एक सैनिक से विरक्त संत बनने की प्रेरणादायक कहानी (EN)

श्री नवल नगरी बाबा जी की जीवन यात्रा: एक सैनिक से विरक्त संत बनने की प्रेरणादायक कहानी

Keywords: नवल नगरी बाबा जी, वृंदावन वास, संत जीवन, भारतीय सेना, सत्संग, Sadgurudev Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, श्री हित राधा केली कुंज, जीवन परिवर्तन, भक्ति मार्ग, ब्रह्मचर्य, गुरु कृपा

प्रस्तावना

आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व की कहानी से रूबरू कराएंगे, जिन्होंने भारतीय सेना की सेवा छोड़कर संन्यास और भक्ति का मार्ग चुना। यह कहानी है श्री नवल नगरी बाबा जी की, जिन्होंने अपने जीवन में अद्भुत परिवर्तन का अनुभव किया और वृंदावन धाम में स्थायी वास को ही जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य मान लिया। यह लेख उसी वीडियो (Guru Kripa Kevalam) पर आधारित है, जिसमें बाबा जी ने अपने जीवन के संघर्ष, गुरु कृपा और भक्ति मार्ग की महिमा को साझा किया है।

श्री नवल नगरी बाबा जी का प्रारंभिक जीवन

श्री नवल नगरी बाबा जी का जन्म पंजाब के पठानकोट में हुआ था। उनके पिता भारतीय सेना में कार्यरत थे और माता जी आर्ट एंड क्राफ्ट की टीचर थीं। बचपन से ही बाबा जी के मन में देश सेवा की भावना थी, और यही कारण था कि उन्होंने 2008 में भारतीय सेना ज्वाइन की। सेना में सेवा के दौरान उन्होंने अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति के गुण सीखे।

सेना से संत बनने की यात्रा

सत्संग से जीवन परिवर्तन

2016 में पहली बार बाबा जी को वृंदावन आने का अवसर मिला। जहाँ वह रह रहे थे, वहां एक झाड़ू लगाने वाली ने उन्हें महाराज जी के सत्संग सुनने के लिए प्रेरित किया. वो महाराज जी के रोज सत्संग सुनती थी. वह उनके साथ महाराज जी के सत्संग सुनने चल पड़े. वहां उन्होंने पूज्य सदगुरुदेव श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का सत्संग सुना। ब्रह्मचर्य और अखंड वृन्दावन वास विषय पर हुए उस सत्संग ने उनके जीवन को झकझोर कर रख दिया। महाराज जी के ओजस्वी वचनों, तेजस्वी चेहरे और अलौकिक आकर्षण ने बाबा जी के मन में भक्ति और वैराग्य की ज्वाला जगा दी।

वृंदावन का आकर्षण

पहली ही मुलाकात में बाबा जी को ऐसा लगा मानो उनका असली घर वृंदावन ही है। सत्संग के प्रभाव से उनका मन संसारिक बंधनों से हटकर केवल भक्ति और भगवान की प्राप्ति की ओर केंद्रित हो गया। उन्होंने बार-बार वृंदावन आना शुरू किया, और हर बार महाराज जी के सत्संग में बैठकर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की।

परिवार का विरोध और सामाजिक संघर्ष

जब बाबा जी ने सेना छोड़कर वृंदावन में स्थायी वास का निर्णय लिया, तो परिवार और समाज में भारी विरोध हुआ। माता-पिता, रिश्तेदार और गाँव के लोग इस निर्णय से नाखुश थे। लेकिन बाबा जी के मन में गुरु कृपा और भक्ति का ऐसा बल था कि वे डटे रहे। धीरे-धीरे, सत्संग और भक्ति के प्रभाव से परिवार वालों का भी मन बदल गया। आज वही माता-पिता बार-बार वृंदावन आते हैं और बाबा जी के निर्णय पर गर्व करते हैं।

वृंदावन वास और संत जीवन

2017 से बाबा जी स्थायी रूप से वृंदावन में रह रहे हैं। उनका दिनचर्या पूरी तरह भक्ति, सेवा और सत्संग में व्यतीत होता है। महाराज जी के साथ सुबह यमुना स्नान, सत्संग, सेवा और रात्रि में चरण सेवा—यह सब उनके जीवन का हिस्सा बन गया है। बाबा जी मानते हैं कि यह सब केवल गुरु कृपा और श्री जी के संकल्प से ही संभव हुआ है।

संत जीवन की प्रेरणा और संदेश

श्री नवल नगरी बाबा जी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे गुरु और सत्संग की कृपा से जीवन का कोई भी मार्ग बदल सकता है। संसारिक मोह-माया, सामाजिक विरोध और पारिवारिक बंधन—ये सब भक्ति मार्ग में बाधा नहीं बन सकते, यदि मन में सच्ची लगन और गुरु का आशीर्वाद हो।

निष्कर्ष

श्री नवल नगरी बाबा जी का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो आध्यात्मिकता, भक्ति और आत्मिक शांति की तलाश में हैं। उनका अनुभव बताता है कि जीवन में सच्चा सुख केवल भगवान की भक्ति, सत्संग और गुरु कृपा में ही है। यदि आप भी जीवन में परिवर्तन चाहते हैं, तो एक बार सच्चे संतों के सत्संग में अवश्य जाएं। गृहस्थ रहकर भी आप भगवान् को प्राप्त कर सकते हैं. बस गुरु का आश्रय चाहिए.

संबंधित लिंक

अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो कृपया शेयर करें, और अपने विचार कमेंट में जरूर लिखें। जय श्री राधे!

  • Related Posts

    Safe प्लॉट ख़रीदे, ये चार बिन्दु जाने नहीं तो पैसा डूब जाएगा

    यहां प्रस्तुत है वीडियो (“Legal और Safe प्रॉपर्टी ख़रीदने चाहते हैं तो पहले ये चारों बिन्दु जान लीजिए नहीं तो पैसा डूब जाएगा | Building Byelaws-2025”) का विस्तार से, गहराई…

    Continue reading
    बेटा वापस आ जाओ, मैं मिस करता हूँ- शिखर धवन

    शिखर धवन के हालिया इंटरव्यू में उनका दर्द और भावनाएँ साफ तौर पर झलकती हैं। उन्होंने खुलकर बताया कि कैसे अपने बेटे और बच्चों से दूर होना उनके लिए सबसे…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कौन सी चीज है जिसके पीछे इंसान जन्म से मृत्यु तक दौड़ता रहता है ?

    कौन सी चीज है जिसके पीछे इंसान जन्म से मृत्यु तक दौड़ता रहता है ?

    Gold Price : Chandni Chowk का माहौल और क्या बोले Expert?

    Gold Price : Chandni Chowk का माहौल और क्या बोले Expert?

    शरीर में जमी गन्दगी कैसे निकाले

    शरीर में जमी गन्दगी कैसे निकाले

    लड़ते-लड़ते थक गया हूँ, हस्तमैथुन की लत नहीं छूट रही

    लड़ते-लड़ते थक गया हूँ, हस्तमैथुन की लत नहीं छूट रही

    बोर्ड परीक्षा, मेमोरी बूस्ट, स्टडी हैक्स, मोटिवेशन- प्रशांत किराड के टिप्स

    बोर्ड परीक्षा, मेमोरी बूस्ट, स्टडी हैक्स, मोटिवेशन- प्रशांत किराड के टिप्स

    द कंपाउंड इफ़ेक्ट : किताब आपकी आय, जीवन, सफलता को देगी गति

    द कंपाउंड इफ़ेक्ट : किताब आपकी आय, जीवन, सफलता को देगी गति