इस वीडियो में “नकलंक धाम हरिद्वार” के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की गई है, जो हरिद्वार में स्थित एक सुंदर और सुविधायुक्त धर्मशाला है। नीचे 3000 शब्दों का हिंदी लेख प्रस्तुत है जिसमें धर्मशाला की विशेषताएँ, वहाँ उपलब्ध सुविधाएं, कमरों का विवरण, भोजन व्यवस्था, स्थान, पहुँच, शुल्क, और अन्य उपयोगी जानकारी शामिल है।
हरिद्वार का सबसे सुंदर और व्यवस्थित धर्मशाला – नकलंक धाम का संपूर्ण परिचय
हरिद्वार हिन्दू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पूजन, ध्यान, गंगा स्नान तथा धार्मिक आयोजनों के लिए आते हैं। ऐसे में ठहरने के लिए एक सस्ती, साफ-सुथरी और सुविधायुक्त जगह मिलना किसी वरदान से कम नहीं होता। ‘‘नकलंक धाम’’ इसी उद्देश्य की पूर्ति करता है जो न सिर्फ हरिद्वार में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी सबसे लोकप्रिय धर्मशाला है।
नकलंक धाम का इतिहास और उद्घाटन
इस धर्मशाला का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है, जिससे इसकी महत्ता और विश्वसनीयता और भी बढ़ जाती है। उद्घाटन का उल्लेख वीडियो में विशेष रूप से किया गया है, जिससे साफ प्रतीत होता है कि इसमें राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिली है और यहाँ की व्यवस्थाएँ किसी बड़े होटल से कम नहीं हैं।
स्थान और पहुंच
नकलंक धाम हरिद्वार के भूपतवाला क्षेत्र, भारतपुरम में स्थित है। हर की पैड़ी से इसकी दूरी लगभग 6 किलोमीटर है। यह जगह हाईवे पर शांतिकुंज से लगभग 1 किलोमीटर पहले राइट हैंड साइड में स्थित है। रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से यहाँ की दूरी लगभग 9 किलोमीटर है। आप ऑटो, रिक्शा, टैक्सी या पर्सनल गाड़ी से आसानी से पहुँच सकते हैं। क्षेत्र का नाम ‘‘भारत पुरम’’ है, जो हरिद्वार के प्रमुख आवासीय इलाकों में से एक है।
कमरों का विवरण व चार्जेस
धर्मशाला में कुल 133 कमरे हैं जो तीन बिल्डिंग्स में विभाजित हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के कमरे उपलब्ध हैं जिनमें –
- डबल बेड रूम
- फोर बेड रूम
- AC एवं नॉन-AC रूम
शामिल हैं।
कमरों का आकार बड़ी होटल्स के मुकाबले बेहद बड़ा और सुव्यवस्थित है। फर्स्ट बिल्डिंग में डबल बेड के बड़े कमरे हैं। इनका साइज लगभग 18X12 फीट है। हर कमरे में बड़ी सी अलमारी है जिसमें लगेज, कंबल आदि रखा जा सकता है। ठंड के दिनों में गर्म पानी की व्यवस्था (गैज़र या हीटर) भी कमरे में उपलब्ध है। प्रत्येक कमरे में LED टीवी, पंखा, टेलीफोन, एयर कंडीशनर, बालकनी, आकर्षक इंटीरियर और साफ-सुथरा बाथरूम है।
फोर बेड रूम्स में चार बड़े-बड़े बेड लगे हुए हैं, जो परिवार या समूह के लिए आदर्श हैं। हर कमरे में बालकनी की विशेष सुविधा है जिससे बाहर का खूबसूरत दृश्य और ताजी हवा का आनंद लिया जा सकता है। बाथरूम तीन हिस्सों में विभाजित है – स्नान क्षेत्र, टॉयलेट और वॉशरूम। सफाई का विशेष ध्यान दिया गया है।
कमरों के शुल्क:
- नॉन AC कमरे : ₹1500 प्रति दिन (चार व्यक्तियों के लिए)
- AC कमरे : ₹2000 प्रति दिन (चार व्यक्तियों के लिए)
फोर बेडरूम के भी यही चार्जेस लागू होते हैं। सभी रूम्स में चार लोग आराम से ठहर सकते हैं।
फ्री भोजन की सुविधा
यह धर्मशाला उन कुछ स्थानों में से है, जहाँ सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच और रात का डिनर पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान किया जाता है। दो बड़ी-बड़ी कैंटीन हैं जो पूरी तरह एयर कंडीशन हैं, यहाँ श्रद्धालु आसानी से बैठकर भोजन कर सकते हैं।
भोजन मुख्यतः गुजरातियों के स्वादानुसार बनाया जाता है – अर्थात भोजन में हल्की मिठास अधिक मिलती है। बच्चों के लिए दूध, चाय आदि की भी व्यवस्था है। भोजन व्यवस्था को लेकर श्रद्धालुओं ने वीडियो में बहुत तारीफ की है और इसे 10 में से 10 अंक दिए हैं।
कैंटीन में सफाई, पर्याप्त प्रकाश और ताजगी का विशेष ध्यान रखा गया है। दोपहर के समय लंच और रात में डिनर श्रद्धालुओं के लिए समय पर और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। अगल-बगल के हॉल भी काफी बड़े हैं, जहां 200-300 श्रद्धालु एक साथ बैठकर भोजन कर सकते हैं।
भागवत कथा और सभागार
धर्मशाला में भागवत कथा जैसे धार्मिक आयोजनों के लिए दो बड़े सभागार हॉल हैं –
- एक हॉल में 300 लोगों की क्षमता है
- हॉल पूरी तरह एयर कंडीशन है
- भजन, कथा, प्रवचन समारोहों के लिए आदर्श जगह
झूमते हुए श्रद्धालु, मधुर भजनों की धुन और अत्यधिक आनंददायक माहौल यहाँ की विशेषता हैं।
अगर कोई श्रद्धालु कथा या प्रवचन आयोजित करना चाहता है, तो यह स्थान उत्तम है। आयोजन के लिए विशेष हॉल मिलते हैं और व्यवस्थापक हर प्रकार से सहयोग करते हैं।
धर्मशाला के अन्य आकर्षण
रिसेप्शन क्षेत्र बहुत सुंदर और सुव्यवस्थित है, जहाँ आपको भारत माता मंदिर और श्री कृष्ण-राधा मंदिर का भी दर्शन होता है। हर बिल्डिंग में रिसेप्शन अलग-अलग है, जहाँ से संबंधित जानकारी और सहायता मिल जाती है।
हर बिल्डिंग में मंदिर, हॉल, कैंटीन, रिसेप्शन सहित हर छोटी-बड़ी सुविधा उपलब्ध है। प्रत्येक रूम से आसपास के प्राकृतिक दृश्य – पर्वत, हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर, बालकनी से हवा – का आनंद लिया जा सकता है।
साफ-सफाई और विशेष ध्यान
पूरे धर्मशाला में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। बाथरूम, हॉल, कैंटीन, मंदिर – हर जगह सफाई नजर आती है। श्रद्धालुओं के लिए कंबल, बेडशीट, तकिया, पानी व अन्य जरूरी वस्तुएं उचित मात्रा में दी जाती हैं।
त्यौहार, विशेष पर्व, धार्मिक आयोजनों के समय विशेष व्यवस्थाएँ की जाती हैं।
कमरों की बुकिंग और संपर्क
यदि आप रूम अग्रिम बुक करना चाहते हैं, तो ऑनलाइन बुकिंग भी संभव है। इसके लिए धर्मशाला के संपर्क नंबर:
- 9719020444
- 8449907268
पर कॉल कर सकते हैं या वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दिए गए लिंक से बुकिंग कर सकते हैं।
ऑनलाइन बुकिंग के लिए आवश्यक जानकारी फोन पर मिल जाएगी।
श्रद्धालुओं के अनुभव एवं व्यवस्थापक द्वारा संदेश
वीडियो में गुजरात से आए श्रद्धालु नकलंक धाम की व्यवस्थाओं की खूब सराहना करते हुए कहते हैं कि ‘‘10 में से 10 अंक देना चाहता हूँ, भोजन, सफाई, ठहरने की सुविधा – हर चीज बिल्कुल परफेक्ट है।’’ स्थानीय व्यवस्थापक ने हर की पैड़ी या घाटों पर स्नान करने आए श्रद्धालुओं को स्वच्छता बनाए रखने का संदेश भी दिया।
निष्कर्ष – क्यों चुनें नकलंक धाम धर्मशाला
- सुंदर, बड़े और साफ कमरे, अद्भुत इंटीरियर, बालकनी की सुविधा
- हर कमरे में चार लोग रह सकते हैं
- AC, नॉन-AC, डबल और फोर बेड रूम
- भोजन (नाश्ता, दोपहर, रात) पूरी तरह निःशुल्क
- भागवत कथा, प्रवचन, धार्मिक आयोजनों के लिए बड़े सभागार
- भगवान के मंदिर, रिसेप्शन, कैंटीन, हर जगह सफाई
- बुकिंग की सुविधा, यात्रा के दृष्टिकोण से आसान पहुँच
- कम खर्च में शानदार ठहराव और भोजन – होटल जैसी सुविधाएँ धर्मशाला में
- हरिद्वार का सबसे सुंदर व व्यवस्थित धर्मशाला जिनके विषय में वीडियो ने विस्तार से जानकारी दी है।
फिर भी अगर आपको कोई सवाल हो, तो धर्मशाला के दिए गए नंबरों पर कॉल कर सकते हैं, या वहाँ पहुँच कर व्यवस्थापक से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वीडियो देखकर साफ नजर आता है कि यह धर्मशाला हरिद्वार आने वाले हर श्रद्धालु के लिए सर्वोत्तम विकल्प है।
अगर आप हरिद्वार या ऋषिकेश में रहने के लिए सबसे सुंदर, सुविधायुक्त और सस्ते धर्मशाला की खोज में हैं, तो नकलंक धाम अवश्य चुनें। यहाँ की सफाई, भोजन, धार्मिक आयोजन, कमरे व अन्य सुविधाएँ हर दृष्टि से श्रेष्ठ हैं।
जय गंगे माता!








