आधार अपडेट की प्रक्रिया अब घर बैठे

प्रस्तावना

आधार नंबर आज भारतीय जीवन के हर क्षेत्र का केंद्र बन गया है—चाहे बैंक खाता खोलना हो, सिम कार्ड लेना हो या कोई सरकारी सेवा प्राप्त करनी हो। UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने CNBC Awaaz को दिए इंटरव्यू में विस्तार से बताया कि आधार अपडेट में अब केंद्र पर बार-बार जाने की आवश्यकता नहीं रही और अधिकांश काम घर से हो सकते हैं। इस लेख में इंटरव्यू की पूरी जानकारी विस्तार से हिन्दी में दी गई है, जिससे कोई भी नागरिक आधार अपडेट सबंधी हर पहलू को समझ सके।


आधार की व्यापकता और स्थिति

पहले कोई भी जरूरी काम जैसे सिम कार्ड लेना, बैंकिंग, सरकारी सेवाएँ आदि आधार के बिना संभव नहीं था। आज लगभग 142 करोड़ आधार बन चुके हैं। जिनकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है, उनका लगभग पूरा सैचुरेशन हो गया है। नए आधार के आवेदन मुख्यतः 0 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए मिल रहे हैं। 5-18 वर्ष के बच्चों के मामले में 24% आवेदन आ रहे हैं और बाकी 75% 0-5 वर्ष वालों के हैं।


आधार अपडेट्स: घर बैठे सुविधाएँ

सबसे अधिक ज़रूरत एड्रेस अपडेट की ही पड़ती है, जो किसी नए स्थान पर जाकर होने वाली है। UIDAI ने इसे माय आधार पोर्टल और mAadhaar ऐप पर उपलब्ध करा दिया है। ज्यादातर एड्रेस और डॉक्यूमेंट अपडेट्स घर बैठे किए जा सकते हैं। डॉक्यूमेंट अपडेट एक साल के लिए फ्री भी किया गया है।

  • एड्रेस अपडेट: माय आधार पोर्टल या M-Aadhaar ऐप के ज़रिए किया जा सकता है।
  • डॉक्यूमेंट अपडेट: पुराने या गलत डॉक्यूमेंट को भी ऑनलाइन अपडेट किया जा सकता है—यह सुविधा फिलहाल मुफ्त है।youtube

मोबाइल नंबर अपडेट: नई पहल

मोबाइल नंबर बदलना एक संवेदनशील मामला है क्योंकि इससे बैंकिंग समेत कई सेवाएँ OTP के जरिए जुड़ी हैं। मोबाइल नंबर ऑनलाइन अभी नहीं बदला जा सकता है, इसके लिए सेंटर जाना पड़ता है और बायोमेट्रिक वेरिफकेशन होता है। लेकिन UIDAI ने फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा शुरू की है, और जल्द ही—नवंबर या दिसंबर 2025 तक—mAadhaar ऐप से घर बैठे मोबाइल नंबर अपडेट की सुविधा शुरू हो जाएगी।


नाम और जन्मतिथि अपडेट

नाम बदलने के मामले में दो कैटेगरी हैं: छोटी गलतियाँ (जैसे स्पेलिंग) तथा मेजर परिवर्तन (पूरा नाम, सरनेम आदि)। मेजर नाम परिवर्तन के लिए गजट नोटिफिकेशन जरूरी है, जिसे UIDAI राज्य सरकार वेबसाइट से वेरिफाई करता है।

जन्मतिथि (Date of Birth) के बदलाव में भी सख्ती आई है। पहले बार-बार डेट बदलने की कोशिश की जाती थी—कम उम्र दिखाकर सरकार से लाभ या नौकरी लेने के लिए। अब सिर्फ बर्थ सर्टिफिकेट के बेस पर ही बदलाव की अनुमति है। सिस्टम में डिक्लेयर्ड (Declared) डेट से वेरिफाइड (Verified) डेट बदलाव किया जा सकता है, लेकिन डॉक्यूमेंट ऑनलाइन वेरिफायबल होना आवश्यक है।


ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन

अब हर डॉक्यूमेंट—चाहे पासपोर्ट, CBSE मार्कशीट, पैन, मनरेगा जॉब कार्ड या बर्थ सर्टिफिकेट—ऑनलाइन वेरीफायबल होना चाहिए। राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जाति प्रमाणपत्र भी ऑनलाइन वेरिफ़ायबल बनाए जाएँ।


फेस ऑथेंटिकेशन: नई क्रांति

फेस ऑथेंटिकेशन ने प्रोसेस सरल बना दिया है क्योंकि फिंगरप्रिंट या आयरिस वेरिफिकेशन के लिए डिवाइस चाहिए होती है—जो घर में नहीं रहती। लेकिन फेस ऑथेंटिकेशन मोबाइल, लैपटॉप, या टैबलेट से हो सकता है, और इसमें अतिरिक्त डिवाइस की ज़रूरत नहीं ही पड़ती है।

सुरक्षा के लिहाज से भी इसमें शोध जारी है ताकि किसी भी तरह का दुरुपयोग करने की कोशिश रोकी जा सके। पुराने समय में फिंगरप्रिंट में गमी फिंगर्स (नकली उंगलियाँ) लगाकर दुरुपयोग होता था, लेकिन नए L1 डिवाइस में कैमरा और लाइव चेक है कि असली व्यक्ति है या नहीं। UIDAI सक्रिय रूप से स्टार्टअप्स व रिसर्च के साथ सिस्टम को सुरक्षित बना रहा है।


बच्चों का आधार और बायोमेट्रिक्स

5 साल से छोटे बच्चों का एनरोलमेंट बायोमेट्रिक्स के बिना होता है क्योंकि उनकी अंगुलियाँ, आयरिस व चेहरा विकसित नहीं होते। 5-7 वर्ष की आयु में पहली बार बायोमेट्रिक्स देना जरूरी होता है—इसे MBY1 कहते हैं और फ्री होता है। 7-15 वर्ष में चार्ज लगता है, फिर 15-17 वर्ष में फिर अनिवार्य बायोमेट्रिक्स देना पड़ता है—इसे MBY2 कहते हैं, जो फ्री है।

UIDAI ने स्कूलों में कैंप लगाने की योजना बनाई है ताकि छूटे हुए बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट हो सके। शिक्षा मंत्रालय के Udise एप्लीकेशन और UIDAI दोनों के डेटा मिलाकर टारगेटेड कैंप लगाए जा रहे हैं और अगले एक वर्ष में सभी बच्चों को कवर करने का लक्ष्य है।


आधार और नागरिकता

आधार को भारत में नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाता क्योंकि आधार एक्ट की धारा 9 में स्पष्ट लिखा है कि यह नागरिकता से जुड़ा प्रमाण नहीं है। यह ‘रेज़िडेंट’ को प्रमाणित करता है—जो व्यक्ति पिछली 12 माह में कम-से-कम 182 दिन भारत में रहे, वे रेजिडेंट कहलाते हैं और आधार के पात्र हैं। विदेशियों को भी फॉरेनर आधार मिलता है, जो भारतीय आधार से अलग होता है।


आधार ऑथेंटिकेशन: क्षमता और उपयोग

UIDAI का सिस्टम प्रति दिन औसतन 9 करोड़ ऑथेंटिकेशन करता है, लेकिन कभी-कभी यह संख्या 13.8 करोड़ तक पहुँच जाती है। आने वाले समय में इसकी क्षमता को बढ़ाकर 20 करोड़ ऑथेंटिकेशन प्रतिदिन के लक्ष्य तक पहुँचाने की योजना है। रेलवे टिकट रिज़र्वेशन जैसी नई सेवाएँ भी इसमें जुड़ रही हैं।


मृत्यु के बाद आधार डीएक्टिवेशन

मृत व्यक्तियों के आधार के दुरुपयोग से बचने के लिए UIDAI उनका आधार डीएक्टिवेट कर रहा है। Civil Registration System (CRS) और बाकी राज्यों से डेटा जुटाकर अब तक 1.4 करोड़ आधार डीएक्टिवेट हो चुके हैं। दिसंबर तक 2 करोड़ डीएक्टिवेशन का लक्ष्य है। यह प्रक्रिया पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन, इंश्योरेंस कंपनियाँ, बैंक रिकॉर्ड्स, रेवेन्यू रिकॉर्ड्स आदि के जरिए भी जारी है।


आधार, वोटर आईडी और अन्य डॉक्यूमेंट्स का लिंक

वोटर आईडी और आधार को जोड़ने संबंधी निर्णय भारत निर्वाचन आयोग के हाथ में है—UIDAI सिर्फ तकनीकी सेवाएं देता है। कई संस्थाएँ फेस ऑथेंटिकेशन को अडॉप्ट कर रही हैं, जैसे परीक्षा प्रणाली, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन, फर्टिलाइजर डिस्ट्रिब्यूशन इत्यादि।


डेटा सुरक्षा और डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट

UIDAI का सारा डेटा भारत के डाटा सेंटर्स में ही रखा जाता है—मानेसर और बंग्लोर में। सरकारी क्लाउड सिस्टम का ही उपयोग होती है और सभी रेक्वेस्टिंग एंटिटीज को शर्त दी जाती है कि डाटा भारत में रहे। आधार नमबर स्टोर करने के लिए आधार डाटा वॉल्ट अनिवार्य किया गया है।

UIDAI के सेंट्रल आइडेंटिटी डाटा रिपोजिटरी में आज तक (2009 से) कोई ब्रीच नहीं हुआ है और नागरिकों का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। UIDAI का मानना है कि आधार एक्ट डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट से कहीं ज्यादा सख्त है, इसलिए उसमें कोई अतिरिक्त असर नहीं पड़ेगा—बल्कि चीज़ें और सुलभ हो सकेंगी।


निष्कर्ष: आधार अपडेट का भविष्य

आधार अब घर बैठे ही अपडेट किया जा सकता है—मुख्यत: एड्रेस और डॉक्यूमेंट्स के मामलों में। फेस ऑथेंटिकेशन के बढ़ते उपयोग ने प्रोसेस को आसान बना दिया है, और जल्द ही मोबाइल नंबर भी घर बैठे ही अपडेट हो सकेगा। बच्चों के मामलों में बायोमेट्रिक्स अपडेट के लिए स्कूलों में कैंप लगाए जा रहे हैं। नाम व डेट ऑफ बर्थ अपडेट के लिए नियमों में सख्ती आई है, जिससे दुरुपयोग रुका जा सके। डेटा सुरक्षा के लिए UIDAI लगातार सभी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है और भविष्य में आधार अपडेट का पूरा सिस्टम डिजिटल रूप से हर नागरिक के लिए सुलभ होता जाएगा।


यह हिंदी लेख CNBC Awaaz के आधार विषय पर UIDAI के CEO भुवनेश कुमार के विस्तृत इंटरव्यू पर आधारित है और इसमें आधार अपडेट प्रोसेस, उसके नए बदलाव, नियम, सुविधाएँ, डेटा प्रोटेक्शन, बच्चों की एंट्री आदि विषयों का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया गया है।

  1. https://www.youtube.com/watch?v=pVLFlnjMiZE
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