गोवर्धन से 1, वृन्दावन से 2 घंटे दूर आदि बद्री, ब्रज केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, ऋषिकेश, लक्ष्मण झुला का पूरा टूर (EN)

गोवर्धन से 1, वृन्दावन से 2 घंटे दूर आदि बद्री, ब्रज केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, ऋषिकेश, लक्ष्मण झुला का पूरा टूर 

प्रयागराज महाकुम्भ में तो गए नहीं थे. शुरू से कोई योजना भी नहीं थी और जब चारो तरफ चर्चा होने लगी तो मन करने लगा. लेकिन ट्रेन भी नहीं मिल रही थी. गाडी से हिम्मत नहीं हो रही थी. बीच में भगदड़, भीड़भाड़ की नेगेटिव ख़बरों से भी पस्त पड़े. फिर बेटे के एग्जाम आ गये. 7 मार्च को खत्म हुए. 14 को होली थी. तो सोचा होली के बाद प्रयागराज और बनारस जाए. कुम्भ हो चूका है, ज्यादा भीड़ भी नहीं होगी. ट्रेन कि टिकेट मिल रही थी. बीवी को भी बोल दिया. एक करीब रिश्तेदार भी तैयार हो गया. हाँ फिर यह भी सोचा कि पिछली बार नवम्बर के बाद से वृन्दावन जाना नहीं हुआ. तो छोटी और बड़ी होली में वृन्दावन में रहेंगे फिर होली के बाद प्रयागराज और बनारस निकल जायेंगे.

प्लान बन गया. लेकिन दिमाग में कुछ और चलने लगा. पता नहीं ठाकुर जी या श्रीजी प्रेरणा दे रहे. थे. सोचा और एक विडियो में भी देखा सुना कि होली वाले दिन वृन्दावन में सडकों पर बहुत रंग गुब्बारे आदि खेले जाते है. तो सोचा बीवी बच्चों के साथ ठीक नहीं रहेगा. फिर यह भी सोचने लगे कि अब कब वृन्दावन जायेंगे. फिर सोचा कि जहां का सहारा है, पहले उसे ही पकड़ लो. इधर उधर भटकने की जरुरत नहीं है. चूँकि बनारस, प्रयागराज एक हफ्ते का प्लान था. तो श्री जी ने प्रेरणा करी कि पहले गोवर्धन जाए, गोवर्धन से बृज 84 कोस में आदि बदरीधाम और ब्रिज अमरनाथ धाम भी जाया जाये. उत्साह पैदा हो गया. परिवार भी खुश हो गया.

जब ठाकुर जी के माता पिता यशोदा जी और नन्द बाबा जी ने चार धाम की यात्रा करने की इच्छा जताई, तो ठाकुर जी ने कहा, अरे अम्मा तुम कहाँ कितना दूर जायेगी, मैं चारो धाम यही ब्रज में ले आता हूँ. ठाकुर जी ने ब्रज में आदि बद्रीनाथ ,केदारनाथ धाम, यमुनोत्री और गंगोत्री प्रकट कर दिए.

यह धाम ब्रज 84 कोस परिक्रमा मार्ग राजस्थान के भरतपुर, डीग में आते है. गोवर्धन और बरसाना धाम से यह एक घंटे की दूरी पर है. वृन्दावन से 2 घंटे दूर है. हमने गोवर्धन जी में होटल लिया, होटल डॉ भागवत सेवा सदन था, फोर बैड family रूम 1700 रूपये में मिला. होटल ठीक ठाक है. परिक्रमा marg में ही पड़ता है. खाना साधा है और पहले बताना पड़ता है. कैंटीन वाले का दावा है, वे आर्डर पर बनाते है, इसलिए टाइम लगता है.

गोवर्धन जी की परिक्रमा

पहले दिन गोवर्धन जी की परिक्रमा की. मेरी सलाह है कि परिक्रमा तलहटी marg से करे. हरा भरा रास्ता. साथ में गिरिराज जी पर्वत भी आपका उत्साह बढ़ाएगा. आप उनको स्पर्श करने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते है. परिक्रमा बाहर पक्के रोड से भी होती है. पर ब्रज शेत्र का असली अहसास तलहटी marg पर होता है. तलहटी marg बड़ी परिक्रमा पर आता है. 21 किलोमीटर की कुल परिक्रमा में छोटी और बड़ी परिक्रमा आती है. छोटी 10 और बड़ी परिक्रमा 11 किलोमीटर है.

परिक्रमा में मानसी गंगा जी, दान घाटी मंदिर, राधा कुण्ड, कुसुम सरोवर, पूंछरी का लोटा, जतीपुरा मुख्राविंद आदि प्रमुख पवित्र स्थल आते है. जहाँ ठाकुर जी की लीलाओं से भरी पड़ी है. परिक्रमा में कुछ हिस्सा राजस्थान का भी आता है. बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश का भी है. 21 किलोमीटर सुनकर भले घबराहट होती है, लेकिन एक बार शुरू करने के बाद ठाकुर जी और श्री जी सच में हिम्मत देती है. धीरे धीरे करो, परिक्रमा पूर्ण होती है. तलहटी marg में आपको महावीर जी भगत जी रसिक जी का bhajan सुनने का सौभाग्य प्राप्त होगा.यहाँ थोडा देर रूककर जरुर bhajan का सुख लीजिये. आपकी थकान एकदम दूर हो जाएगी.

आदि बद्री जी और ब्रज केदारनाथ जी

दूसरे दिन गोवर्धन से सुबह 7 बजे आदि बद्री निकल गए. हमने अपनी गाडी के बजाय टैक्सी किराए पर ली. क्योंकि रास्ता सही से पता नहीं था और यह भी जानकारी मिली कि रोड बहुत खराब है. मारुती ertiga 7 सीटर 2500 रूपये में मिली. ड्राईवर साहब बहुत अच्छे थे. सेना से रिटायर्ड थे. सबसे बढ़िया बात थी कि ब्रजवासी थे. एक घंटे में आदि बद्रीजी पहुँच गए. धाम में परम शांति थी. पूज्य पंडित जी भागवत का पाठ कर रहे थे. विग्रह की ४ बार परिक्रमा की. संतजन कहते है कि तीर्थ धाम में जाए तो अपना मन चित्त वहां लगाने कि कोशिश करे. सिर्फ पर्यटन भर के लिए ना जाये. वहां से ही थोडा दूर ऋषिकेश जी, लक्ष्मण झूला, यमुनोत्री, गंगोत्री भी है. वहां आपको नर और नारायण जी पर्वत के रूप दर्शन देते है. बीच में गणेश जी के रूप में उनकी सूंड पर्वत के रूप में दर्शन होते है. मंदिर में ठाकुर जी के चरण चिन्ह के भी दर्शन होंगे.

यहाँ से एक घंटे की दूरी में आपको ब्रज केदारनाथ जी के दर्शन होंगे. सबसे पहले गौरीकुंड है. केदारनाथ जी तक पहुँचने के लिए 300 सीढियां चढ़नी पड़ती है. पालकी में भी ले जाने कि व्यवस्था है. पूरा रास्ता बहुत सुखमय है. ठाकुर जी कि लीला गजब है. हम बहुत भाग्यशाली है कि हम उनकी लीला और उनसे जुड़े स्थलों का अनुभव और दर्शन कर पा रहे है.

यह दोनों धाम के आसपास ठाकुर जी की लीलाओं की बहुत सी जगह है. मन खुश हो जाता है.

आदि बद्रीनाथ के पास ऋषिकेश जी, लक्ष्मण झूला, यमुनोत्री और गंगोत्री और देव सरोवर है. देव सरोवर काफी अन्दर और पथरीला रास्ता होने की वजह से नहीं जा पाए. वहीँ अमरनाथ जी के पास चरण पहाड़ी भी गए. यह थोड़ी सी ऊंचाई है. ठाकुर जी जब गैया चराने आते थे, तो इस पहाड़ी पर चढ़कर ब्रज शेत्र को निहारते थे. यहाँ ठाकुर जी के चरण के निशाँ अभी भी है. इसलिए इस पहाड़ी का नाम चरण पहाड़ी है. फिर वहां से फिसलन पट्टी गए, यहाँ एक शिला है, जिस पर बैठकर  ठाकुर जी बाल सखाओं के साथ फिसलते थे. हमें भी इसका सौभाग्य मिला. फिर वहां से भोजन थाली स्थल गए. यहाँ ठाकुर जी ने अपने बाल सखाओं के साथ गाय चराने वक्त भोजन किया है. फिर वहां से विमल कुंड गए. अच्छा विशाल और साफ़ सुथरा कुंड है. कुंड के पास ठाकुर जी का मंदिर भी है. वहां गोस्वामी जी ने बताया कि राजा विमल जी की 16 हजार पुत्रियों जो कि ठाकुर जी की पत्नियाँ थी. उन्होंने ठाकुर जी के साथ यहाँ रासलीला की थी. उनके प्रेम के आंसुओं से यह कुंड बना. ये वही 16 हजार रानियाँ थी जिन्हें नरकासुर जबरन हरण कर ले गया था और ठाकुर जी ने उनको बचाया था और उनसे विवाह किया था. यहाँ से आगे भगवन शिवजी कामेश्वर महादेव जी के रूप में स्थापित है. महादेव जी ने कामदेव का यहाँ घमंड तोड़ते हुए भस्म किया था. 

ब्रज 84 कोस परिक्रमा में यह सभी लीला स्थल शामिल है. संतों के संग आने से इन लीला स्थलों के बारे में पता चलता है. इसलिए भगवान् से नजदीकी के लिए संतों की नजदीकी होना बहुत जरुरी है. राधे राधे           

————————–                                                                            





  • Related Posts

    India Forex Reserve | देश के खजाने पर बड़ी खबर, हो गई बल्ले-बल्ले!

    यहाँ आपके दिए गए वीडियो “India Forex Reserve | देश के खजाने पर बड़ी खबर, हो गई बल्ले-बल्ले! | BIZ Tak” पर आधारित विस्तारपूर्वक हिंदी में लेख प्रस्तुत है: भारत…

    Continue reading
    IPO बाज़ार में ऐतिहासिक उछाल: निवेशकों का बढ़ता भरोसा और कंपनियों का नया युग

    भारत के IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) बाजार में हाल के महीनों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। कंपनियों के विश्वास, निवेशकों की रुचि, और घरेलू पूंजी प्रवाह ने इस…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कार्तिक मास में तुलसी के समक्ष दीपक जलाने का अद्भुत फल

    कार्तिक मास में तुलसी के समक्ष दीपक जलाने का अद्भुत फल

    देवउठनी एकादशी 2025: 1 या 2 नवंबर? जानिए सही तिथि और मुहूर्त Shri Devkinandan Thakur Ji

    देवउठनी एकादशी 2025: 1 या 2 नवंबर? जानिए सही तिथि और मुहूर्त Shri Devkinandan Thakur Ji

    संध्या समय में क्या करें और क्या न करें?

    संध्या समय में क्या करें और क्या न करें?

    देवी चित्रलेखा जी ने महाराज जी से क्या प्रश्न किया ? Bhajan Marg

    देवी चित्रलेखा जी ने महाराज जी से क्या प्रश्न किया ? Bhajan Marg

    10 करोड़ के कैपिटल गेन पर भी जीरो टैक्स, जाने कैसे?

    10 करोड़ के कैपिटल गेन पर भी जीरो टैक्स, जाने कैसे?

    Indian Rupee | टूटकर बिखर गया रुपया, आई महा गिरावट!

    Indian Rupee | टूटकर बिखर गया रुपया, आई महा गिरावट!