“भगवान के सामने लिया हुआ संकल्प पूरा न कर पाएँ, तो क्या भगवान माफ कर देंगे?” श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के अनमोल वचन (EN)

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के अनमोल वचन

“भगवान के सामने लिया हुआ संकल्प पूरा न कर पाएँ, तो क्या भगवान माफ कर देंगे?” — श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

महाराज जी के वचन — क्षमा, संकल्प और भगवान की कृपा

“अरे हम बच्चे हैं, हमारा क्या संकल्प! हमसे तो गलतियाँ होती रहेंगी, हमसे तो त्रुटि होती रहेंगी। पर प्रयास करें, जो हम नियम लें, उसको पूरा करें। प्रयास करें। अगर हम प्रयास में असफल होते हैं, तो भगवान नाराज क्यों होंगे? वो बहुत गंभीर पिता हैं, वह उदार शिरोमणि पिता हैं। हम उनके बच्चे हैं। बच्चों से त्रुटि हो जाए, तो पिता नाराज थोड़ी होते हैं। वो तो बहुत बड़े हैं, बहुत कृपालु हैं, बहुत उदार हैं।”

संकल्प और प्रयास का महत्व

“हमें चाहिए कि हम जो नियम लें, जो संकल्प करें, उसे पूरा करना चाहिए। ऐसे-ऐसे संकल्प नहीं लेना चाहिए, लेकिन जो संकल्प लें, उसे पूरा करें। और अगर नहीं कर पाते हैं, तो भगवान से निवेदन करें, प्रार्थना करें कि प्रभु हमें बल दो, मैं उस संकल्प को पूरा करूं। बकाया उसमें कोई हानि नहीं है, कि कोई हानि हो जाएगी। वो मंगल भवन अमंगल हारी है, वो कभी अमंगल तो कर ही नहीं सकते।”

संकल्प लेते समय सावधानी

“ऐसे-ऐसे संकल्प नहीं लेना चाहिए, लेकिन जो संकल्प लें, उसे पूरा करें। और अगर नहीं कर पाते हैं, तो भगवान से निवेदन करें, प्रार्थना करें कि प्रभु हमें बल दो, मैं उस संकल्प को पूरा करूं। बकाया उसमें कोई हानि नहीं है, कि कोई हानि हो जाएगी।”

भगवान के स्वरूप की व्याख्या

“वो मंगल भवन अमंगल हारी है, वो कभी अमंगल तो कर ही नहीं सकते।”

भक्ति में त्रुटि — क्या परिणाम?

“हमसे तो गलतियाँ होती रहेंगी, हमसे तो त्रुटि होती रहेंगी। पर प्रयास करें, जो हम नियम लें, उसको पूरा करें। प्रयास करें।”

संकल्प, नियम और भक्ति का वास्तविक अर्थ

  • महाराज जी बार-बार समझाते हैं कि संकल्प या नियम लेना, उसका पालन करना, और उसमें विफल हो जाना — यह सब मानव जीवन का हिस्सा है।

  • भगवान को पिता, मित्र और परम करुणामय मानना चाहिए।

  • भक्ति का मार्ग सरल है, उसमें प्रयास और समर्पण चाहिए, न कि भय।

  • यदि संकल्प टूट जाए, तो डरने की आवश्यकता नहीं, बल्कि प्रार्थना करनी चाहिए और पुनः प्रयास करना चाहिए।

  • भगवान की कृपा असीम है, वे क्षमा करने वाले, दयालु और सदा अपने भक्तों के मंगल के लिए तत्पर हैं।

महाराज जी के अन्य अनमोल उद्धरण — संकल्प, भक्ति और क्षमा

“हमारे जीवन में त्रुटियाँ होंगी, परंतु भगवान की शरण में जाने से, नाम जप करने से, प्रार्थना करने से, सब पाप नष्ट हो जाते हैं।”1

“नाम जप के बल से सर्व पापों को मिटाकर परम पद को प्राप्त कर सकते हैं।”1

“प्रयास हमारा, सफलता भगवान की कृपा। भगवान की कृपा ऐसे चला ही जाता है। अहंकार करके थोड़ी सतमार्ग में चला जाता है कि मैं ऐसा कर लूंगा, नहीं। भगवान की कृपा से हो जाएगा।”

“अगर गंदे आचरण करोगे, पापाचरण करोगे, तो नाम जप उसी को भस्म करने में लगा रहेगा। तुम्हें आनंद की अनुभूति कब होगी? इसलिए पापाचरण का त्याग करके यदि केवल नाम जप किया जाए, तो नाम जप मात्र से ही भगवत प्राप्ति हो जाएगी, सब दुखों का नाश हो जाएगा, सर्वानंद हो जाएगा। भगवान का नाम सर्व सामर्थ्यशाली है।”

    भक्ति का मार्ग:“नाम जप, प्रार्थना, और भक्ति — यही मार्ग है। भय नहीं, प्रेम और समर्पण चाहिए।”

    निष्कर्ष — महाराज जी के वचन

    • भगवान के सामने लिया गया संकल्प यदि पूरा न हो पाए, तो भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।

    • भगवान अत्यंत दयालु, क्षमाशील और कृपालु हैं।

    • त्रुटि होने पर, सच्चे मन से प्रयास करें, प्रार्थना करें, और पुनः भक्ति में लग जाएँ।

    • भक्ति का मार्ग प्रेम, समर्पण और विश्वास का है, न कि भय और निराशा का।

    • महाराज जी के अनुसार, “हम बच्चे हैं, हमारा क्या संकल्प! हमसे तो गलतियाँ होती रहेंगी, हमसे तो त्रुटि होती रहेंगी। पर प्रयास करें, जो हम नियम लें, उसको पूरा करें। प्रयास करें। अगर हम प्रयास में असफल होते हैं, तो भगवान नाराज क्यों होंगे? वो बहुत गंभीर पिता हैं, वह उदार शिरोमणि पिता हैं। हम उनके बच्चे हैं। बच्चों से त्रुटि हो जाए, तो पिता नाराज थोड़ी होते हैं। वो तो बहुत बड़े हैं, बहुत कृपालु हैं, बहुत उदार हैं।”

    राधे राधे!

    SOURCE:

    1. https://www.youtube.com/watch?v=97cAG3mG00g

  • Related Posts

    NPS 2.0: नया क्या है, क्या है अलग, और निवेशकों पर क्या असर?

    परिचय रिटायरमेंट प्लानिंग भारतीय निवेशकों के लिए हमेशा से एक अहम विषय रहा है। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) विगत कई वर्षों से इसके लिए सबसे भरोसेमंद विकल्पों में गिना जाता…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    हरिद्वार में स्थित एक सुंदर धर्मशाला “नकलंक धाम”

    हरिद्वार में स्थित एक सुंदर धर्मशाला “नकलंक धाम”

    पूर्व में हुए पापों का प्रायश्चित कैसे करें?

    पूर्व में हुए पापों का प्रायश्चित कैसे करें?

    मैं कुछ बड़ा पाना चाहता हूँ और भविष्य की चिंता से मुक्त होना चाहता हूँ 

    मैं कुछ बड़ा पाना चाहता हूँ और भविष्य की चिंता से मुक्त होना चाहता हूँ 

    Motherson Sumi Wiring India Ltd का विस्तृत विश्लेषण

    Motherson Sumi Wiring India Ltd का विस्तृत विश्लेषण

    कंपनी में निवेश से पहले ऑडिटर की तरह कैसे जाँच करे?

    कंपनी में निवेश से पहले ऑडिटर की तरह कैसे जाँच करे?

    वो लार्ज और मिड-कैप स्टॉक्स जो विश्लेषकों के अनुसार एक वर्ष में 25% से अधिक रिटर्न दे सकते हैं

    वो लार्ज और मिड-कैप स्टॉक्स जो विश्लेषकों के अनुसार एक वर्ष में 25% से अधिक रिटर्न दे सकते हैं