कोलकाता रेप कांड करने वाले दरिन्दे में इस बल की कमी थी
The Kolkata rape case beast lacked this strength
SPRITUALITY
कोलकाता रेप कांड करने वाले दरिन्दे में इस बल की कमी थी
दिल्ली के निर्भया रेप काण्ड के बाद कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर खूब शोरशराबा मचा हुआ है. लेकिन हम इस दरिंदगी के पीछे असल कारणों पर बात नहीं कर रहे है. महाराज जी हमेशा ऐसे घोर पापों के पीछे असल वजहों पर बात करते हैं. हम महाराज जी की बातों को मानकर अपने अन्दर ही नहीं बल्कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इसे साझा कर एक बढ़ा सुधार कर सकते है.
पढ़िए महाराज जी की वाणी
हमें बहुत डरना चाहिए कि हमसे पाप कर्म ना हो लेकिन माया इतनी विचित्र है कि पाप हो ही जाते है। अगर नाम जाप करता रहे तो जो पाप हो गए है वो भी नष्ट हो जाएंगे और बुद्धि इतनी शुद्ध हो जाएगी कि आपकी रूचि ही नहीं रह जाएगी। जैसे कई लोग शराब पीते रहे और अब वो सत्संग सुने तो कहते है अब शराब पीने की हमारी रूचि ही नहीं होती। लेकिन कई लोग नहीं छोड़ पाते, जानबूझकर नहीं छोड़ पाते। उनको पता है यह गलत है लेकिन तब भी नहीं छोड़ पाते। उसका कारण है कि हमारे अंदर बल की कमी होती है। जो अध्यात्म बल है जिसके द्वारा हम इंद्रियों को रोक सकते है। यह अध्यात्म बल विषय सेवन (गंदा खाना पीना, गंदी चीजे देखना सुनना करना) से नष्ट हो गया है। अब हमें अध्यात्म बल बढ़ाना है, तो नाम जप, साधु सेवा, अन्य जीवों की सेवा, माता पिता की सेवा, अच्छे आचरण से अध्यात्म बल बढ़ेगा। इससे आप में तेज आ जाएगा, अध्यात्म बल आ जाएगा। आपका शरीर भले रोगी हो लेकिन अंदर से कोई दुखानुभुति (दुख) नहीं होगी। एक आनंद बना रहेगा। यह शरीर तो एक दिन जाएगा, शरीर जहां जाएगा वहां भी आनंद रहेगा।
ऐ दरिन्दे चंद मिनटों के झूठे सुख के लिए तूने यह पाया
लेकिन अगर बुरी कमाई की है तो बहुत दुख मिलेगा। हम तो सिर्फ यह देख रही है कि पाप करने वाले को सजा हो गई है लेकिन उस पर क्या बीतती है। यह भी जान लीजिये. परिवार से अलग, स्वतंत्रता रहित (आजादी खत्म), जो मिले वही खाना और वहां भी ऐसे लोगों का संग जो अधर्म आचरण कर जेल गए। अब कितना जीवन नरकमय हो गया। अपने प्रिय से आप बैठकर के बात नहीं कर सकते। जेल में लोहे की जाली वाला पर्दा लगा होता है, इधर से आप बात कर सकते उधर से वो बात करता है। ये क्या जीवन है। सोचो यहां यह दंड मिल रहा है। यह नहीं कि यहां दंड मिल रहा है तो पूरे मुक्त हो गए। नरक योनि में जाकर इस अपराध का और दंड मिलेगा।
महापुरुषों की सुनलो
तभी तो महापुरूष जन कहते है-डरते रहो कोई अपराध ना बने। कोई गलती ना बने। आपको मनुष्य जीवन मिला है। जब भजन नहीं होता तो बहुत मनमाने आचरण हो जाते है। भजन करोगे तो बुद्धि डरती है। एक एक बात पर डरती है। नहीं नहीं यह काम गलत है। हमारा भजन छूट जाएगा। हमारी गति बिगड़ जाएगी। हमारे सुख नष्ट हो जाएंगे। इसलिए धैर्यपूर्वक नाम जप करते हुए होश से चले।
अन्दर के भगवान को नहीं सुनने की कमजोरी ऐसे दूर करें
हमको लगता है कि इतना तो सबको पता है कि क्या गलत है। क्या सही हैं क्योंकि अंदर जो भगवान बैठा है वह संकेत कर देता है कि यह गलत है लेकिन लोग प्रमाद वश अवहेलना कर देते है। जैसे हमारे हाथ पवित्र नहीं है और हम श्रीजी की सेवा करने जा रहे है। अंदर से आता है कि पहले हाथ धोइए, पर हम मानते नहीं है. हम सोचते है नहीं हमारा हाथ अपवित्र थोड़ी है और आप श्रीजी की सेवा में चले गए। नहीं मानी बात। आपको हर प्रश्न का उत्तर आपके अंदर मिल जाएगा। आप अच्छे कार्य करने चलते है तो हृदय शीतल हो जाएगा और बुद्धि प्रसन्न होगी। बुरे काम करोगे तो अंदर से एक भय, चिंता एक विशाद होगा। अंदर से प्रेरणा होगी कि मत करो यार। ठीक नहीं है। पर हम नहीं मानते। कर बैठते है तो जो कर बैठते है और नहीं मानते है, इसमें हमारी कमजोरी है। और इस कमजोरी को दूर करता है भजन। भजन बल से हम दृढ़ हो जाएंगे कि यह नहीं करना तो नहीं करना। चाहे हम मर जाएं। अब खत्म, इससे आगे तो मन दुख दे नहीं सकता। जब हमने मन स्वीकार कर लिया तो मन इससे ज्यादा क्या भयभीत करेगा। बुरा आचरण नहीं करूंगा। धर्म से चलूंगा। सब इंद्रियां ठीक हो जाएगी। माया काम नहीं करेगी। पर हमारे निश्चय में दम नहीं है। आज निश्चय करते है और कल हमारा निश्चय टूट जाता है, क्योंकि हमारे अंदर वास्तविक बल नहीं है। वो बल है भगवान का बल। प्रिया लाल का भजन करते हुए उनका आश्रय ले लो। बहुत बढ़िया कमाई करो। मनुष्य शरीर सिर्फ बढ़िया कमाई के लिए मिला है। गंवाने के लिए नहीं मिला है। जो पाप करते है वह अपने पिछले जन्म के पुण्य को नष्ट करके खाली हाथ यहां से पाप का बोझा लेकर जाते हैं। बहुत सावधान।