विरासत में मिली संपत्ति: संपत्ति, ईपीएफ, एफडी आदि प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया

यहाँ हिंदी में विस्तृत लेख प्रस्तुत है, जिसमें बताया गया है कि विरासत में संपत्ति, ईपीएफ, एफडी आदि प्राप्त करने के लिए किन आवश्यक कानूनी कदमों का पालन करना चाहिए, और प्रत्येक प्रकार की संपत्ति के दावे की विस्तृत प्रक्रिया क्या है। लेख भारतीय कानून व प्रक्रिया पर आधारित है, जिसमें उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद जैसे राज्य/नगर के लिए भी समान नियम लागू होते हैं।​


भूमिका

भारत में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी संपत्ति उसके वारिसों को स्थानांतरित होती है। विरासत में संपत्ति प्राप्त करना एक संवेदनशील विषय है, जिसमें विभिन्न प्रकार की संपत्तियाँ (जैसे अचल संपत्ति, बैंक खाते, निवेश, कर्मचारी भविष्य निधि आदि) शामिल हो सकती हैं। इन संपत्तियों का दावा करने के लिए कई कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक होता है।


आवश्यक कानूनी दस्तावेज और प्राथमिक कदम

मृत्यु प्रमाण पत्र

  • सबसे पहले आपको मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए क्योंकि यही दस्तावेज किसी व्यक्ति की मृत्यु को प्रमाणित करता है। यह स्थानीय नगर निगम या पंचायत कार्यालय से बनवाया जा सकता है।
  • मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना किसी भी संपत्ति पर दावा करना संभव नहीं है।economictimes.indiatimes

वसीयत (Will) की जाँच

  • जांचें कि क्या मृतक द्वारा कोई वसीयत (Will) बनाई गई थी या नहीं।
  • यदि वसीयत है, तो संपत्ति का वितरण इसमें मौजूद इच्छानुसार किया जाता है।
  • वसीयत के अनुपस्थिति में क्रमशः उत्तराधिकार कानून के तहत संपत्ति का बंटवारा होता है।economictimes.indiatimes

प्रॉबेट, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, प्रशासन पत्र

  • यदि वसीयत है, तो संपत्ति के मालिकाना हक को स्थानांतरित करने के लिए ‘प्रॉबेट’ (Probate) लेना आवश्यक है, जिसे अदालत द्वारा दिया जाता है।
  • वसीयत के बिना, ‘उत्तराधिकार प्रमाण पत्र’ (Succession Certificate) या ‘प्रशासन पत्र’ (Letter of Administration) अदालत से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
  • यह प्रमाण पत्र संपत्ति हस्तांतरण में प्रमुख भूमिका निभाता है।economictimes.indiatimes

बैंक खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)

नामांकन / साझा खाते की स्थिति

  • यदि बैंक खातों, एफडी या पीपीएफ में नामांकित व्यक्ति हैं या साझा खाताधारक हैं, तो दावा करना आसान होता है।
  • नामांकित व्यक्ति आवश्यक पहचान पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और आवेदन प्रस्तुत करके राशि ले सकते हैं।
  • संयुक्त खाते होने पर दूसरे खाताधारक को उत्तराधिकार मिल जाता है।economictimes.indiatimes

नामांकन न होने की स्थिति

  • यदि नामांकन नहीं है, तो बैंक/पोस्ट ऑफिस अक्सर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र या अदालत के आदेश की मांग करते हैं।
  • उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मुख्य रूप से सिविल कोर्ट से प्राप्त किया जाता है।

आवश्यक दस्तावेज

  • मृतक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र
  • कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate)
  • बैंक/एफडी/पीपीएफ अकाउंट संबंधी दस्तावेज़
  • पहचान पत्र और आवेदन पत्रeconomictimes.indiatimes

बैंक लॉकर

  • वारिस को मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, KYC दस्तावेज़ और heirship का प्रमाण देना होता है।
  • यदि कोई नामांकित व्यक्ति या सभी खाताधारक मृत हैं, तो बैंक एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत लॉकर को खोलता है और सूची बनाता है।
  • बैंक आमतौर पर लॉकर्स की डिटेल्स दर्ज करता है और आवश्यक वारिस को हस्तांतरित करता है।​

संपत्ति की विरासत (Real Estate)

वसीयत के साथ

  • संपत्ति के मालिकाना हक को ट्रांसफर करने के लिए Executor को Probate लेना होता है। इस दस्तावेज़ के अनुसार म्युटेशन रजिस्टर में बदलाव किया जाता है।
  • स्थानीय तहसील कार्यालय या नगर निगम में म्युटेशन के लिए आवेदन देना होता है।

वसीयत के बिना

  • जब कोई वसीयत नहीं होती है, तो संपत्ति उत्तराधिकार कानून के तहत संबंधित वारिसों के नाम पर चली जाती है।
  • यहां कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होता है।
  • इसके बाद म्युटेशन के लिए आवेदन करना होता है, जिससे संपत्ति का रिकॉर्ड वारिस के नाम किया जाता है।economictimes.indiatimes

आवश्यक दस्तावेज

  • मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र
  • कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र/प्रॉबेट
  • संपत्ति के कागजात
  • वारिसों का पहचान पत्र

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

  • मृतक कर्मचारी के EPF खाते को क्लेम करने के लिए नामांकित व्यक्ति या कानूनी वारिस EPFO ऑफिस में आवेदन करता है।
  • उसे मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, और EPF क्लेम फॉर्म जमा करना होता है।
  • अगर नामांकन नहीं है, तो सभी कानूनी वारिसों को संपत्ति साझा करनी पड़ सकती है।
  • EPFO अतिरिक्त प्रमाण मांग सकता है, जैसे उत्तराधिकार प्रमाण पत्र।economictimes.indiatimes

शेयर, डेबेंटर्स, म्यूचुअल फंड

  • अधिकांश वित्तीय संस्थान नामांकित व्यक्ति/सह खाताधारक को आसान प्रक्रिया से संपत्ति ट्रांसफर करते हैं।
  • नामांकन न होने पर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देना पड़ता है।
  • शेयर या म्यूचुअल फंड के क्लेम के लिए डिपॉजिटरी/AMC के पास जरूरी फॉर्म और दस्तावेज जमा करना होता है।​

बीमा पॉलिसी

  • बीमा दावों के लिए भी नामांकित व्यक्ति को आवेदन करना होता है।
  • मूल पॉलिसी डाक्यूमेंट्स, मृत्यु प्रमाणपत्र, पहचान पत्र, और आवेदन पत्र देना होता है।
  • अगर नामांकन नहीं है, तो कानूनी वारिसों को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना जरूरी होता है।​

कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें

प्रक्रिया

  • स्थानीय तहसीलदार/राजस्व विभाग या नगर निगम को आवेदन देना होता है।
  • मृत्यु प्रमाण पत्र, संबंध प्रमाण (family tree), पहचान पत्र और अन्य जरूरी कागजात संलग्न करें।
  • अधिकारी जाँच के बाद प्रमाण पत्र जारी करेगा।

अदालत से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र

  • यदि संपत्ति बड़ी है या विवाद है, तो कोर्ट में आवेदन देना पड़ सकता है।
  • कोर्ट सुनवाई के बाद उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करती है।

म्युटेशन प्रक्रिया

  • संपत्ति के रिकॉर्ड को वारिस के नाम पर बदलने की जरूरत होती है।
  • म्युटेशन शहर के नगर निगम/तहसील में किया जाता है।
  • संबंधित दस्तावेज़ (मृत्यु प्रमाण पत्र, उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र, वसीयत, संपत्ति कागजात) प्रस्तुत करें।​

कठिनाइयाँ और सलाह

  • संपत्ति के बंटवारे में विवाद, दस्तावेजों की कमी, कानूनी प्रक्रिया की लंबाई जैसी समस्याएँ आ सकती हैं।
  • जल्दी दस्तावेज तैयार करें और कानूनी सलाह लें।
  • सभी वारिसों की सहमति अनिवार्य है।

वारिसों के अधिकार

  • भारतीय कानून के अनुसार पुत्र, पुत्री, पत्नी, माता-पिता आदि को संपत्ति में अधिकार मिलता है।
  • अगर कोई वसीयत है, तो संपत्ति का वितरण उसी अनुसार होता है।

संपत्तियों के प्रकार व दावे की प्रक्रियाएँ

संपत्ति का प्रकारदावा प्रक्रिया के प्रमुख दस्तावेजविशेष बातें
बैंक अकाउंट/FD/PPFमृत्यु प्रमाण पत्र, नामांकन/उत्तराधिकार प्रमाण पत्रनामांकित व्यक्ति को सरल प्रक्रिया
संपत्ति (Real Estate)मृत्यु प्रमाण पत्र, वसीयत/उत्तराधिकारी प्रमाण पत्रम्युटेशन जरूरी
EPFमृत्यु प्रमाण पत्र, नामांकन/उत्तराधिकार प्रमाण पत्रEPFO अतिरिक्त प्रमाण मांग सकता
शेयर/म्यूचुअल फंडनामांकन/उत्तराधिकारी प्रमाण पत्रडिपॉजिटरी/AMC की प्रक्रिया
बीमा पॉलिसीमृत्यु प्रमाण पत्र, नामांकन/उत्तराधिकारी प्रमाण पत्रबीमा कंपनी के फॉर्म/प्रक्रिया
बैंक लॉकरमृत्यु प्रमाण पत्र, KYC, heirship certificateनामांकित व्यक्ति/वारिस को ट्रांसफर

निष्कर्ष

विरासत में प्राप्त संपत्ति के दावे के लिए आवश्यक है कि सभी कानूनी कदमों का पालन किया जाए तथा दस्तावेज समय से तैयार किए जाएँ। सभी संपत्तियों की प्रक्रिया अलग हो सकती है, इसलिए बैंक, तहसील, EPFO, बीमा कंपनी आदि संबंधित संस्थानों से पूरी जानकारी लेकर हर कदम उठाएँ। यदि कोई विवाद या उलझन हो तो योग्य वकील या कानूनी सलाहकार की सहायता लें।​


यह लेख उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद सहित पूरे भारत के लिए लागू प्रक्रियाओं का समावेश करता है, जिससे विरासत संपत्ति पर अधिकार पाने की पूरी जानकारी मिलेगी।​

  1. https://economictimes.indiatimes.com/wealth/legal/will/inherited-assets-how-to-claim-property-epf-fds-more/slideshow/125244568.cms

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