नीचे दिया गया लेख भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित Sovereign Gold Bond (SGB) 2018-19 सीरीज़-II की समयपूर्व मोचन (प्रेमेच्युअर रिडेम्प्शन) से संबंधित जानकारी पर आधारित है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2018-19 सीरीज़-II — 304% रिटर्न की सफलता की कहानी
भारत में सोना सदियों से न केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक रहा है, बल्कि यह एक सुरक्षित निवेश माध्यम भी माना गया है। इसी परंपरा को औपचारिक रूप देने के लिए सरकार ने Sovereign Gold Bond (SGB) योजना की शुरुआत की थी। यह योजना निवेशकों को सोने में निवेश का लाभ देती है, बिना उसे भौतिक रूप से खरीदने या रखने की आवश्यकता के।
SGB 2018-19 सीरीज़-II की मुख्य विशेषताएँ
- जारी तिथि: 23 अक्टूबर 2018
- सदस्यता अवधि: 15 अक्टूबर 2018 से 19 अक्टूबर 2018
- मूल निर्गम मूल्य: ₹3,146 प्रति ग्राम
- ऑनलाइन निवेश मूल्य: ₹3,096 प्रति ग्राम (₹50 की छूट)
- परिपक्वता अवधि: 8 वर्ष
- पूर्व मोचन की अनुमति: 5 वर्ष बाद (ब्याज भुगतान तिथि पर)
RBI का हालिया निर्णय — प्रेमेच्युअर रिडेम्प्शन की घोषणा
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2025 में SGB 2018-19 सीरीज़-II के लिए समयपूर्व मोचन की घोषणा की है। इसके तहत निवेशक इस बॉन्ड को 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को रिडीम कर सकते हैं। यह वही तारीख है जब इस सीरीज़ के बॉन्ड जारी किए गए थे, यानी इसके जारी होने के सात वर्ष पूरे हो चुके होंगे।
मोचन मूल्य कैसे तय किया गया?
SGB का मोचन (रिडेम्प्शन) मूल्य तय करने के लिए India Bullion and Jewellers Association (IBJA) द्वारा प्रकाशित पिछले तीन कार्यदिवसों (17, 20 और 22 अक्टूबर 2025) के सोने के औसत समापन भावों का उपयोग किया गया।
RBI ने यह मूल्य ₹12,704 प्रति ग्राम घोषित किया है।
इस प्रकार, निवेशकों को अपने हर 1 ग्राम SGB पर ₹12,704 मिलेंगे।
निवेश पर रिटर्न का विश्लेषण
SGB 2018-19 सीरीज़-II के निवेशकों ने ₹3,146 पर निवेश किया था। इसपर ₹12,704 का मोचन मूल्य मिलने का अर्थ है कि उन्हें ₹9,558 का शुद्ध लाभ प्रति ग्राम हुआ।
रिटर्न की गणना इस प्रकार की जा सकती है:\text{रिटर्न (%) } = \frac{12,704 – 3,146}{3,146} \times 100 = 303.8\%
अर्थात् निवेशकों को करीब 304% रिटर्न प्राप्त हुआ है — जिसमें ब्याज शामिल नहीं है। यदि वार्षिक ब्याज को भी जोड़ा जाए तो वास्तविक कमाई और भी अधिक होगी।
ब्याज लाभ — सोने की चमक के साथ नियमित आय
SGB निवेशकों को 2.5% वार्षिक ब्याज दिया जाता है, जो अर्धवार्षिक रूप से उनके खाते में जमा होता है। इससे निवेशकों को सोने की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ नियमित आय का लाभ भी मिलता है।
यदि किसी निवेशक ने ₹3,146 प्रति ग्राम मूल्य पर 10 ग्राम का निवेश किया होता, तो उसे प्रतिवर्ष ₹787 (10 ग्राम × ₹3,146 × 2.5%) का ब्याज मिलता, यानी 7 वर्षों में कुल लगभग ₹5,500 का ब्याज लाभ।
SGB योजना का उद्देश्य
SGB स्कीम को भारत सरकार ने 2015 में लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य था:
- देश में सोने की भौतिक मांग को घटाना
- सोने में निवेश का एक सुरक्षित और बिना-जोखिम विकल्प प्रदान करना
- भारत की विदेशी मुद्रा भंडार पर सोने के आयात के दबाव को कम करना
साथ ही, यह योजना घरेलू निवेशकों को भी मुद्रास्फीति से बचाव का एक साधन देती है।
कर लाभ
SGB पर प्राप्त ब्याज तो कर योग्य है, लेकिन बॉन्ड की परिपक्वता पर पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) माफ है।
यदि निवेशक पूरी 8 साल की अवधि तक इसे रखता है, तो उसे टैक्स-फ्री रिटर्न प्राप्त होता है।
समयपूर्व मोचन पर, टैक्स नियम आंशिक रूप से लागू हो सकते हैं।
निवेशकों के लिए निर्देश
RBI के अनुसार, जो निवेशक इस सीरीज़ के बॉन्ड को समयपूर्व रिडीम करना चाहते हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि:
- वे अपने बॉन्ड की तिथि और सीरीज़ सही पहचानें
- मोचन अनुरोध निर्धारित अंतिम तिथि तक बैंक या डिपॉजिटरी में जमा करें
- ब्याज भुगतान तिथि के अनुरूप ही रिडेम्प्शन की प्रक्रिया अपनाएं
SGB क्यों है एक बुद्धिमान निवेश विकल्प?
- भौतिक जोखिम नहीं: सोने को सुरक्षित रखने की चिंता नहीं रहती।
- निश्चित ब्याज: हर छह महीने में ब्याज भुगतान।
- सरकारी गारंटी: RBI द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट जोखिम नगण्य।
- तरलता के विकल्प: 5 वर्ष बाद मोचन की सुविधा और एक्सचेंज पर ट्रेडिंग की संभावना।
- कर लाभ: दीर्घकालिक निवेश पर टैक्स छूट।
2018-19 सीरीज़-II का प्रदर्शन — निवेशकों के लिए सबक
₹3,146 से ₹12,704 की कीमत तक पहुँचना भारतीय सोने के दीर्घकालिक प्रदर्शन को दर्शाता है।
यह निवेश उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है जिन्होंने सोने को केवल गहनों के रूप में नहीं, बल्कि दीर्घकालिक संपत्ति के रूप में देखा।
भविष्य की संभावनाएँ
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक अस्थिरता, वैश्विक मुद्रास्फीति और डॉलर की मजबूती या कमजोरी जैसे कारक सोने के दामों को प्रभावित करते रहेंगे।
भारत जैसे देशों में, जहाँ सोने का सांस्कृतिक महत्व गहरा है, SGB जैसे उत्पाद दीर्घकालिक निवेशक आधार को मजबूत करते हैं।
निष्कर्ष
SGB 2018-19 सीरीज़-II का 304% रिटर्न यह प्रमाणित करता है कि सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना न केवल सुरक्षित है, बल्कि दीर्घकालिक दृष्टि से अत्यंत लाभदायक भी हो सकती है।
यह उन निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण है जिन्होंने स्थिरता, सुरक्षा और अच्छे रिटर्न — तीनों का संतुलन खोजा।
सरकार और RBI के इस कदम ने भारतीय निवेश उत्पादों में विश्वास को और सुदृढ़ किया है, जिससे आगे भी Sovereign Gold Bond जैसी योजनाएँ लोकप्रिय होती रहेंगी।






