क्यों लगते है इतने महंगे फ्लैट जबकि बढ़े है सिर्फ 6 से 8 परसेंट, पढ़े जान जाएंगे  

प्रॉपर्टी रेट्स (दिल्ली-एनसीआर एवं टॉप 7 मेट्रो सिटीज़)

  • ANAROCK और JLL जैसे रियल एस्टेट डेटा सोर्सेज के अनुसार, देश के टॉप 7 मेट्रो शहरों (जिनमें दिल्ली-NCR भी शामिल है) में 2013–2024 के बीच फ्लैट्स की कीमतें लगभग 6% से 8% CAGR (कम्पाउंड वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ी हैं।
  • वर्ष 2015-2020 के बीच यह वृद्धि धीमी रही, इस दौरान कीमतों ने केवल 4%–6% CAGR की दर से ग्रोथ दिखाई।
  • कोविड के बाद, 2020-2025 में कीमतों में जबरदस्त तेजी आई। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव जैसे क्षेत्रों में फ्लैट्स की कीमतें 80% से 100% तक बढ़ीं, यानी 12%–15% CAGR के बराबर रही।
  • पूरे दशक (2015–2025) का औसत निकालें तो कुल मिलाकर 6%–8% CAGR ही बैठता है, परंतु पिछले 5 वर्षों में रफ्तार बहुत अधिक देखी गई।

वेतन वृद्धि (इंकम और सैलरी ग्रोथ)

  • सरकारी आँकड़ों और इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, पूरे भारत में कर्मचारियों का औसत वेतन 11.1% CAGR से बढ़ा है।
  • इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के अनुसार, ओवरऑल आय (इनकम) की CAGR 7% रही है।
  • मिडिल क्लास (मध्यम वर्ग) की वास्तविक सैलरी वृद्धि अलग है, जहाँ कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह महज़ 0.4% CAGR ही रही यानी हकीकत में आम लोगों की आमदनी लगभग स्थिर रही।
  • भारत में पूरे वर्कफोर्स की औसत सैलरी वृद्धि दर (CAGR) 2015 से 2025 के बीच लगभग 7% से 11% रही है, लेकिन मिडिल क्लास (मध्यम वर्ग) की वास्तविक सैलरी वृद्धि इस अवधि में केवल करीब 0.4% CAGR के आसपास ही दर्ज की गई है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (10 साल की औसत CAGR)

लार्ज कैप फंड्स

  • लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स ने पिछले 10 सालों में औसतन 12%–14% CAGR रिटर्न दिया है।
  • उदाहरण: Franklin, ICICI, Axis Bluechip, SBI Bluechip, Mirae Asset Large Cap Fund का 10-वर्षीय औसत लगभग 13% रहा।

मिड कैप फंड्स

  • मिड कैप फंड्स का 10 साल का औसत CAGR 16%–18% रहा, कुछ शीर्ष फंड्स ने 19–20% CAGR तक भी दिया।
  • उदाहरण: Franklin India Mid Cap Fund ने लगभग 16%-17% CAGR रिटर्न दिया।

स्मॉल कैप फंड्स

  • स्मॉल कैप फंड्स ने उच्च अस्थिरता के बावजूद भी 17%–19% CAGR दिया।
  • कुछ टॉप स्मॉल कैप फंड्स ने 10 साल में 18%–19% CAGR तक पहुंचा।

फ्लेक्सी/मल्टीकैप फंड्स

  • फ्लेक्सीकैप (मल्टीकैप) फंड्स का 10 वर्षीय औसत CAGR 13%–15% रहा है, हालांकि अलग-अलग फंड्स में अंतर देखने को मिलता है।

नोट्स

  • यह डेटा इंडस्ट्री का औसत है, कुछ विशेष फंड्स ने अपने वर्ग के औसत से अधिक रिटर्न दिए हैं।
  • पिछले 5 वर्षों में स्मॉल/मिड कैप फंड्स में बहुत अधिक (कभी-कभी 25%-30%+) रिटर्न भी देखने को मिले हैं, लेकिन 10 साल के औसत में ऊपर लिखे आंकड़े ही ट्रेंड दिखाते हैं।

समग्र निष्कर्ष

  • प्रॉपर्टी और वेतन की बढ़ोतरी औसत रही, लेकिन असली सम्पत्ति और धन निर्माण निवेशकों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स जैसे टूल्स में ज़्यादा रहा।
  • मध्यम वर्ग के लिए वेतन बढ़ने के बावजूद, महंगाई और खर्चों की वजह से “असल कमाई” में बढ़ोतरी बहुत सीमित रही।
  • अगर लंबी अवधि का उद्देश्य है तो विविध श्रेणी की संपत्ति में समझदारी से निवेश (खासतौर पर इक्विटी) करने से ही धन-सृजन में ज़्यादा लाभ संभव है।
  • अगर बिना कर्ज के फ्लैट खरीदना है, तो सबसे पहले कम से कम 5 साल तक म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करे, तब ही आपको फ्लैट महंगे नहीं लगेंगे. आपने म्यूच्यूअल फण्ड नहीं लिए है और लिए भी है तो अभी कुछ दो तीन साल में लिए है, अभी यह पौधे है इनको पेड़ बनने का समय दे और फिर खाए मीठे फल.
  • Real Estate vs Mutual Funds – Comparison & Guide: cleartax.in
  • Real Estate vs Mutual Fund – Which is a Better Investment?: etmoney.com
  • Real Estate Vs Mutual Funds – The Better Option: groww.in
  • म्यूचुअल फंड वर्सिस रियल एस्टेट (हिन्दी): bajajfinserv.in
  • “म्यूचुअल फंड क्या है? जानिए आसान भाषा में।”
  • “लंबी अवधि के निवेश के फायदे”
  • “घर खरीदने के स्मार्ट तरीके”

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