प्रश्न- यदि परिवारमें कोई मर जाय तो मृतात्माकी शान्तिके लिये तथा अपना शोक दूर करनेके लिये क्या करना चाहिये ?
उत्तर- (१) मृतात्मा के लिये विधिवत् नारायणबलि, श्राद्ध-तर्पण आदि करना चाहिये। (२) जब-जब उसकी याद आये, तब-तब उसको भगवान्के चरणोंमें देखना चाहिये। (३) उसके निमित्त गीता-पाठ, भागवत सप्ताह, श्रीरामचरितमानसका नवाह्नपारायण, नाम-जप, कीर्तन आदि करने चाहिये। (४) उसके निमित्त गरीब बालकोंको मिठाई बाँटनी चाहिये। मिठाई मिलनेसे बालक प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी प्रसन्नतासे मृतात्माको भी शान्ति मिलती है और खुदको भी।
सत्संग, कथा-कीर्तन, मन्दिर, तीर्थ आदिमें जानेके विषयमें शोक नहीं रखना चाहिये, प्रत्युत वहाँ जरूर जाना चाहिये। इनमें भी सत्संगकी विशेष महिमा है, क्योंकि सत्संगसे सब प्रकारका शोक दूर होता है।
यह लेख गीता प्रेस की मशहूर पुस्तक “गृहस्थ कैसे रहे ?” से लिया गया है. पुस्तक में विचार स्वामी रामसुख जी के है. एक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक बहुत मददगार है, गीता प्रेस की वेबसाइट से यह पुस्तक ली जा सकती है. अमेजन और फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन साईट पर भी चेक कर सकते है.