महाराज जी से पूछा गया: “क्या हम अपने बेडरूम में इष्ट और गुरुदेव की छवि लगा सकते हैं?”
शब्दशः और बिंदुवार महाराज जी के उत्तर:
- महाराज जी ने कहा: “दूर”, क्योंकि आप गृहस्थ हैं और अपने बिस्तर पर गृहस्थ धर्म का भी प्रयोग करेंगे, तो अपवित्रता में मूर्ति या छवि नहीं रखी जाती।
- दूर ऐसे रख लिया – बात अलग है; दर्शन के लिए जो बेड से स्पर्श ना करे, ऐसे रख सकते हैं (जैसे दीवार आदि पर)।
- “हाँ, दूर पर, दूर जी, जो बिस्तर का स्पर्श ना करते हों, दूर, ऐसे नहीं कि अपने बेड में ही। जब आप गृहस्थिक धर्म का प्रयोग करेंगे, गृहस्थ में तो फिर पवित्रता की जरूरत है, फिर उसमें ठीक नहीं है।”
संक्षेप में मुख्य बिंदु:
- इष्ट अथवा गुरुदेव की छवि बेडरूम में रखी जा सकती है लेकिन
- छवि या मूर्ति बिस्तर से दूर होनी चाहिए।
- बिस्तर का छवि/मूर्ति से स्पर्श न हो।
- पवित्रता का ध्यान रहें; गृहस्थ धर्म के कारण अपवित्रता की स्थिति में मूर्ति पास न रखें।
यानी, दर्शन हेतु दीवार या ऐसी जगह छवि रख सकते हैं, जहाँ बिस्तर का कोई स्पर्श न हो, लेकिन पास या बिस्तर पर बिल्कुल न रखें। पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।youtube






