यह लेख इकनॉमिक टाइम्स का है और इसका शीर्षक है: “वो लार्ज और मिड-कैप स्टॉक्स जो विश्लेषकों के अनुसार एक वर्ष में 25% से अधिक रिटर्न दे सकते हैं।” नीचे इसका विस्तृत हिंदी विवरण दिया गया है, जो मूल लेख की भावना, निवेश परिदृश्य और बाजार विश्लेषण को समेटता है।
भारतीय शेयर बाजार का मौजूदा मिज़ाज
भारतीय शेयर बाजार ने पिछले कुछ महीनों में मजबूत तेजी दिखाई है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने रिकॉर्ड उच्च स्तरों के करीब हैं। विश्लेषकों का कहना है कि बाज़ार का समग्र रुख तेजी का है, लेकिन अस्थिरता का जोखिम हमेशा मौजूद रहता है। वैश्विक स्तर पर टैरिफ, तेल की कीमतें और भू-राजनीतिक तनाव जैसे कारक बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।
अल्पावधि में इन कारकों के कारण गिरावट आ सकती है, लेकिन मध्यम से दीर्घावधि में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव और कंपनियों की आय-वृद्धि इसे स्थिर बनाए रखेगी। निवेशक वर्ग के लिए यह ऐसा समय है जब उन्हें कंपनियों के तिमाही (Q2) नतीजों और प्रबंधन के बयानों को ध्यानपूर्वक देखकर कदम उठाना चाहिए।
निवेश रणनीति: कंपनियों के नतीजों पर ध्यान
विश्लेषकों का कहना है कि अभी उन कंपनियों में निवेश करना समझदारी होगी जिनके तिमाही नतीजों में सुधार के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। वही कंपनियां आने वाले महीनों में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगी जिनकी वित्तीय स्थिति, ऋण प्रबंधन और भविष्य के ऑर्डर बुक मजबूत हैं।
कई ब्रोकरेज फर्म्स जैसे मोतीलाल ओसवाल, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और कोटक सिक्योरिटीज ने कुछ ऐसे लार्ज और मिड-कैप शेयरों की पहचान की है जो आगामी 12 महीनों में 25% या उससे अधिक रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
विश्लेषकों की पसंद: प्रमुख लार्ज और मिड-कैप शेयर
- रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL):
निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, ऊर्जा, दूरसंचार और खुदरा कारोबार में मजबूत विस्तार जारी है। जियो प्लेटफॉर्म्स और रिटेल वेंचर से जबरदस्त नकदी प्रवाह कंपनी को स्थायित्व प्रदान कर रहा है। - लार्सन एंड टुब्रो (L&T):
भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर कहानी का सबसे प्रमुख खिलाड़ी। सरकार के पूंजीगत व्यय (Capex) में भारी वृद्धि से L&T को दीर्घकालिक लाभ होगा। - आईसीआईसीआई बैंक:
इस प्राइवेट बैंक की बैलेंसशीट बेहद मजबूत है। एनपीए का स्तर न्यूनतम है और जमा पर अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। - भारती एयरटेल:
डाटा खपत में बढ़ती मांग, 5G रोलआउट और ARPU (Average Revenue per User) में निरंतर सुधार के चलते एयरटेल को अगले साल 25% से ज्यादा अपसाइड मिल सकती है। - अदानी पोर्ट्स एंड एसईज़ेड:
भले ही हालिया दौर में समूह पर कई विवाद हुए हों, परंतु व्यापार विस्तार और कर्ज प्रबंधन में सुधार कंपनी की वापसी को मजबूत बना रहा है। - टीसीएस और इंफोसिस:
आईटी सेक्टर में फिलहाल मिश्रित संकेत हैं, लेकिन एआई और क्लाउड से जुड़ी सेवाओं की भारी मांग आने वाले वर्षों में तेज़ वृद्धि को संभव बना सकती है। - मारुति सुजुकी:
बढ़ती ऑटो बिक्री और हाइब्रिड वाहनों की नई रेंज से मारुति के मुनाफे में निरंतर सुधार की उम्मीद है। - अल्पाइन हाउसिंग, अशोका बिल्डकॉन और पीएनसी इन्फ्राटेक:
मिडकैप इंफ्रा स्पेस में ये कंपनियां सरकार की सड़कों और रेल परियोजनाओं से बड़े लाभ की स्थिति में हैं। - टाटा पावर और अदानी ग्रीन:
ग्रीन एनर्जी और नवीकरणीय प्रोजेक्ट्स की बढ़ती मांग इन दोनों कंपनियों को प्रमुख लाभार्थी बना रही है।
सेक्टोरल ट्रेंड्स और भविष्य का दृष्टिकोण
- बैंकिंग और वित्त सेवाएं (BFSI): ब्याज दरों में स्थिरता के चलते कर्ज मांग बढ़ रही है। बेहतर क्रेडिट ग्रोथ इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकती है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स: सरकार के बजट में पूंजीगत खर्च में उछाल से इस क्षेत्र पर बुलिश दृष्टिकोण बना हुआ है।
- फार्मा और हेल्थकेयर: हालिया समय में कुछ ठहराव दिखा है, लेकिन वैश्विक मांग और घरेलू स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि भविष्य में सुधार लाएगी।
- आईटी सेक्टर: मंदी की आशंकाओं से दबाव है, हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड सेवाओं का पुटेंशियल इसे दीर्घकालिक विजेता बना सकता है।
निवेशकों के लिए सावधानियाँ
- लघु अवधि की तेजी या गिरावट से प्रभावित होकर हड़बड़ी में खरीदारी न करें।
- उच्च मूल्यांकन वाले स्टॉक्स में केवल आंशिक निवेश करें।
- कंपनी के प्रबंधन, ऋण स्तर और आय की स्थिरता पर विशेष ध्यान दें।
- पोर्टफोलियो में विविधता रखें ताकि जोखिम संतुलित रहे।
निष्कर्ष
विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय बाजार की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। आने वाली तिमाहियों में अगर वैश्विक अनिश्चितताएँ न बढ़ें, तो भारतीय कंपनियों की आय में 15-18% वार्षिक वृद्धि की संभावना है। इस परिदृश्य में लार्ज और मिड-कैप शेयर निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रस्तुत करते हैं।
यह सारांश लेख “These large- and mid-cap stocks can give more than 25% return in 1 year according to analysts” का हिंदी विस्तार रूपांतरण है जो निवेशकों को बाजार की दिशा, प्रमुख स्टॉक्स, और निवेश रणनीति की गहरी समझ प्रदान करता है।






