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हमले के बाद घाटी में सन्नाटा: शुरुआती झटका
22 अप्रैल 2025 को पहीलगाम के बायसारन में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग को झकझोर दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई, दर्जनों घायल हुए और घाटी में भय का माहौल फैल गया।
हमले के तुरंत बाद हजारों सैलानियों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दीं, होटल खाली हो गए, टैक्सी-बसें खड़ी रह गईं और एयरलाइंस को अतिरिक्त उड़ानें लगानी पड़ीं ताकि पर्यटक घाटी छोड़ सकें।स्थानीय होटल मालिकों, गाइड्स, ट्रांसपोर्टर्स और दुकानदारों के लिए यह सीजन तबाही में बदल गया। “हमने कभी ऐसा सन्नाटा नहीं देखा,” एक अनुभवी शेफ ने ANI से कहा। “इस हमले ने सब कुछ रोक दिया, अब नुकसान अरबों में जाएगा।”
सरकारी आंकड़ों में गिरावट की पुष्टि
होटल और हाउसबोट्स में 70% तक छूट:हमले के बाद घाटी के होटल और हाउसबोट्स में 30% से 70% तक की भारी छूट दी जा रही थी, फिर भी ग्राहक नहीं मिल रहे थे। एयरलाइंस ने श्रीनगर के लिए उड़ानें आधी कर दीं—जहां पहले रोज़ 92 उड़ानें थीं, अब 50 रह गईं।23एयरपोर्ट पर यात्री संख्या घटकर आधी:हमले के अगले ही दिन श्रीनगर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगभग आधी रह गई।3स्थानीय कारोबारियों की हालत:“हमारे 30 में से एक भी टैक्सी बुक नहीं हुई,” एक टैक्सी ऑपरेटर ने बताया। “सड़कें सुनसान हैं, होटल खाली हैं, ये सीजन हमारे लिए खत्म हो गया।”
मई-जून 2025: क्या हालात सुधरे?
धीमी वापसी, उम्मीद की किरण
जून के पहले 15 दिन:1 जून से 16 जून के बीच 23,266 पर्यटक कश्मीर पहुंचे, जिनमें 448 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। यह आंकड़ा घाटी में दोबारा भरोसा लौटने का संकेत देता है।प्रमुख पर्यटन स्थलों का दोबारा खुलना:प्रशासन ने जून के मध्य तक 16 प्रमुख पर्यटन स्थलों को दोबारा खोल दिया, जो हमले के बाद सुरक्षा कारणों से बंद कर दिए गए थे।होटल व्यवसायियों की राय:“हमले के बाद हम टूट गए थे, लेकिन अब पर्यटक लौट रहे हैं। जून उम्मीद से बेहतर रहा है, जुलाई-अगस्त में और सुधार की उम्मीद है,” पहीलगाम के एक होटल मालिक ने बताया।पर्यटकों की प्रतिक्रिया:घाटी में सुरक्षा बलों की मौजूदगी से पर्यटक खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। गुजरात से आई एक पर्यटक अफ्सा मलिक ने कहा, “यहां की खूबसूरती और सुरक्षा व्यवस्था देखकर अच्छा लगा।”
2024-2025: टूरिज्म के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव
2024 में रिकॉर्ड टूरिस्ट:2024 में कश्मीर में करीब 30 लाख (3 मिलियन) पर्यटक पहुंचे, जिसमें 43,000 विदेशी शामिल थे। यह पिछले सालों की तुलना में सबसे ज्यादा था।89102025 की शुरुआत में बूम:जनवरी-मार्च 2025 में ही 5.25 लाख से ज्यादा सैलानी घाटी पहुंचे थे, जिसमें 10,000 से ज्यादा विदेशी थे।11हमले के बाद अचानक गिरावट:अप्रैल के अंत और मई में पर्यटकों की संख्या लगभग शून्य हो गई। होटल, हाउसबोट, टैक्सी, गाइड्स—सभी खाली बैठे थे।121जून में धीरे-धीरे सुधार:जून के दूसरे हफ्ते से पर्यटकों की वापसी शुरू हुई। 1-16 जून के बीच 23,266 पर्यटक घाटी पहुंचे, जो मई के मुकाबले बड़ा सुधार है, लेकिन 2024 के जून-जुलाई के आंकड़ों से अभी भी कम है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
पर्यटन घाटी की अर्थव्यवस्था का 7-8% हिस्सा है।अच्छे सालों में 10 मिलियन (एक करोड़) से ज्यादा सैलानी आते हैं, लेकिन हर हिंसा की घटना यह संख्या घटा देती है।13हमले के बाद हजारों परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में:होटल, टैक्सी, दुकानदार, गाइड, कारीगर—सभी को भारी नुकसान हुआ। कई लोगों ने सीजन शुरू होने से पहले कर्ज लिया था, अब चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन की पहल
सुरक्षा व्यवस्था सख्त:घाटी के सभी प्रमुख टूरिस्ट कॉरिडोर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जगह-जगह चेकपोस्ट, पेट्रोलिंग और निगरानी बढ़ाई गई है।प्रचार और भरोसा लौटाने की कोशिश:मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री और प्रशासन लगातार पर्यटन स्थलों का दौरा कर रहे हैं, सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए संदेश दे रहे हैं कि घाटी अब सुरक्षित है।होटलों और टूर ऑपरेटर्स को राहत:सरकार ने होटल व्यवसायियों, गाइड्स, ट्रांसपोर्टर्स के लिए राहत पैकेज, टैक्स में छूट और प्रमोशनल स्कीम्स की घोषणा की है।
पर्यटकों की वापसी: क्या वाकई लौट रही है रौनक?
जून में सुधार के संकेत:“हमारे यहां फिर से बुकिंग आ रही हैं, जो पहले कैंसिल हो गई थीं, वे अब दोबारा बुक हो रही हैं,” एक होटल व्यवसायी ने बताया।पर्यटक परिवारों के साथ लौट रहे हैं:“अब लोग बच्चों के साथ आ रहे हैं, जिससे घाटी में रौनक लौट रही है,” स्थानीय गाइड्स का कहना है।पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ रही है:गुलमर्ग, श्रीनगर, सोनमर्ग, पहीलगाम जैसे स्थलों पर जून के तीसरे हफ्ते में फिर से भीड़ दिखने लगी है।
भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें
सुरक्षा और भरोसे की बहाली सबसे बड़ी चुनौती:हर हिंसक घटना पर्यटन पर गहरा असर डालती है। भरोसा लौटाने के लिए सरकार को लगातार प्रयास करने होंगे।1013स्थानीय लोगों की उम्मीदें:“हम उम्मीद करते हैं कि अब सबकुछ सामान्य रहेगा और पर्यटक फिर से लौटेंगे,” एक दुकानदार ने कहाडिजिटल और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल:लाइव डैशबोर्ड, रियल-टाइम अपडेट, वर्चुअल टूर जैसी डिजिटल पहलें पर्यटकों का भरोसा बढ़ा सकती हैं।
निष्कर्ष: क्या कश्मीर का टूरिज्म डाउन हुआ?
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पहीलगाम हमले के बाद मई में कश्मीर का पर्यटन लगभग ठप हो गया था। होटल, टैक्सी, हाउसबोट, बाजार—सब खाली हो गए थे।
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जून 2025 में धीरे-धीरे पर्यटकों की वापसी शुरू हुई है। 1-16 जून के बीच 23,266 पर्यटक घाटी पहुंचे, जो सकारात्मक संकेत है, लेकिन 2024 के मुकाबले अभी भी संख्या कम है।
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सरकार और स्थानीय लोगों के प्रयासों से जुलाई-अगस्त में और सुधार की उम्मीद है।
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पर्यटन उद्योग को पूरी तरह पटरी पर लौटने में अभी समय लगेगा, लेकिन घाटी में उम्मीद जगी है।
स्रोत:यह रिपोर्ट पूरी तरह से Rising Kashmir की 21 जून 2025 की ग्राउंड रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें सरकारी आंकड़े, स्थानीय लोगों की राय, और पर्यटन उद्योग की ताजा स्थिति को विस्तार से कवर किया गया है।5
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