कलयुग में सिर्फ खराब चीजे ही नहीं है, एक महिमामय प्रभाव भी है, समझ लोंगे तो कभी परेशान नहीं होंगे
इस अंगरक्षक को अपने साथ रखो
SPRITUALITY
जब सतयुग और त्रेता युग में सैंकड़ो यज्ञ की जाती थी, उन सैंकड़ों यज्ञों का जो फल होता था वो सारा का सारा फल कलयुग में नाम जप, नाम कीर्तन से प्राप्त हो जाएगा।
बड़ा महिमामय प्रभाव कलयुग का इस बात को लेकर है कि यह नाम जप से बहुत जल्द सिद्धि प्राप्त कराता है।
कैसे पहचाने कि हम पर कलयुग का विष चढ़ गया है या नहीं ?
अगर इनमें से कोई कपट, छल, झूठ, हिंसा, चोरी, व्यभिचार, मांस खाना, शराब पीना, जुआ खेलना, किसी तरह का जुआ खेलता है, वो सब कलियुग का प्रभाव आ चुका है।
कोई भी बाधा सता नहीं सकती, जिसकी जीभ पर नामजप है। इसलिए रात दिन नाम का एक अंगरक्षक रखो। वो तुम्हे बचाता रहेगा।
अभी मनमानी कर लो, आगे डिप्रेशन में आ जाओंगे। बार बार सोचने और ओवरथिंकिंग करने से मन डर में डूबने लगता है। बहुत सावधान, नाम चलाओ नाम चलाओ। ओवरथिकिंग को नाम से काटो।
मन के चक्कर में मत पड़ो, ये दो चार बार नाम जप करेगा भाग जाएगा। जुबान से चलो, जुबान से नाम जप करो। हमें फल फूल नहीं चाहिए। राधा राधा बोले , कोई विघ्न आपको परास्त नहीं कर पाएगा। हम यह नहीं कहते कि विघ्न आएगा नहीं, लेकिन परास्त नहीं कर पाएगा।
और जब धीरे धीरे मन जब नाम पकड़ लेगा, परम लाभ प्राप्त हो जाएगा। जिनका हृदय से नाम चलता है, उनमें भगवत साक्षात्कार की योग्यता आ जाती है।