बच्चों के लिए उम्र के अनुसार गेम का चयन कैसे करें

1. गेम रेटिंग्स और कंटेंट डिस्क्रिप्शन देखें

  • हर वीडियो गेम के साथ एक एज रेटिंग (जैसे ESRB, PEGI) होती है, जो बताती है कि वह गेम किस उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।

  • रेटिंग के साथ कंटेंट डिस्क्रिप्टर भी होते हैं, जैसे “वायलेंस”, “माइल्ड लैंग्वेज”, “सेक्सुअल कंटेंट” आदि, जिससे आप जान सकते हैं कि गेम में किस प्रकार की सामग्री है।

2. रिव्यू और पैरेंट गाइड्स पढ़ें

  • गेम खरीदने से पहले उसके रिव्यू, पैरेंट गाइड्स और ऑनलाइन डिस्कशन देखें। इससे आपको गेम की थीम, भाषा और संभावित आपत्तिजनक सामग्री के बारे में जानकारी मिलती है।

3. डेमो वर्शन ट्राई करें

  • कई गेम्स के डेमो वर्शन उपलब्ध होते हैं। पहले डेमो खेलकर देखें कि गेम आपके बच्चे के लिए उपयुक्त है या नहीं।

4. बच्चे की मानसिक और भावनात्मक परिपक्वता समझें

  • सिर्फ उम्र नहीं, बल्कि बच्चे की मानसिक और सामाजिक परिपक्वता भी ध्यान में रखें। हर बच्चा एक जैसा नहीं होता, इसलिए गेम का चयन उसकी समझ और रुचियों के अनुसार करें।

5. एजुकेशनल और क्रिएटिव गेम्स को प्राथमिकता दें

  • ऐसे गेम चुनें जो बच्चे की सोच, समस्या-समाधान, टीमवर्क और रचनात्मकता को बढ़ाएं। पज़ल, बिल्डिंग, बोर्ड गेम्स और एजुकेशनल गेम्स अच्छे विकल्प हैं।

6. पैरेंटल कंट्रोल्स का इस्तेमाल करें

  • गेमिंग कंसोल या प्लेटफॉर्म्स पर पैरेंटल कंट्रोल्स सेट करें, जिससे आप उम्र के अनुसार कंटेंट, गेमप्ले टाइम और इन-गेम खरीदारी को नियंत्रित कर सकते हैं।

7. खुद बच्चे के साथ गेम खेलें

  • बच्चे के साथ गेम खेलना न सिर्फ आपके रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि आप खुद देख सकते हैं कि गेम में क्या है और बच्चा कैसे रिएक्ट करता है।

हिंसक या अनुचित सामग्री वाले गेम से बच्चों को कैसे बचाएं

1. एज रेटिंग्स और कंटेंट डिस्क्रिप्शन का पालन करें

  • ESRB या PEGI जैसी रेटिंग्स देखें और ऐसे गेम्स को अनुमति न दें जिनमें हिंसा, डरावना कंटेंट या अनुचित भाषा हो।

2. पैरेंटल कंट्रोल्स और कंटेंट फिल्टरिंग

  • कंसोल या डिवाइस पर पैरेंटल कंट्रोल्स एक्टिवेट करें। इससे आप उम्र के हिसाब से गेम्स ब्लॉक कर सकते हैं और चैट या ऑनलाइन कम्युनिकेशन लिमिट कर सकते हैं।

3. गेमप्ले की निगरानी करें

  • गेमिंग डिवाइस को घर के कॉमन एरिया में रखें। बच्चे की गेमिंग एक्टिविटी पर नज़र रखें और समय-समय पर चेक करें कि वह क्या खेल रहा है।

4. बच्चे को ऑनलाइन सेफ्टी और प्राइवेसी सिखाएं

  • बच्चे को समझाएं कि वह कभी भी अपना नाम, पता, फोन नंबर या अन्य व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन शेयर न करे।

  • अगर कोई अनुचित व्यवहार (जैसे गाली-गलौज, धमकी या बुलिंग) हो, तो उसे तुरंत रिपोर्ट या ब्लॉक करना सिखाएं।

5. स्क्रीन टाइम लिमिट सेट करें

  • बच्चे के गेम खेलने का समय सीमित रखें। छोटे बच्चों (2-5 साल) के लिए रोज़ाना 1 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम न दें।

6. समय-समय पर गेम लिस्ट रिव्यू करें

  • बच्चे की गेम लिस्ट और डाउनलोड किए गए गेम्स की नियमित जांच करें। अगर कोई अनुचित गेम दिखे तो उसे तुरंत हटा दें।

7. संवाद बनाए रखें

  • बच्चे से उसके पसंदीदा गेम्स, उनके अनुभव और ऑनलाइन दोस्तों के बारे में बात करें। अगर कोई गेम या अनुभव उसे परेशान कर रहा है तो खुलकर बात करें।

सारांश

  • गेम का चयन करते समय एज रेटिंग, कंटेंट और बच्चे की परिपक्वता का ध्यान रखें।

  • हिंसक या अनुचित गेम्स से बचाव के लिए पैरेंटल कंट्रोल्स, नियमित निगरानी और संवाद सबसे प्रभावी उपाय हैं।

  • बच्चे के साथ गेम खेलें, उसे ऑनलाइन सेफ्टी सिखाएं और स्क्रीन टाइम लिमिट करें।

इन उपायों से आप अपने बच्चों को सुरक्षित और सकारात्मक गेमिंग अनुभव दे सकते हैं।

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