Amazon, Flipcart को टक्कर देता देशी ONDC

यहाँ उस लेख (ONDC, सरकार की स्वदेशी ई-कॉमर्स मुहिम) का आसान हिंदी में सारांश एवं विस्तार से लेख प्रस्तुत है:


परिचय

ONDC (Open Network for Digital Commerce) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक बड़ा डिजिटल प्रोजेक्ट है, जिसका मकसद ई-कॉमर्स को बड़े कॉरपोरेट के चंगुल से निकालकर हर किसी के लिए बराबरी का मौका देना है। भारत इस नेटवर्क के ज़रिए Amazon और Flipkart जैसे बिग टेक के एकाधिकार को चुनौती देना चाहता है।​


ONDC क्या है और इसकी शुरुआत क्यों हुई?

ONDC एक ऐसा ओपन नेटवर्क है जहाँ सभी तरह के व्यापारी—छोटे दुकानदार, क्षेत्रीय ब्रांड और बड़े व्यापारी—इंटरनेट पर सामान बेच और खरीद सकते हैं। यह सिस्टम UPI की तरह काम करता है, जैसे UPI के ज़रिए कोई भी ऐप किसी भी बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर कर सकता है, वैसे ही ONDC के ज़रिए हर कोई खुले तौर पर व्यापार कर सकता है।​

ONDC शुरू होने का मुख्य उद्देश्य था कि ऑनलाइन व्यापार में हर किसी को बराबरी का मौका मिले, मनोपॉली (एकाधिकार) न हो और छोटे व्यापारी भी डिजिटल भारत का हिस्सा बन पाएं।


ONDC की तरक्की और शुरुआती कामयाबी

शुरुआत में ONDC ने तेजी से आगे बढ़ना शुरू किया। कई थोक व्यापारी, दुकानदार और ग्राहक इस नेटवर्क से जुड़े। भारत सरकार और नीति आयोग ने भी इसमें खास दिलचस्पी ली। सॉफ्टवेयर कंपनियाँ, फिनटेक, बैंक्स और बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियाँ इन्हें समर्थन देने लगीं।​


ONDC की बड़ी चुनौतियाँ

अब चार साल बाद, ONDC के सामने कई बड़ी चुनौतियाँ हैं:​

  • उपयोगकर्ता घट रहे हैं—ONDC के प्लेटफार्म पर एक्टिव खरीददार की संख्या उम्मीद से कम है।
  • निवेश में कमी—इस नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए और ज्यादा पूंजी की जरूरत है।
  • पार्टनशिप और सपोर्ट—ऑर्डर लेने वाली ऐप्स और मर्चेंट्स का सक्रिय समर्थन जरूरी है।
  • नीती और नियम—सरकार को कुछ पॉलिसी बदलावों से नेटवर्क को प्रोत्साहन देना होगा।

ONDC को अब न केवल बाजार में रहना है, बल्कि डिमांड, डिलीवरी और भरोसे की नई ऊँचाई हासिल करनी है।


Amazon और Flipkart से कैसे अलग है?

  • Amazon और Flipkart अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर ही विक्रेताओं को जोड़ते हैं, जबकि ONDC एक ओपन नेटवर्क है, जिसमें कोई भी अपने ऐप से ग्राहक या विक्रेता बन सकता है।​
  • ये प्लेटफॉर्म फीस वसूलते हैं, जबकि ONDC पर ऑर्डर के लिए ओपन स्टैंडर्ड हैं।
  • ONDC का उद्देश्य डिजिटल मार्केटप्लेस में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है।

नई नेतृत्व टीम: उम्मीदें और चुनौतियाँ

ONDC ने हाल ही में एक नई प्रमुख नियुक्ति की है—Rohit Lohiya, जो Paytm में वरिष्ठ पद पर रह चुके हैं, अब ONDC के Chief Business Officer बने हैं। Rohit Lohiya को संकट प्रबंधन और टेक सेक्टर में बदलाव लाने के अनुभव के लिए जाना जाता है। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह संगठन को मजबूती देंगे और नए निवेशक एवं पार्टनर जोड़ेंगे।​


व्यापारियों और ऐप्स का क्या रोल है?

ONDC की मजबूती इस पर निर्भर है कि इस नेटवर्क पर सक्रिय रूप से कितने व्यापारी और ग्राहक हैं। नेटवर्क तभी सफल होगा, जब ज्यादा से ज्यादा ऐप्स ग्राहक जोड़ें, विविध सेवाएँ दें, और व्यापारी आकर्षित हों।

  • बड़े बैंक और फिनटेक कंपनियाँ ऐप्स बनाकर ONDC पर ग्राहकों को जोड़ सकती हैं।
  • छोटे व्यापारियों को डिजिटल व्यापार के लिए प्रशिक्षित करना जरूरी है।
  • ग्राहकों को भरोसेमंद और तेज़ सेवाएँ मिलने पर भरोसा जमेगा।

ग्राहक अनुभव: समस्याएँ और तरीके

अभी कई खरीदारों को ऑर्डर करने, ट्रैकिंग और कस्टमर सपोर्ट में दिक्कतें आती हैं। ऐप्स का यूज़र इंटरफेस और तकनीकी मजबूती ONDC के लिए अहम चुनौती है। ONDC को टेक्निकल सपोर्ट, AI आधारित सिफारिशें और तेजी से डिलीवरी जैसी नई सुविधाएँ जोड़नी होंगी।​


नीति आयोग, निवेश और सरकारी भूमिका

ONDC की कामयाबी में सरकार के निवेश, नियम-कानून और नीति आयोग के मार्गदर्शन की बड़ी भूमिका है। अभी नेटवर्क को और पूंजी चाहिए ताकि तकनीक में नवाचार, ग्राहक सुरक्षा, डिलीवरी नेटवर्क और किफायती शुल्क सुनिश्चित हो सके।

सरकार अपने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत, ONDC के लिए नई पॉलिसी बना सकती है, जिससे डिजिटल बिजनेस को आम आदमी तक पहुँचाना आसान होगा।


भविष्य की राह

ONDC के लिए सबसे बड़ी चुनौती है—ग्राहकों का भरोसा जीतना और खरीद-फरोख्त के ज़्यादा अवसर बनाना। अनुमान है कि भारत की डिजिटल इकॉनमी 2030 तक कई गुना बढ़ेगी। ONDC अगर सक्रिय निवेश, टेक्नोलॉजी में नवाचार, नए साथी और भरोसेमंद सेवाएँ लागू कर पाया, तो ई-कॉमर्स का नया युग शुरू हो सकता है।


निष्कर्ष

ONDC भारत में डिजिटल कारोबार (ई-कॉमर्स) के लोकतांत्रिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, इसे कामयाब बनाने के लिए सरकार, ऐप डेवलपर्स, व्यापारी, इंडस्ट्री पार्टनर और ग्राहक—सभी को अपना योगदान देना होगा। इन सभी पहलुओं पर सही रणनीति और नीतियों के साथ ONDC एक मजबूत विकल्प बन सकता है।​


यह लेख सरल हिंदी में जानकारी का सारांश और विस्तार से विवरण प्रस्तुत करता है, ताकि अधिक-से-अधिक लोग ONDC के महत्व और चुनौतियों को आसानी से समझ सकें।​

  1. https://economictimes.indiatimes.com/prime/technology-and-startups/ondcs-upi-vision-hits-a-speed-bump-but-the-rides-not-over-yet/primearticleshow/124601459.cms

Related Posts

भारत का सौर चमत्कार — उछाल या बुलबुला?

नीचे लेख “Solar boom or bubble? Inside India’s great renewable overbuild” सरल हिंदी संस्करण प्रस्तुत है। यह रूपांतर मूल अर्थ, संदर्भ और प्रमुख तथ्यों को बनाए रखते हुए आसान भाषा…

Continue reading
छोटे प्राइवेट बैंकों की बढ़ती चमक, कमाई की संभावनाएं

यह लेख भारत के छोटे प्राइवेट बैंकिंग स्टॉक्स की संभावनाओं पर आधारित है, जो आने वाले समय में अच्छी रिटर्न दे सकते हैं। छोटे प्राइवेट बैंकों की बढ़ती चमक पिछले…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

क्या मंदिर में प्रार्थना करते हुए आँखें बंद रखनी चाहिए या खुली ?

क्या मंदिर में प्रार्थना करते हुए आँखें बंद रखनी चाहिए या खुली ?

क्या घर में जो पूजा-पाठ करते हैं, उसे भी लोगों से छुपाना चाहिए?

क्या घर में जो पूजा-पाठ करते हैं, उसे भी लोगों से छुपाना चाहिए?

भारत का सौर चमत्कार — उछाल या बुलबुला?

भारत का सौर चमत्कार — उछाल या बुलबुला?

Amazon, Flipcart को टक्कर देता देशी ONDC

Amazon, Flipcart को टक्कर देता देशी ONDC

छोटे प्राइवेट बैंकों की बढ़ती चमक, कमाई की संभावनाएं

छोटे प्राइवेट बैंकों की बढ़ती चमक, कमाई की संभावनाएं

सोने में छिपा संकट: जब केंद्रीय बैंक कर्ज़ से बचाव के लिए दौड़े तिजोरियों की ओर

सोने में छिपा संकट: जब केंद्रीय बैंक कर्ज़ से बचाव के लिए दौड़े तिजोरियों की ओर