अपने जन्मदिन पर क्या करें और क्या न करें ?
What to do and what not to do on your birthday?
SPRITUALITY
जिस दिन जन्मदिन हो तो हम कह रहे है उत्सव मनाओ।
घंटा दो घंटा कीर्तन करें, सात्विक भोजन का ठाकुर जी को भोग लगाए।
फिर 10 या 20 लोगों को पवा दें। ऐसे मांगलिक उत्सव मनाए।
जन्मदिन सफल जब है, यदि आपके पास 10, 5 हजार है कि आप इसे लगा सकते है तो वयोवृद्ध आश्रम चले जाओ, उनको कपड़े दे दो, उनको अच्छे अच्छे भोजन दे दो। या अस्पताल चले जाओ। ऐसे गरीब मरीज की दवा में आपको पैसा लग जाए।
लेकिन अगर जन्मदिन है और शराब के गिलास लड़ रहे है तो हमें लगता है कि पूरा जीवन ही बर्बाद हो जाएगा।
नाम कीर्तन हो रहा है और संतों या मित्रों को भोजन करवा दिया। तो अच्छी बात है। उत्सव होना भी चाहिए।
24 घंटे नाम कीर्तन रख लें, भगवान की कथा वार्ता रख लें। लेकिन हमें यह अच्छा नहीं लगता कि पार्टी हो रही है, शराब पी रहे हैं, जीवों के मांस खा रहे है और कह रहे है हैप्पी बर्थ डे। तुम्हारे हैप्पी में दसियों के गले कट गए वो क्या हैप्पी है ?
मदिरा पीना महापाप है। हमारे शास्त्रों में इस निषेध किया गया है। फुटपाथ में लोग बैठे रहते हैं, जाकर उनको सुंदर भोजन पवा दो। दो को भी सुंदर वस्त्र पहना दिया तो तुम्हारा हैप्पी बर्थ डे बन जाएगा।
जन्मनि पर गो सेवा, अतिथि सेवा, अनाथ सेवा, सभी रूपों में भगवान है। बहुत सेवा के अवसर है।
अपनी कमाई से कुछ दो चार दस रूपया रोज बचाना चाहिए। एक गुल्लक में डाल दें फिर जमा हो जाए तो उसे साधु सेवा गो सेवा गरीब सेवा में लगाना चाहिए।