विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का हाल ही में महाराज जी के चरणों में बैठकर दीक्षा/आशीर्वाद लेना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि आधुनिक दौर में आस्था और सादगी की एक बड़ी मिसाल बन गया है। यह घटना दिखाती है कि शोहरत और सफलता के शिखर पर पहुंचे लोग भी अंत में शांति, गुरु और ईश्वर की शरण ही ढूंढते हैं।
मुलाकात की पृष्ठभूमि
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा कई बार उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित अपने गुरु प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम जा चुके हैं।
साल 2025 के अंत में भी यह कपल फिर से महाराज जी के आश्रम पहुँचा, जहाँ उन्होंने सादे कपड़ों में, सामान्य भक्तों की तरह सत्संग में बैठकर प्रवचन सुना और आशीर्वाद लिया।
सादगी भरा रूप और भक्ति भाव
आमतौर पर रेड कार्पेट और ग्लैमरस इवेंट्स पर दिखने वाला यह जोड़ा आश्रम में बिल्कुल साधारण और सादगी भरे कपड़ों में नजर आया। अनुष्का साधारण सूट में और विराट हुडी और पैंट में, बिना किसी दिखावे के फर्श पर बैठकर हाथ जोड़कर महाराज जी की बातें सुनते दिखे।
उनके चेहरे पर जिस श्रद्धा और शांति का भाव दिखा, उससे साफ था कि यह मुलाकात publicity के लिए नहीं, बल्कि सच्चे मन से आध्यात्मिक जुड़ाव के लिए थी।
महाराज जी की सीख और जीवन दृष्टि
प्रेमानंद जी महाराज ने विराट और अनुष्का सहित सभी भक्तों को समझाया कि इंसान का अंतिम लक्ष्य अपने सृजनकर्ता से मिलना है, चाहे वह इस जन्म में हो या अगले जन्म में।
उन्होंने यह भी कहा कि अपने काम को भगवान की सेवा मानकर, विनम्रता, गंभीरता और नामजप के साथ जीवन जीना चाहिए, तभी असली संतोष और सुख मिलता है।
“हम आपके हैं” – अनुष्का का भावुक पल
सत्संग के दौरान जब महाराज जी भगवान से मिलने की लालसा और शरणागति की बात कर रहे थे, तब अनुष्का शर्मा भावुक होकर मुस्कुराते हुए बोलीं, “हम आपके हैं महाराज जी।”
इसके जवाब में महाराज जी ने कहा कि “हम सब श्री जी के हैं, उनकी छत्रछाया में हैं, हम सब उसी के बच्चे हैं”, यानी अंत में हर रिश्ता ईश्वर से ही जुड़कर पूर्ण होता है।
दीक्षा और तुलसी की कंठी की चर्चा
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और पोस्ट में यह चर्चा भी दिखी कि विराट और अनुष्का ने परंपरागत दीक्षा ली और उनके गले में तुलसी की कंठी दिखाई दी।
कई भक्ति-पेज और भक्तों ने लिखा कि महाराज जी ने उन पर विशेष कृपा की, उन्हें “अपना” बना लिया और वे खाली हाथ नहीं लौटे, बल्कि तिलक, कंठी और एक नई आध्यात्मिक पहचान लेकर गए।
विराट की विनम्रता और बदलती छवि
सत्संग के दौरान विराट कोहली को कई लोगों ने बच्चों की तरह सिर हिलाकर, ध्यान से सुनते हुए देखा, जो उनकी विनम्रता और गुरु के प्रति सम्मान को दिखाता है।
फैंस ने कमेंट में लिखा कि पहले जो विराट मैदान पर गुस्से और आक्रामक स्वभाव के लिए जाने जाते थे, अब वे अधिक शांत, संतुलित और आध्यात्मिक दिखाई देते हैं, और इसमें अनुष्का का बड़ा योगदान माना गया।
सालों से चल रहा आध्यात्मिक सफर
यह पहली बार नहीं है कि यह कपल महाराज जी के पास पहुँचा है; वे पिछले कुछ वर्षों से हर साल सर्दियों में वृंदावन और आश्रम पहुँचकर दर्शन और आशीर्वाद लेते रहे हैं।
वे अपने बच्चों वामिका और अकाय को भी गुरु के पास ले जा चुके हैं, ताकि बचपन से ही उन्हें श्रद्धा, सादगी और आध्यात्मिकता का संस्कार मिले।
परिवार, करियर और आस्था का संतुलन
विराट कोहली दुनिया के सबसे व्यस्त और सफल क्रिकेटरों में से एक हैं और अनुष्का शर्मा फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री हैं, फिर भी दोनों समय निकालकर गुरु के पास पहुँचते हैं।
यह दिखाता है कि प्रसिद्धि और व्यस्तता के बीच भी अगर संकल्प हो तो परिवार, करियर और आध्यात्मिक जीवन के बीच संतुलन बनाया जा सकता है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
जैसे ही उनके आश्रम से वीडियो और फोटो सामने आए, सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ दीं। किसी ने लिखा कि “सब लोग मेसी से मिल रहे हैं, उधर विराट कोहली प्रेमानंद जी से मिल रहे हैं”, तो किसी ने कहा “अनुष्का ने विराट की जिंदगी बदल दी, यही पत्नी की शक्ति है।”
कुछ ने उनकी भक्ति की प्रशंसा की, तो कुछ ने दीक्षा, कंठी और उनके नए आध्यात्मिक रूप पर चर्चा की, जिससे यह मुलाकात एक राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गई।
दीक्षा का अर्थ और आम लोगों के लिए संदेश
दीक्षा केवल एक रस्म नहीं, बल्कि जीवन को एक नई दिशा देने वाला संकल्प मानी जाती है, जिसमें व्यक्ति यह निश्चय करता है कि वह अपने आचरण, आहार और विचारों को अधिक शुद्ध और सजग बनाएगा।
विराट और अनुष्का जैसे बड़े सितारों का यह कदम आम युवाओं के लिए यह संदेश देता है कि सच्ची महानता सिर्फ पैसे और नाम में नहीं, बल्कि विनम्रता, गुरु-भक्ति और अच्छे चरित्र में भी होती है।
आध्यात्मिकता और आधुनिक जीवन
आज के व्यस्त, तनाव भरे और मोबाइल से भरे जीवन में ज्यादातर लोग मानसिक शांति खोज रहे हैं। विराट-अनुष्का की यह आस्था दिखाती है कि सफल, पढ़े-लिखे, आधुनिक लोग भी ध्यान, भक्ति, गुरु और सत्संग की ओर लौट रहे हैं।
इससे यह समझ आता है कि भले ही टेक्नोलॉजी और चमक-दमक बढ़ गई हो, लेकिन दिल की सच्ची शांति आज भी ईश्वर के नाम, सेवा, और साधना से ही मिलती है।
निष्कर्ष की जगह एक सीख
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का महाराज जी से दीक्षा और आशीर्वाद लेना यह दिखाता है कि जीवन में ऊँचाइयाँ छूने के बाद भी अगर इंसान अपने गुरु और ईश्वर को नहीं भूलता, तो उसकी चमक और भी बढ़ जाती है।
आम लोगों के लिए इसमें सबसे बड़ा संदेश यही है कि चाहे काम कोई भी हो – खेल, पढ़ाई, नौकरी या व्यापार – अगर उसे सेवा मानकर, सादगी, भक्ति और अच्छे विचारों के साथ किया जाए, तो सफलता के साथ-साथ मन की शांति भी मिलती है।






