जानते हुए भी गंदी क्रिया और गंदी Video देखना छोड़ नहीं पा रहे? श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में समाधान

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जानते हुए भी गंदी क्रिया और गंदी Video देखना छोड़ नहीं पा रहे? श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में समाधान

आज के डिजिटल युग में बहुत से युवा और वयस्क ऐसी आदतों में फंस जाते हैं, जिनसे वे जानबूझकर भी छुटकारा नहीं पा पाते। खासकर, गंदी क्रिया (जैसे हस्तमैथुन) और गंदी वीडियो देखने की लत मन, शरीर और आत्मा—तीनों को प्रभावित करती है। कई बार व्यक्ति खुद को दोषी मानता है, डिप्रेशन में चला जाता है और जीवन से निराश हो जाता है। ऐसे में श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में समाधान मिल सकता है1।

समस्या को समझना—यह सिर्फ आपकी नहीं, हर युवा की चुनौती है

  • डिजिटल मीडिया और इंटरनेट की उपलब्धता ने गंदी वीडियो और अश्लील सामग्री तक पहुंच आसान बना दी है।

  • बार-बार देखने की आदत ब्रेन में डोपामिन रिलीज करती है, जिससे अस्थायी सुख मिलता है, परंतु बाद में अपराधबोध, ग्लानि और डिप्रेशन जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं।

  • कई बार यह आदत इतनी गहरी हो जाती है कि व्यक्ति चाहकर भी इसे छोड़ नहीं पाता।

श्री हित प्रेमानंद जी महाराज का दृष्टिकोण

श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार,

“तुम भगवान के अविनाशी अंश हो। यह अंतःकरण, यह मन गलत हो गया है—इसको दंड भोगने दो, तुम चिंता मत करो।”1

  • महाराज जी बार-बार समझाते हैं कि आप कोई पापी नहीं हैं। यह मन की कमजोरी है, आत्मा कभी विकारी नहीं हो सकती।

  • खुद को दोषी मानना छोड़िए, क्योंकि जैसे सोचोगे, वैसे ही बन जाओगे।

  • डिप्रेशन, ग्लानि और हीनता की भावना को अपने ऊपर हावी न होने दें।

  • सबसे पहले, खुद को माफ करें और सकारात्मक सोच विकसित करें।

आध्यात्मिक उपाय—नाम जप और भक्ति का मार्ग

श्री हित प्रेमानंद जी महाराज का उपाय अत्यंत सरल है:

    राधा नाम का निरंतर जप करें:
    “राधा राधा राधा…।”
    इससे मन की चंचलता कम होगी और आत्मबल बढ़ेगा1।जो हो रहा है, उसे होने दें, पर खुद को दोषी न मानें:महाराज जी कहते हैं, “तुम चिंता मत करो, बस नाम पकड़ लो। एक दिन वो बल आएगा कि सब छूट जाएगा।”हस्त क्रिया (हस्तमैथुन) को रोकने का संकल्प लें:महाराज जी विशेष रूप से कहते हैं, “हस्त क्रिया मत करना, बस एक चीज पकड़ लो। वादा करो, और नाम जपते रहो।”काम में व्यस्त रहें:
    खाली दिमाग शैतान का घर होता है। घर के काम, पढ़ाई, खेती या कोई भी रचनात्मक कार्य करें।
    “घर में पड़े मत रहो, कोई काम करो, मन को समय मत दो।”1सत्संग और साधु-संगति:सत्संग, भजन और साधु-संगति से मन को बल मिलता है और बुरी आदतें छूटती हैं।

    मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण—आत्मबल और दिनचर्या का महत्व

    खुद को दोषी मानना छोड़ें:अपराधबोध से मानसिक स्थिति और बिगड़ती है।छोटी-छोटी सफलताओं का जश्न मनाएं:एक दिन, एक सप्ताह, एक महीना—जितना भी बिना गंदी आदत के रहें, खुद को शाबाशी दें।डिप्रेशन की दवा चल रही है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें:आध्यात्मिक उपायों के साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है।

    श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के प्रेरणादायक शब्द

    “तुम्हारे ऊपर भगवान की विशेष कृपा है। आज से डिप्रेशन रहित मान लो। तुमसे जो गलती हो, उसको होने दो, बस एक—हस्त क्रिया मत करना और नाम जपते रहो। बाबा ने ठेका ले लिया, अब चिंता मत करो।”1

    • महाराज जी अपने भक्तों को दोस्त की तरह अपनाते हैं और कहते हैं, “हम तुम्हारा हाथ पकड़ रहे हैं, तुम निश्चिंत रहो।”

    • “गंगा जी के पास जब पापी जाता है, तो गंगा स्नान से पाप मिट जाते हैं। वैसे ही साधु-संग और नाम जप से मन की मलिनता दूर होती है।”

    आध्यात्मिक जीवनशैली अपनाएं

    • सुबह-शाम नाम जप और ध्यान करें।

    • रोजाना सत्संग, भजन या प्रेरणादायक वीडियो सुनें।

    • अपनी दिनचर्या में अनुशासन लाएं—समय पर सोना, उठना, भोजन करना।

    • फालतू समय मोबाइल या इंटरनेट पर न बिताएं।

    • नकारात्मक विचार आते ही ‘राधा नाम’ का स्मरण करें।

    निष्कर्ष—छुटकारा संभव है, बस शुरुआत करें

    गंदी आदतें छोड़ना कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में, नाम जप, भक्ति, सत्संग और सकारात्मक सोच से आप धीरे-धीरे इस लत से मुक्त हो सकते हैं। सबसे जरूरी है—खुद को दोषी न मानें, आत्मबल बढ़ाएं और आध्यात्मिक जीवनशैली अपनाएं।याद रखें, आप भगवान के अंश हैं, और हर समस्या का समाधान संभव है। आज ही शुरुआत करें—राधा नाम जप से, और अपने जीवन को आनंद, शांति और भक्ति से भर दें1।आखिरी संदेश:“राधा नाम जपते रहो, चिंता छोड़ो, और जीवन में आनंदित रहो। श्री जी की कृपा और गुरु का आशीर्वाद आपके साथ है।”

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