विजय केडिया के अनुसार सबसे बड़ा निवेश का खतरा
विजय केडिया के अनुसार, निवेश का सबसे बड़ा खतरा है-धोखाधड़ी वाली कंपनियों या संदिग्ध स्टॉक्स में फंस जाना, जिनमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की कमी होती है67। उन्होंने हाल ही में निवेशकों को ऐसे स्टॉक्स से बचने के लिए 10 प्रमुख “रेड फ्लैग्स” (खतरे के संकेत) बताए हैं, जो निवेशकों को संभावित घोटाले या जोखिम से आगाह करते हैं:
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बड़ी-बड़ी बातें और वादे: कंपनियां जब हकीकत से ज्यादा वादे करती हैं।
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मीडिया में अत्यधिक मौजूदगी: कंपनी हमेशा सुर्खियों में रहने की कोशिश करती है।
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छोटी ग्रोथ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना: मामूली उपलब्धियों को बहुत बड़ा दिखाया जाता है।
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बार-बार फंड जुटाना: बिना स्पष्ट उद्देश्य के बार-बार पूंजी जुटाना।
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अनरिलेटेड बिजनेस में डाइवर्सिफिकेशन: ट्रेंडिंग विषयों का फायदा उठाने के लिए असंबंधित क्षेत्रों में जाना।
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आकर्षक शब्दों का दुरुपयोग: “AI-पावर्ड”, “नेक्स्ट-जेन” जैसे शब्दों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल।
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प्रमोटर्स की चमकदार लाइफस्टाइल: प्रमोटर्स का जीवन कंपनी के प्रदर्शन से मेल नहीं खाता।
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प्रमोटर्स द्वारा शेयर गिरवी रखना: प्रमोटर्स द्वारा अपनी हिस्सेदारी गिरवी रखना।
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प्रमुख कर्मचारियों का बार-बार बाहर जाना: मैनेजमेंट टीम का जल्दी-जल्दी बदलना।
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रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन: कंपनी में जुड़े लोगों के बीच ज्यादा लेन-देन होना67।
इन संकेतों को नजरअंदाज करना निवेशकों के लिए सबसे बड़ा खतरा है, क्योंकि ऐसी कंपनियों में निवेश से पूंजी डूबने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है।
इसके अलावा, विजय केडिया ने डिजिटल युग में डीपफेक और फर्जी सलाह से भी सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने निवेशकों को आगाह किया है कि किसी भी जानकारी या सलाह पर आंख बंद कर भरोसा न करें-हमेशा उसकी सच्चाई जांचें, खासकर जब वह सोशल मीडिया या अनजान स्रोतों से आए5।
सारांश:विजय केडिया के अनुसार, सबसे बड़ा निवेश का खतरा है-धोखाधड़ी वाली कंपनियों की पहचान न कर पाना और बिना जांच-पड़ताल के निवेश करना। निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल, प्रमोटर की साख, और अन्य रेड फ्लैग्स को जरूर परखें