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परिचय: हिमाचल की देवी भूमि
हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है क्योंकि यहां अनेक प्राचीन शक्तिपीठ और देवी मंदिर स्थित हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भारत ही नहीं, विदेशों से भी इन मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। हिमाचल की 6 प्रमुख देवी यात्रा (शक्ति पीठ यात्रा) – नैना देवी, चिंतपूर्णी, ज्वाला जी, बगलामुखी, कांगड़ा (ब्रजेश्वरी), और चामुंडा देवी – धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है145।
शक्ति पीठों की पौराणिक कथा और महत्व
शक्ति पीठों की उत्पत्ति की कथा देवी सती और भगवान शिव से जुड़ी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया जिसमें भगवान शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया। सती ने अपमान सहन न कर हवन कुंड में अपने प्राण त्याग दिए। भगवान शिव ने सती के शरीर को लेकर तांडव किया, जिससे सृष्टि संकट में आ गई। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के 51 टुकड़े किए। जहां-जहां ये अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई।
हिमाचल प्रदेश में देवी सती के अंग गिरने के कारण 6 प्रमुख शक्तिपीठ माने जाते हैं, जिनकी यात्रा का विशेष महत्व है – विशेषकर नवरात्रि में।
हिमाचल की 6 प्रमुख शक्तिपीठ यात्रा का क्रम
1. नैना देवी शक्तिपीठ (Naina Devi Temple)
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स्थान: बिलासपुर जिला, हिमाचल प्रदेश
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महत्व: माना जाता है कि यहां माता सती के नेत्र गिरे थे।
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कैसे पहुंचे:
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रेलवे: नजदीकी स्टेशन आनंदपुर साहिब (पंजाब) है, जहां से टैक्सी या बस द्वारा 20 किमी की दूरी तय कर सकते हैं।
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रोडवे: दिल्ली/चंडीगढ़ से बसें उपलब्ध हैं।
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विशेष आकर्षण:
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रोपवे सुविधा (टू-वे टिकट ₹185, वन-वे ₹130, बच्चों के लिए रियायत)
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मंदिर शिखर से शिवालिक पर्वतों का सुंदर दृश्य।
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मंदिर के पास 70 फीट लंबी चमत्कारी गुफा।
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मंदिर के बाहर गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा हवन किया गया दिव्य हवन कुंड12।
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2. चिंतपूर्णी शक्तिपीठ (Chintpurni Temple)
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स्थान: ऊना जिला, हिमाचल प्रदेश
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महत्व: यहां माता सती के चरण गिरे थे। देवी को छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है।
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कैसे पहुंचे:
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नैना देवी से 106 किमी, बस या टैक्सी द्वारा।
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नजदीकी रेलवे स्टेशन: ऊना।
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विशेष आकर्षण:
3. ज्वाला जी शक्तिपीठ (Jwala Ji Temple)
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स्थान: कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश
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महत्व: यहां माता सती की जीभ गिरी थी। बिना तेल-बाती के सदियों से जलती नौ ज्वालाएं यहां का चमत्कार हैं।
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कैसे पहुंचे:
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चिंतपूर्णी से 30 किमी, बस/टैक्सी द्वारा।
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नजदीकी रेलवे स्टेशन: पठानकोट।
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विशेष आकर्षण:
4. बगलामुखी शक्तिपीठ (Baglamukhi Temple)
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स्थान: बनखंडी, कांगड़ा जिला
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महत्व: माता बगलामुखी को शत्रु नाशक देवी माना जाता है। यहां तंत्र साधना और हवन का विशेष महत्व है।
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कैसे पहुंचे:
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ज्वाला जी से 22 किमी, बस या टैक्सी द्वारा।
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विशेष आकर्षण:
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मंदिर परिसर में पीले रंग का विशेष महत्व।
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हवन कुंड में हमेशा भीड़।
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बगलामुखी धाम में हवन का फल 36 दिन में मिलता है।
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कई सेलिब्रिटीज भी यहां हवन करवाने आते हैं1।
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5. कांगड़ा (ब्रजेश्वरी) देवी शक्तिपीठ (Kangra/Brijeshwari Devi Temple)
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स्थान: कांगड़ा शहर, हिमाचल प्रदेश
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महत्व: यहां माता सती का दायां वक्ष गिरा था। नगरकोट धाम के नाम से भी प्रसिद्ध।
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कैसे पहुंचे:
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बगलामुखी से 24 किमी, पैदल 15-20 मिनट की चढ़ाई।
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विशेष आकर्षण:
6. चामुंडा देवी शक्तिपीठ (Chamunda Devi Temple)
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स्थान: कांगड़ा जिले के सुंदर पहाड़ों में, पालमपुर के पास
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महत्व: माता पार्वती का उग्र रूप, जिन्होंने चंड-मुंड राक्षसों का वध किया था।
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कैसे पहुंचे:
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कांगड़ा देवी मंदिर से 19 किमी।
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विशेष आकर्षण:
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मंदिर के पास बैनर नदी, जहां स्नान कर सकते हैं।
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धौलाधार पर्वतों का मनोहारी दृश्य।
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मंदिर के पास होटल, गेस्ट हाउस ₹800-₹1000 में उपलब्ध।
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बैनर नदी का ठंडा और निर्मल जल12।
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यात्रा की योजना और बजट
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यात्रा अवधि: 2-3 दिन में सभी शक्तिपीठों के दर्शन संभव।
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यात्रा प्रारंभ: चंडीगढ़/दिल्ली से सबसे पहले नैना देवी जाएं, फिर क्रमशः चिंतपूर्णी, ज्वाला जी, बगलामुखी, कांगड़ा, और अंत में चामुंडा देवी।
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यात्रा का कुल बजट:
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ट्रेन टिकट (दिल्ली-आनंदपुर साहिब): ₹900 प्रति व्यक्ति
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टैक्सी/बस चार्ज: ₹3000-₹4000 (समूह में यात्रा सस्ती)
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होटल/धर्मशाला: ₹400-₹1000 प्रति रूम प्रति रात
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भोजन: ₹2000 (2 दिन)
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कुल खर्च (4-5 लोगों के लिए): ₹7000-₹12000
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बजट यात्रा के लिए बस सेवा का उपयोग करें1।
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यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
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सभी मंदिरों में सुबह-शाम लंगर की व्यवस्था है।
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मंदिरों के पास सस्ते ढाबे और रेस्टोरेंट उपलब्ध हैं।
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भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी दर्शन करें।
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नवरात्रि, रामनवमी, और अन्य पर्वों पर विशेष आयोजन होते हैं।
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मंदिरों के पास स्थानीय बाजार से प्रसाद, चुनरी, पूजा सामग्री खरीद सकते हैं।
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हर मंदिर के पास धर्मशाला, होटल, गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
यात्रा के साथ अन्य दर्शनीय स्थल
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आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा
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बकरा नांगल डैम
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बैजनाथ मंदिर
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पालमपुर
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धर्मशाला
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मैक्लोडगंज
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खज्जियार (मिनी स्विट्जरलैंड)
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कांगड़ा घाटी टॉय ट्रेन
निष्कर्ष
हिमाचल की 6 देवी शक्तिपीठ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और इतिहास से भी परिचित कराती है। यात्रा की सही योजना, बजट और मार्गदर्शन से आप इस यात्रा को यादगार और सुखद बना सकते हैं। श्रद्धा, भक्ति और प्रकृति का अद्भुत संगम आपको हिमाचल की इस देवी यात्रा में मिलेगा। जय माता दी
SOURCE: Walk with Vamika