अपने अंदर लगन कैसे पैदा करें ?
हम जिस चीज का महत्व समझ लेते है तो हमको उसकी लगन लग जाती है। फिर चैन नहीं पड़ता। अभी हम भगवान का महत्व नहीं समझ पा रहे, उनके नाम का, उनके रूप का, मानव जीवन के लक्ष्य का महत्व नहीं समझ पा रहे। अभी हम में भोगों का महत्व है। जिसकी चित्त वृत्ति भोगों ने अपह्रित (कब्जा ली) है, जो ऐश्वर्य को सुख मान रहा है वो कभी भगवत प्राप्ति का लगन वाला होता नहीं है।
रात दिन जिह्वा से नाम जप करो, अभी लगन लग जाएगी। जब दो लकड़ियां आपस में घर्षण की जाती है तो उसमें आग लग जाती है। भगवान का नाम सच्चिदानंद है तो जब हम बार बार भगवान का नाम अपनी जिह्वा से रगड़ते है, चाहे राम लो, कृष्ण लो। राधा राधा। दिव्य षक्ति पैदा हो जाएगी। हमारी असत् भावना नष्ट हो जाती है और सत भावनाओं का प्रकाश हो जाता है।