भारत में EV कारों की रफ्तार: बिक्री, चार्जिंग, कंपनियां और निवेश का पूरा विश्लेषण

भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टॉप कंपनियों और EV सेक्टर में निवेश के फायदों पर गहराई से विश्लेषण। जानिए 2025 में EV बाजार की असली तस्वीर।

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6/26/20251 मिनट पढ़ें

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भारत में EV कारों की बिक्री कितनी तेज़ी से बढ़ रही है?

2025 में भारत इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्रांति के एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश में कुल 19.6 लाख EVs रजिस्टर हुईं, जिसमें इलेक्ट्रिक कारों (पैसेंजर EVs) की बिक्री में 52% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई। मई 2025 में EV कारों की बिक्री 12,197 यूनिट्स तक पहुंच गई, और पूरे साल में 1,06,000 इलेक्ट्रिक कारें रजिस्टर हुईं, जो पिछले साल के मुकाबले 91,000 से अधिक हैं। कुल कार बिक्री में EVs की हिस्सेदारी 2024 में 2.5% थी, जो मई 2025 में बढ़कर 4% हो गई है।

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय ग्राहक अब तेजी से इलेक्ट्रिक कारों की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले कुछ वर्षों में यह हिस्सेदारी 10% तक पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि तकनीक बेहतर हो रही है, चार्जिंग नेटवर्क बढ़ रहा है और कीमतें कम हो रही हैं।

EV कारें कैसे चार्ज हो रही हैं?

भारत में EV चार्जिंग का तरीका दो हिस्सों में बंटा है:

  • घरेलू/निजी चार्जिंग:
    करीब 70% EV चार्जिंग घरों, ऑफिसों या फ्लीट डिपो में होती है। लोग अपनी कार को रातभर घर पर चार्ज कर लेते हैं या ऑफिस में चार्जिंग पॉइंट्स का इस्तेमाल करते हैं। यह तरीका सबसे सुविधाजनक और सस्ता है2

  • पब्लिक चार्जिंग स्टेशन:
    जैसे-जैसे EVs की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ रहे हैं। 2024 तक देश में 12,146 से ज्यादा पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशन थे, जबकि 2022 में यह संख्या केवल 1,800 थी। यानी दो साल में 9 गुना वृद्धि2। हालांकि, अभी भी यह संख्या पर्याप्त नहीं है, क्योंकि देश में EV-to-public charger ratio 135:1 है, जबकि चीन में यह 6:1 और अमेरिका में 19:1 है।

  • चार्जिंग की स्पीड:
    भारत में फिलहाल 89% चार्जिंग स्टेशन स्लो चार्जर हैं, 7% फास्ट चार्जर और 4% बैटरी स्वैपिंग स्टेशन हैं3। स्लो चार्जर आमतौर पर घरों और ऑफिसों में इस्तेमाल होते हैं, जबकि फास्ट चार्जर हाईवे या कमर्शियल जगहों पर लगाए जा रहे हैं।

देश में कितने चार्जिंग स्टेशन हैं?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2024 तक देश में 12,146 पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशन थे4। यह संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि सरकार और निजी कंपनियां मिलकर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही हैं। प्रमुख राज्य जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु चार्जिंग स्टेशन की संख्या में आगे हैं।

चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे:

  • FAME India Scheme के तहत सब्सिडी और प्रोत्साहन।

  • PM Electric Drive Revolution के तहत चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट।

  • Ministry of Power द्वारा EV चार्जिंग के लिए स्टैंडर्ड गाइडलाइंस और सस्ती टैरिफ दरें4

फिर भी, भारत को 2030 तक करीब 13 लाख पब्लिक चार्जिंग स्टेशन चाहिए होंगे, ताकि बढ़ती EV संख्या के साथ कदम मिलाया जा सके2

भारत में कुल कितनी EV कारें हैं?

2025 के अंत तक भारत में कुल 61.66 लाख EVs रजिस्टर हो चुकी हैं, जिसमें दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और बसें शामिल हैं। अकेले FY25 में 20 लाख से ज्यादा EVs बिकीं5। पैसेंजर EV कारों की संख्या FY25 में 1,06,000 रही, जिसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी Tata Motors (53%) और MG Motor (28%) की रही5

राज्यवार बिक्री में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और बिहार टॉप 5 राज्यों में हैं, जो देश की कुल EV बिक्री का लगभग 50% हिस्सा रखते हैं5

EV सेक्टर की टॉप कंपनियां कौन सी हैं?

भारत का EV बाजार कई कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर बन चुका है। प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं:

  • Tata Motors: पैसेंजर EV कारों में सबसे आगे, Nexon EV, Tiago EV, Tigor EV जैसे मॉडल्स के साथ।

  • Ola Electric: दोपहिया EV स्कूटर्स में लीडर, S1 और S1 Pro मॉडल्स के साथ, बैटरी स्वैपिंग सर्विस भी उपलब्ध।

  • MG Motor India: EV कारों में मजबूत उपस्थिति, ZS EV जैसे मॉडल्स के साथ।

  • Mahindra Electric: SUV और थ्री-व्हीलर EV सेगमेंट में तेजी से बढ़ रही कंपनी6

  • Ather Energy, TVS, Bajaj, Hero Electric: दोपहिया EV सेगमेंट में अग्रणी।

इन कंपनियों के अलावा, Zypp Electric, Battery Smart, Simple Energy, Euler Motors, Okinawa, Ampere, Ultraviolette, Yulu, Okaya, Tork Motors, Hop Electric, Pure EV, Omega Seiki Mobility, Lohia Auto, MoEVing आदि भी EV बाजार में अपनी जगह बना रहे हैं6

EV सेक्टर में निवेश: आने वाले सालों में कितना फायदा?

EV सेक्टर में निवेश के कई कारण हैं:

  • बाजार की तेज़ ग्रोथ:
    EV बिक्री में हर साल 20-50% की बढ़ोतरी देखी जा रही है। आने वाले वर्षों में EVs कुल ऑटोमोबाइल बाजार का 22% हिस्सा बन सकते हैं6

  • सरकारी प्रोत्साहन:
    केंद्र और राज्य सरकारें EV सेक्टर के लिए सब्सिडी, टैक्स छूट, सस्ती बिजली दरें, और PLI/FAME जैसी योजनाएं चला रही हैं, जिससे कंपनियों को लागत कम करने और टेक्नोलॉजी में निवेश का मौका मिल रहा है6

  • इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश:
    चार्जिंग स्टेशन, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग, सॉफ्टवेयर और सप्लाई चेन में भारी निवेश हो रहा है। Tata Power जैसी कंपनियां 2028 तक 25,000 चार्जिंग पॉइंट लगाने की योजना बना रही हैं6

  • नए खिलाड़ी और विदेशी निवेश:
    Tesla, VinFast जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारतीय EV बाजार में प्रवेश कर रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा और टेक्नोलॉजी दोनों में सुधार होगा6

  • लंबी अवधि के लाभ:
    EV सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों के शेयरों में अच्छा रिटर्न देखने को मिल सकता है, क्योंकि EVs की मांग बढ़ने के साथ-साथ इन कंपनियों के मुनाफे और बाजार मूल्य में भी वृद्धि होगी।

निष्कर्ष: EV सेक्टर में निवेश का भविष्य

भारत का EV सेक्टर अभी शुरुआती लेकिन तेज़ रफ्तार पर है। EV कारों की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, सरकारी प्रोत्साहन और नई कंपनियों की एंट्री से यह क्षेत्र निवेश के लिए बेहद आकर्षक बन चुका है। आने वाले 5-10 वर्षों में EV सेक्टर में निवेश करने वाले निवेशकों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है, खासकर उन कंपनियों में जो पैसेंजर कार, दोपहिया, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी हैं।

अगर आप भी EV सेक्टर में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो Tata Motors, Ola Electric, Mahindra Electric, MG Motor, Ather Energy जैसी कंपनियों पर नज़र रखें। साथ ही, बैटरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियां भी लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दे सकती हैं6

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