
यहाँ 18 अक्टूबर 2025 (धनतेरस) के दिन भारत में प्रमुख ज्वेलरी ब्रांड्स के 22 कैरेट गोल्ड रेट्स पर आधारित हिंदी लेख प्रस्तुत किया गया है, जो सोने की खरीद की वजह, कीमतें, रिवाज़ और मार्केट की पूरी जानकारी देता है। पूरा लेख आसान और प्रवाहपूर्ण हिंदी में लिखा गया है, ताकि पाठक सोने की खरीदारी के विभिन्न पहलुओं और मौजूदा रेट्स को भलीभांति समझ सके।
धनतेरस 2025: सोने की चकाचौंध और शुभ निवेश
भूमिका
हर साल दीपावली से पहले देशभर के बाज़ारों में सोने-चांदी की खरीदारी की धूम मच जाती है। असल में इसी दिन, धनतेरस के अवसर पर सोना खरीदना सबसे शुभ और मंगलमय माना जाता है। पुराने जमाने से लेकर आज के मॉडर्न समाज में भी, लाखों लोग इस दिन दुकानों की ओर रुख करते हैं, ताकि अपने परिवार में समृद्धि, सुख-शांति और झोली भर खुशियां लेकर आएं।
धनतेरस का ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व
धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली उत्सव का पहला दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण, धन की देवी लक्ष्मी और चिकित्सा के देव धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है।
धार्मिक तौर पर लोग मानते हैं कि इस दिन सोना, चांदी, बर्तन जैसे कीमती धातु या वस्त्र आदि खरीदने से घर में लक्ष्मी आती है। इससे सालभर में व्यापार-व्यवसाय और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। विवाह, नए घर की खरीद, नए व्यापार या कुछ बड़ा खरीदने का आरंभ भी इसी शुभ तिथि पर किया जाता है।
2025 में धनतेरस की तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि
साल 2025 में धनतेरस का पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर को पूरे भारत में मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे समाप्त होगी।
इस दिन पूजा का मुख्य मुहूर्त “प्रदोष काल” में मना जाता है, जो शाम 5:59 बजे से रात 8:25 बजे तक रहेगा। वहीं “वृषभ काल” 7:39 बजे से 9:41 बजे तक माने जाएंगे। इन दोनों मुहूर्तों में सोना खरीदना और लक्ष्मी-धन्वंतरि का पूजन करना अत्यधिक शुभ माना गया है।
क्यों खरीदें सोना-चांदी धनतेरस पर?
- सोना भारतीय संस्कृति में निवेश, संपत्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।
- यह लंबे समय तक मूल्य में स्थिरता और बढ़ोतरी देने वाला संपत्ति का माध्यम है।
- धार्मिक दृष्टि से, इसे खरीदने से घर में दरिद्रता और बुरी शक्तियों का नाश होता है।
- त्योहारों और मांगलिक कार्यों में सोने-चांदी के सिक्कों, आभूषणों और बर्तनों का महत्व सदियों से रहा है।
- परिवार में नई बहू या बेटी के लिए उपहारस्वरूप भी धनतेरस की खरीदारी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
सोने की शुद्धता और हॉलमार्किंग क्या है?
सोने की शुद्धता यह तय करती है कि उसमें शुद्ध सोना कितना है और बाकी धातु मिलावट कितनी है। भारतीय बाजार में आमतौर पर 24 कैरेट, 22 कैरेट, 20 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट गोल्ड मुख्य रूप से आते हैं। जितना ज़्यादा कैरेट, उतनी ज़्यादा शुद्धता और कीमतीपन।
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का सरकारी सत्यापन है, जिसमें BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) द्वारा जारी मुहर लगती है। हॉलमार्क ज्वेलरी खरीदने से आपको यह निश्चितता मिलती है कि जो सोना आपने लिया है वह असली और सरकारी मान्यताओं के अनुरूप है।
2025 में प्रमुख ब्रांड्स के 22 कैरेट सोने के दाम
आइए जानते हैं 18 अक्टूबर 2025 के ताज़ा 22 कैरेट गोल्ड रेट्स:
ब्रांड का नाम | 22 कैरेट गोल्ड रेट (प्रति ग्राम) |
---|---|
तनिष्क (Tanishq) | रु 12,210 |
मलबार गोल्ड & डायमंड्स | रु 11,995 |
जोयालुक्कास | रु 11,995 |
कल्याण ज्वैलर्स | रु 11,995 |
इन दामों में केवल बेसिक सोने की कीमत शामिल है। इसमें मेकिंग चार्ज, हॉलमार्किंग फीस और अन्य टैक्स शामिल नहीं हैं। यह खर्च अलग-अलग डिज़ाइन और दुकानों के अनुसार बदलता है।economictimes.indiatimes
IBJA (इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन) द्वारा सुझाए गए सोने के दाम
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) देशभर के ज्वेलर्स और मार्केट की हलचल को ध्यान में रखते हुए परफेक्ट गोल्ड रेट बताती है। 17 अक्टूबर 2025 के IBJA के अनुसार सोने के दाम (प्रति ग्राम):
- फाइन गोल्ड (999): रु 12,958
- 22 कैरेट: रु 12,647
- 20 कैरेट: रु 11,533
- 18 कैरेट: रु 10,496
- 14 कैरेट: रु 8,358
इन रेट्स से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि सोने की शुद्धता जैसे-जैसे बढ़ती है, उसकी कीमत भी अधिक होती जाती है।economictimes.indiatimes
अलग-अलग शुद्धता और उनकी कीमतें
सोने को आमतौर पर निम्नलिखित शुद्धता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:
- 24 कैरेट: 99.9% शुद्धता (साबर-प्योर गोल्ड, सिक्कों में मिलता है)
- 22 कैरेट: 91.6% शुद्धता (सबसे ज्यादा गहनों में इस्तेमाल होता है)
- 18 कैरेट: 75% शुद्धता (मॉडर्न और डायमंड ज्वैलरी में लोकप्रिय)
- 14 कैरेट: 58.5% शुद्धता (फैशन ज्वैलरी, रोजमर्रा के गहनों में प्रयुक्त)
शुद्धता जितनी ऊपर, उतना ही मूल्य भी अधिक।economictimes.indiatimes
गोल्ड की कीमत किन-किन बातों पर निर्भर करती है?
- इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड का भाव
- डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट्स
- इंपोर्ट ड्यूटी और GST जैसी सरकारी नीतियां
- मांग-आपूर्ति (डिमांड-सप्लाई) में उतार-चढ़ाव
- दिवाली, अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर बढ़ी मांग
- स्थानीय टैक्स, मेकिंग चार्ज, ब्रांड वैल्यू आदि
खऱीदारी के वक्त ध्यान रखने योग्य बातें
- हमेशा हॉलमार्क्ड ज्वैलरी ही खरीदें, ताकि शुद्धता की गारंटी रहे।
- रसीद, बिल एवं वारंटी कार्ड अवश्य लें।
- सोने के भाव की सही जानकारी के लिए अधिकृत स्रोत (IBJA, बड़े ब्रांड्स की वेबसाइट) देखें।
- प्राइस ब्रेकअप में बेस प्राइस, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क फीस और टैक्स अलग-अलग देखें।
- किसी भी ऑफ़र-कूपन को स्वीकारने से पहले सम्पूर्ण नियम व शर्तें पढ़ें।
धनतेरस पर सोना खरीदने के टिप्स
- ई-मेल या मैसेज के जरिये डिजिटल गोल्ड भी खरीदा जा सकता है, जो सुरक्षित विकल्प है।
- ऑनलाइन ऑर्डर बुक करना और बाद में फिजिकल पिक-अप लेना आजकल चलन में है।
- कामकाजी महिलाएँ और युवा पीढ़ी अब हल्के वजन के मॉडर्न डिजाइनों को अधिक पसंद कर रहे हैं।
- निवेश की दृष्टि से सोने के सिक्के (24 कैरेट, 999 हॉलमाक) या गोल्ड बॉन्ड ज्यादा फायदेमंद हैं।
- गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प भी आजकल लोकप्रिय हैं।
सोने के दाम में पिछले एक साल की बढ़ोतरी
2024 की तुलना में 2025 में सोने के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वर्ष भर में लगभग 66% तक गोल्ड की वैल्यू में इज़ाफा हुआ है। इसका मुख्य कारण है वैश्विक आर्थिक हालातों का अस्थिर रहना, डॉलर की कमजोरी, क्रूड ऑयल प्राइसेज और शेयर बाजार की गिरावट।
क्या गोल्ड की कीमतें आगे भी बढ़ती रहेंगी?
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में शादी-ब्याह का सीजन, त्योहार और भावी आर्थिक माहौल को देखते हुए सोने की कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है या हल्की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। निवेश के लिहाज से गोल्ड हमेशा सुरक्षित और भरोसेमंद ऑप्शन माना जाता है।
प्रमुख शहरों के दाम (संदर्भ के लिए)
भारत के बड़े शहरों में गोल्ड रेट्स आम तौर पर थोड़ा-बहुत फर्क लिए होते हैं। सरकारी टैक्स, स्ट्रक्चर और स्थानीय डिमांड-आपूर्ति के चलते ये मामूली बदलाव आम हैं। उदाहरण के लिए – मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, अहमदाबाद जैसे शहरों में गोल्ड की मांग ज्यादा होने से दामों में फर्क रहता है।
किस प्रकार की ज्वैलरी खरीदना लाभकारी?
- पारंपरिक सोने की ज्वैलरी (मंगलसूत्र, हार, कड़े, कंगन आदि)
- कॉन्टेम्परेरी डिजाइन (ऑफिस वियर, हल्के गहने)
- ब्राइडल और हेवी सेट्स (शादी-ब्याह हेतु)
- इन्वेस्टमेंट गोल्ड (सोने के सिक्के, बिस्किट्स, गोल्ड बार)
- डिजिटल और गोल्ड बॉन्ड (लॉन्ग टर्म निवेश के लिए)
धनतेरस की खरीदारी इंटरनेट पर क्यों बढ़ रही है?
- कोविड काल के बाद लोगों ने ऑनलाइन ऑर्डर को सुरक्षा और सुविधा के तहत अधिक प्राथमिकता दी।
- डिजिटल गोल्ड, वेबसाइट्स और एप्लिकेशन के माध्यम से ऑर्डर देना आसान और त्वरित हो गया है।
- ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म्स पर आकर्षक ऑफ़र, EMI ऑप्शन, कैशबैक व डिस्काउंट उपलब्ध हैं।
मिथक और सच: पैसे, सौभाग्य और समृद्धि
भारतीय मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस का दिन केवल ज़ायकेदार खरीदारी का ही नहीं, बल्कि अपने प्रियजनों के लिए दुआ और आशीर्वाद का भी पर्व होता है। इस दिन शुद्ध मन और स्वस्थ भाव के साथ किया गया निवेश सालभर परिवार के लिए सौभाग्य, शांति और खुशहाली लाता है। इसलिए हर कोई अपनी हैसियत के अनुसार सोना, चांदी, बर्तन, गाड़ी, आदि खरीदता है।
निष्कर्ष
धनतेरस के शुभ दिन पर सोने की खरीदारी भारतीय संस्कृति, विश्वास और निवेश-बुद्धि का अनूठा संगम है। तनिष्क, मलाबार गोल्ड, जोयालुक्कास और कल्याण ज्वैलर्स समेत बड़े ब्रांड्स का रेट ग्राहकों के लिए एक गाइडलाइन देता है, वहीं IBJA जैसे अधिकृत संगठन लोगों में पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करते हैं। ग्राहकों को चाहिए कि खरीदारी के वक्त दाम, शुद्धता, हॉलमार्किंग, मेकिंग चार्ज और टैक्स का विशेष ध्यान रखें। ऐतिहासिक व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति आज के दिन कुछ नया खरीदता है, उसके परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का आगमन निश्चित होता है।
पुरातन परंपरा हो या आधुनिक निवेश—धनतेरस पर सोना सच्चे अर्थों में ‘सोने पे सुहागा’ साबित होता है। इस दिवाली, झोली भर खुशियों, समृद्धि और सौभाग्य की कामना के साथ सबको शुभ धनतेरस!economictimes.indiatimes