- प्रश्न:
क्या नाम जाप या प्रार्थना करते समय आँखें बंद करके ध्यान करना श्रेष्ठ है या आँखें खोलकर ? - उत्तर:
- महाराज जी कहते हैं: जैसे सुविधा हो, वैसे करें।
- आँखें बंद करें या खोलें—यह आपकी सुविधा पर निर्भर करता है।
- मंदिर में अगर विग्रह सामने हैं तो आँखें खोलकर भगवान के दर्शन करते हुए भजन/प्रार्थना करें।
- अगर आँख बंद करने की जरूरत लगे—कहीं ध्यान भटक रहा हो, बाहर के दृश्य विक्षेप पैदा करते हैं—तो आँखें बंद कर लें।
- मंदिरों में पर्दा भी इसी उद्देश्य से लगाया जाता है, कि बाहर से कोई दृश्य ना आए और ध्यान एकाग्र रहे।
- परंतु भगवान के सामने, विग्रह के सामने आँखें खोलकर भी प्रार्थना या भजन किया जा सकता है।
- मुख्य बात यह है कि भजन/प्रार्थना मन से करना चाहिए, आँखें बंद रखना अनिवार्य नहीं है।
- सुविधा अनुसार, मन एकाग्र करने के लिए जब जैसा ठीक लगे वही करें—आँखें खोलना या बंद करना।youtube
नोट:
यह उत्तर महाराज जी के वचनों का सार और बिंदुवार अनुच्छेद आधार पर दिया गया है।







