha) क्या है?

“बंद” का अर्थ है – बांधना, रोकना या लॉक करना। योग में बंद का मतलब है शरीर के किसी विशेष हिस्से को इस तरह से संकुचित या लॉक करना कि वहां की ऊर्जा (प्राण) एक जगह संचित हो जाए और फिर उसे नियंत्रित तरीके से पूरे शरीर में प्रवाहित किया जा सके। बंद लगाने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह नियंत्रित होता है, जिससे मानसिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं।

मुख्य तीन प्रकार के बंद

1. मूलबंध (Moola Bandha)

  • स्थान: मूलाधार चक्र (रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से) के पास।

  • कैसे करें: गुदा द्वार (anal sphincter) की मांसपेशियों को ऊपर की ओर खींचें और रोकें।

  • लाभ: इससे ऊर्जा ऊपर की ओर उठती है, मन एकाग्र होता है, और आत्म-नियंत्रण बढ़ता है।

2. उड्डीयान बंध (Uddiyana Bandha)

  • स्थान: पेट के ऊपरी हिस्से में, नाभि के ऊपर।

  • कैसे करें: सांस छोड़कर पेट को अंदर की ओर खींचें, जिससे पेट की दीवार रीढ़ की हड्डी से लग जाए।

  • लाभ: पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट की चर्बी कम होती है, और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।

3. जालंधर बंध (Jalandhara Bandha)

  • स्थान: गला (throat lock)

  • कैसे करें: गर्दन को झुकाकर ठुड्डी को छाती से लगाएं और गले को हल्का सा दबाएं।

  • लाभ: थायरॉइड ग्रंथि को संतुलित करता है, दिमाग शांत होता है, और प्राणायाम के दौरान ऊर्जा को नियंत्रित करता है।

4. महाबंध (Maha Bandha)

जब ये तीनों बंद एक साथ लगाए जाते हैं, तो उसे महाबंध कहा जाता है। इससे शरीर और मन में गहरी ऊर्जा का संचार होता है।

योग में “चक्र” (Chakra) क्या है?

“चक्र” का अर्थ है – पहिया या घूर्णन करने वाली शक्ति। योग में चक्र हमारे शरीर में स्थित ऊर्जा केंद्र हैं, जो सूक्ष्म शरीर (subtle body) में स्थित होते हैं। इन्हें अदृश्य ऊर्जा के केंद्र भी कहा जाता है, जो हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

मुख्य सात चक्र

1. मूलाधार चक्र (Muladhara Chakra)

  • स्थान: रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से में, गुदा द्वार के पास।

  • रंग: लाल

  • संबंध: सुरक्षा, स्थिरता, और आधार।

  • महत्व: यह चक्र हमारी मूलभूत जरूरतों और सुरक्षा की भावना से जुड़ा है। जब यह संतुलित रहता है, तो हमें जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास मिलता है।

2. स्वाधिष्ठान चक्र (Swadhisthana Chakra)

  • स्थान: नाभि के नीचे, जननांग क्षेत्र में।

  • रंग: नारंगी

  • संबंध: रचनात्मकता, भावनाएँ, और आनंद।

  • महत्व: यह चक्र हमारी इच्छाओं, भावनाओं और रचनात्मकता को नियंत्रित करता है। संतुलित होने पर व्यक्ति खुशमिजाज और रचनात्मक रहता है।

3. मणिपुर चक्र (Manipura Chakra)

  • स्थान: नाभि के ऊपर, पेट के बीच में।

  • रंग: पीला

  • संबंध: शक्ति, आत्म-विश्वास, और नियंत्रण।

  • महत्व: यह चक्र आत्म-सम्मान, इच्छाशक्ति और आत्म-नियंत्रण से जुड़ा है। जब यह संतुलित होता है, तो व्यक्ति में नेतृत्व की क्षमता और आत्मविश्वास आता है।

4. अनाहत चक्र (Anahata Chakra)

  • स्थान: ह्रदय के पास, छाती के बीच में।

  • रंग: हरा

  • संबंध: प्रेम, दया, और करुणा।

  • महत्व: यह चक्र प्रेम, दया और संबंधों से जुड़ा है। जब यह संतुलित होता है, तो व्यक्ति दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूति रखने वाला बनता है।

5. विशुद्धि चक्र (Vishuddha Chakra)

  • स्थान: गले के पास।

  • रंग: नीला

  • संबंध: संचार, अभिव्यक्ति, और सत्य।

  • महत्व: यह चक्र संवाद और आत्म-अभिव्यक्ति से जुड़ा है। संतुलित होने पर व्यक्ति अपनी बात खुलकर और स्पष्टता से कह सकता है।

6. आज्ञा चक्र (Ajna Chakra)

  • स्थान: दोनों भौंहों के बीच, माथे के बीच में (तीसरी आंख)।

  • रंग: इंडिगो (गहरा नीला)

  • संबंध: अंतर्ज्ञान, बुद्धि, और कल्पना।

  • महत्व: यह चक्र बुद्धि, अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता से जुड़ा है। जब यह संतुलित होता है, तो व्यक्ति को सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।

7. सहस्रार चक्र (Sahasrara Chakra)

  • स्थान: सिर के ऊपर, क्राउन पर।

  • रंग: बैंगनी या सफेद

  • संबंध: आध्यात्मिकता, ब्रह्मज्ञान, और चेतना।

  • महत्व: यह चक्र आत्मज्ञान और ब्रह्मांड से जुड़ाव का प्रतीक है। जब यह सक्रिय होता है, तो व्यक्ति को गहरी शांति और आनंद की अनुभूति होती है।

बंद और चक्र का आपसी संबंध

योग में बंद और चक्र दोनों ही ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। जब हम बंद लगाते हैं, तो शरीर में ऊर्जा को एक जगह रोका जाता है, जिससे वह ऊर्जा चक्रों के माध्यम से ऊपर की ओर प्रवाहित होती है। इससे चक्रों का संतुलन बना रहता है और व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहता है।

  • मूलबंध मुख्य रूप से मूलाधार चक्र को सक्रिय करता है।

  • उड्डीयान बंध मणिपुर चक्र को ऊर्जा देता है।

  • जालंधर बंध विशुद्धि चक्र को संतुलित करता है।

जब ये चक्र संतुलित और सक्रिय होते हैं, तो जीवन में सकारात्मकता, ऊर्जा, और संतुलन बना रहता है।

बंद और चक्रों के लाभ

  1. शारीरिक स्वास्थ्य: शरीर की ऊर्जा का सही प्रवाह, अंगों का बेहतर कार्य, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।

  2. मानसिक स्वास्थ्य: मन की एकाग्रता, तनाव में कमी, भावनाओं पर नियंत्रण।

  3. आध्यात्मिक विकास: आत्मज्ञान, आंतरिक शांति, ब्रह्मांड से जुड़ाव की भावना।

  4. जीवन में संतुलन: रिश्तों में सुधार, आत्मविश्वास, और सकारात्मक सोच।

निष्कर्ष

योग में बंद और चक्र दोनों ही हमारे शरीर और मन को संतुलित करने के लिए बहुत जरूरी हैं। बंद लगाने से ऊर्जा का प्रवाह नियंत्रित होता है, और चक्रों को संतुलित किया जा सकता है। जब हम नियमित रूप से योग और प्राणायाम के साथ बंद और चक्रों पर ध्यान देते हैं, तो हमारा जीवन अधिक स्वस्थ, खुशहाल और संतुलित बनता है। इन अवधारणाओं को समझना और जीवन में अपनाना, आत्म-विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  • Related Posts

    शेयर बाजार में ये स्टॉक्स दिला सकते हैं 27% से अधिक रिटर्न: जानें एक्सपर्ट्स की राय

    यहाँ दिए गए Economic Times के लेख का हिंदी सारांश और विस्तृत 3अनुवादित लेख प्रस्तुत है, जिसमें प्रमुख तथ्यों, सेक्टर की चर्चा, विश्लेषकों की राय, और आपको निवेश में सावधानी…

    Continue reading
    पिछले 10 साल में NPS या म्यूच्यूअल फण्ड किसने दी ज्यादा रिटर्न ?

    NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) और म्यूचुअल फंड दोनों ही निवेश के दो प्रमुख साधन हैं, जो पिछले दशक में भारतीय निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुए हैं। दोनों में निवेश…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कभी शिव जी तो कभी दुर्गा जी तो कभी राम जी, किसी से तो काम बनेगा! Bhajan Marg

    कभी शिव जी तो कभी दुर्गा जी तो कभी राम जी, किसी से तो काम बनेगा! Bhajan Marg

    इस अनोखे इलाज के बिना दिल्ली NCR का प्रदूषण ख़त्म नहीं हो सकता

    इस अनोखे इलाज के बिना दिल्ली NCR का प्रदूषण ख़त्म नहीं हो सकता

    बचत खाता: आपकी बचत को नहीं, बल्‍कि उसकी गति को धीमा करता है

    बचत खाता: आपकी बचत को नहीं, बल्‍कि उसकी गति को धीमा करता है

    हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: किरायेदार जिन्‍होंने किराया नहीं दिया व दुकान अवैध रूप से सबलेट की, उन्‍हें बेदखली का आदेश

    हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: किरायेदार जिन्‍होंने किराया नहीं दिया व दुकान अवैध रूप से सबलेट की, उन्‍हें बेदखली का आदेश

    विरासत में मिली संपत्ति: संपत्ति, ईपीएफ, एफडी आदि प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया

    विरासत में मिली संपत्ति: संपत्ति, ईपीएफ, एफडी आदि प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया

    पेंशन और सेवा ग्रेच्युटी नियम: केंद्र ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति झेल रहे सरकारी कर्मचारियों की पात्रता स्पष्ट की

    पेंशन और सेवा ग्रेच्युटी नियम: केंद्र ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति झेल रहे सरकारी कर्मचारियों की पात्रता स्पष्ट की