विराट कोहली और अनुष्का शर्मा तक भले यह आर्टिकल पहुंचे या नहीं पहुचे, लेकिन जो लोग यह आर्टिकल पढ़े, वह यह जरुर करे कि जीवन में जब भी वह किसी महान संत के पास जाए, तो अपने मंगल के लिए सिर्फ दर्शन और आशीर्वाद लेने ना जाए. मेरी सबसे अपील है कि हमें संत जी की बातों को अपने जीवन में अपनानी चाहिए. जिस दिन से ऐसा हम करेंगे, हमारा अच्छा समय उस दिन से शुरू हो जाएगा.
विराट और अनुष्का को बहुत धन्यवाद
मुझ जैसे लाखों लोगों को शायद सबसे पहले परम पूज्य वृंदावन रसिक संत श्री हित प्रेमानन्द गोविन्द शरण जी महाराज के बारे में तब पता चला था, जब विराट और अनुष्का महाराज जी से मिलने वृन्दावन गए थे. इसके लिए मैं दोनों को बहुत धन्यवाद करता हूँ कि हमें आपके जरिये ऐसे छिपे हुए महान संत के बारे में पता चला. जीवन की ना जाने कितनी गन्दी बातें जो हम जानकर भी उसको अपने से अलग नहीं कर पा रहे थे, वो महाराज जी की वाणी के बल पर हम छोड़ पाए.
आहार में शुद्धता
इन गन्दी बातों में सबसे ऊपर है, आहार में शुद्धता. परम पूज्य वृंदावन रसिक संत श्री हित प्रेमानन्द गोविन्द शरण जी महाराज आहार की शुद्धता पर काफी जोर देते हैं. जब भी कोई साधक भगवान् को पाने के लिए महाराज जी से सवाल पूछता है तो वह आहार शुद्ध करने की बात करते है. आहार शुद्ध करने का अर्थ है कि अपने खाने में अभक्ष पदार्थ, मीट, मांस, अंडा आदि मांसाहार चीजो को हटाना. साथ ही महाराज जी अपने खाने से प्याज और लहसुन को भी हटाने के लिए कहते है. वह यह बात अपने मन से नहीं बल्कि शास्त्र में स्पष्ट रूप से लहसुन और प्याज को निषेध किया गया है. महाराज जी कहते है कि प्याज और लहसुन को माँसाहारी भोजन खाने की तरह पाप नहीं लगेगा लेकिन ये भगवान् की भक्ति में उसे बाधा पहुंचाएगा.
विराट का रेस्तरां
आप शायद जानते होंगे या नहीं जानते होंगे तो जान ले कि विराट ने मुंबई में एक रेस्तरां शुरू किया है. फ़िल्म कलाकार किशोर कुमार जी के बंगले में यह रेस्तरां बनाया गया है. इस रेस्तरां की खासियतों को लेकर मीडिया, सोशल मीडिया में बहुत कुछ लिखा और बोला गया है. kaisechale.com में भी इसे लेकर एक आर्टिकल लिखा गया था.
रेस्तरां के मेन्यु को देखकर बहुत निराशा हुई. सलाद से लेकर मेन मेन्यु तक में चिकेन, लैम्ब, मछली के मांस से बने अभक्ष खाने दिए गए है. विराट ने शायद एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने मांसहारी भोजन और शराब आदि पीना छोड़ दिया है. अगर ऐसा है तो अपने रेस्तरां में दूसरों के लिए अभक्ष भोजन क्यों रखा गया है.
महाराज जी से तीसरी मुलाक़ात
जब विराट ने इसी साल टेस्ट और टी-20 क्रिकेट से संन्यास लिया था, तो वह महाराज जी के दर्शन के लिए तीसरी बार अनुष्का के साथ वृन्दावन आये थे. जब विराट और अनुष्का बहुत गंभीर थे. क्योंकि पिछली और दूसरी मुलाक़ात में दोनों बहुत प्रफुल्लित दिख रहे थे. तीसरी मुलाक़ात में महाराज जी ने दोनों को कहा था, अब अपना सुधार करो. अन्दर का चिन्तन आपका बदल जाएँ, अन्दर के चिन्तन में आपको यश और धन बढाने की भावना ना रह जाएं.
अनुष्का ने महाराज जी से क्या पूछा था
उस मुलाक़ात के दौरान अनुष्का ने महाराज जी से पूछा, बाबा क्या नाम जप से हो जाएगा ? महाराज जी ने कहा था, बिलकुल हो जाएगा. महाराज जी के प्रवचनों का सार यह रहता है कि नाम जप के साथ साथ आपको पाप करना छोड़ना होगा, दोनों एक साथ नहीं चल सकते. वहीँ मांस खाने वाला दोषी है, उतना ही मांस को काटने वाला और उसे बेचने वाला भी दोषी है. हम यहाँ निंदा नहीं करना चाहते बल्कि एक अपील है. मैं आशा करता हूँ कि विराट और अनुष्का दोनों गलती को जल्द सही करे और परमार्थ के रास्ते में आगे बढे. राधे राधे 🙏







