Gold Price Today: सोना 11,541 रूपए हुआ सस्ता

सोना-चांदी की कीमतों में गिरावट: आसान भाषा में पूरी कहानी


परिचय:
सोना और चांदी भारतीय लोगों के जीवन में बहुत मायने रखते हैं। ये न केवल गहनों के तौर पर हमारे जीवन का हिस्सा हैं, बल्कि निवेश और सुरक्षा के नजरिए से भी महत्वपूर्ण हैं। हाल ही में दीवाली के तुरंत बाद सोने-चांदी की कीमतों में जो तेज़ गिरावट आई है, उसने आम लोगों, ज्वैलर्स और निवेशकों को चौंका दिया है। इस लेख में हम जानेंगे आखिर सोने-चांदी के दाम इतने कम क्यों हुए, इसका बाजार पर क्या असर हुआ, आने वाले समय में रेट्स का रुझान क्या रहेगा, और आम निवेशकों को क्या करना चाहिए।


1. कीमतों में गिरावट: ताज़ा आँकड़े

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3943.10 डॉलर प्रति औंस व चांदी 46.48 डॉलर प्रति औंस रही।
  • भारत में MCX पर सोना 1,18,700 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी 1,42,031 रुपया प्रति किलो पहुँच गई।
  • इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम सोना 11,541 रुपये सस्ता हुआ।
  • आठ दिनों में सोने के दाम 1,541 रुपये घटकर 1,18,843 हुई, जबकि बीते 19 अक्टूबर को यह 1,29,584 रुपए के अपने उच्चतम स्तर पर था।
  • चांदी भी 27,334 रुपये सस्ती हुई—अभी भाव 1,41,896 रुपये प्रति किलो है, जबकि हाल ही में 1,69,230 तक पहुंच गई थी।
  • IBJA के रेट में 3% जीएसटी, मेकिंग चार्ज और ज्वैलर्स मार्जिन शामिल नहीं होते। यह रेट RBI गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड लोन रेट तय करने के काम आते हैं।

2. गिरावट के मुख्य कारण

  • दीवाली के बाद भारत में सोने-चांदी की खरीदारी कम हो जाती है, जिससे डिमांड घट गई।
  • सोना-चांदी को Safe Haven यानी सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है—मुश्किल वक्त में निवेश बढ़ता है, लेकिन जब वैश्विक तनाव घटता है या बाजार स्थिर हो जाता है तो इसकी डिमांड कम हो जाती है।
  • इस बार ग्लोबल टेंशन कम हुआ है, जिससे इनकी कीमतों में गिरावट आई।
  • निवेशकों की प्रॉफिट बुकिंग—बहुत तेजी के बाद लोग मुनाफा निकालने लगते हैं।
  • टेक्निकल इंडिकेटर्स (जैसे RSI) दिखा रहे थे कि सोना और चांदी ओवरबॉट ज़ोन में पहुंच चुके थे, जिसके बाद ट्रेड फ़ॉलोअर्स और डीलर्स ने बिकवाली शुरू कर दी।

3. निवेशकों के लिए मायने

  • जो लोग सोना-चांदी में निवेश करके बैठे हैं, उन्हें यह गिरावट थोड़ी चिंता में डाल सकती है।
  • कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी और गिरावट आ सकती है।
  • खासकर छोटे निवेशकों को सलाह दी जाती है कि जल्दबाज़ी में अपने गहने या चीज़ें न बेचें।
  • जिन्होंने हाल में सोना खरीदा है, वे घबराएं नहीं। निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाता है, और इसमें उतार-चढ़ाव सामान्य हैं।
  • अगर खरीदारी का सोच रहे हैं, तो यह एक अच्छा मौका हो सकता है—कीमतें कम हैं, आगे और गिरें तो और बढ़िया।

4. पिछले एक साल में उतार-चढ़ाव

  • बीते साल यानी 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये का था। आज वही 1,18,843 रुपये का है यानी एक साल में 41,881 रुपये की बढ़ोतरी।
  • इसी तरह 1 किलो चांदी 31 दिसंबर 2024 को 86,617 थी, जो अब 1,41,896 रुपये प्रति किलो हो गई है यानी एक साल में 55,879 रुपये बढ़े हैं।
  • इस तरह देखा जाए तो लॉन्ग टर्म निवेशकों को फायदा है, सिर्फ शॉर्ट टर्म में थोड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।

5. बाजार का रुख: आगे क्या हो सकता है?

  • विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ हफ्तों में भी सोने-चांदी के दाम में गिरावट रह सकती है, लेकिन दीर्घकाल में इन दोनों धातुओं के दाम में स्थिरता दिख सकती है।
  • फेस्टिव सीजन खत्म होने के बाद भारत में डिमांड कम होती है, जिससे गिरावट आती है। विदेशी बाजारों में भी अगर डॉलर मजबूत रहता है, तो कीमतें नीचे रहने की संभावना होती है।
  • जैसे ही अगले कोई बड़ा इंटरनेशनल संकट आता है, या डॉलर में कमजोरी आती है, तुरंत इनकी कीमतें फिर बढ़ सकती हैं।

6. एक्सपर्ट की राय

  • सोना-चांदी निवेश के लिए हमेशा अच्छा विकल्प माने जाते हैं। आज भले ही दाम गिरे हों, लेकिन लंबी अवधि में ये अच्छा रिटर्न देते हैं।
  • निवेशकों को सलाह है कि वे पैनिक में आकर इन्वेस्टमेंट ना बेचें।
  • SIP या छोटे-छोटे अंतराल पर गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड या डिजिटल गोल्ड का निवेश, मौजूदा स्तर पर बेहतर रणनीति हो सकती है।

7. ज्वैलर्स व व्यापारियों पर असर

  • दाम घटने से ग्राहकों के साथ-साथ ज्वैलर्स भी परेशान हैं, क्योंकि उनके पास पुराना महंगा स्टॉक बच जाता है।
  • लेकिन यह भी देखा गया है कि जब दाम गिरे, तो ग्राहकों में नई खरीदारी को लेकर उत्साह बढ़ जाता है, जिससे बिक्री सुधर सकती है।

8. आम लोगों के लिए सरल सुझाव

  • अगर शादी-ब्याह या खास मौके के लिए सोना-चांदी खरीदना है, तो मौजूदा समय अच्छा हो सकता है।
  • निवेश के लिहाज से कभी भी पूरे पैसे एक बार में न लगाएं, बल्कि धीरे-धीरे खरीदें।
  • पुराने गहनों को बेचने/बदलने की जल्दी न करें—जहां ज़रूरी हो, सिर्फ वहीं करें।
  • मौजूदा रेट्स, बाजार ट्रेंड और अपने बजट को देखकर ही फैसला करें।

9. वैश्विक असर

  • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड उपभोक्ता है। यहां की डिमांड ग्लोबल रेट्स पर भी असर डालती है।
  • अंतरराष्ट्रीय संकट, तेल के दाम, डॉलर की मजबूती/कमजोरी और ब्याज दरें भी गोल्ड-सिल्वर के दाम तय करती हैं।

निष्कर्ष

  • सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट दीवाली के बाद एक नियमित ट्रेंड है, लेकिन इस बार यह अधिक देखने को मिला।
  • डिमांड कम होना, बाजार में मुनाफावसूली और टेक्निकल बिंदु सबसे अहम वजहें रहीं।
  • आम निवेशक लंबी अवधि का नजरिया रखें और संयम बनाए रखें, क्योंकि सोना-चांदी का आकर्षण कभी खत्म नहीं होगा।
  • हमेशा बाजार की ताज़ा सूचनाएं, एक्सपर्ट की राय और अपने वित्तीय लक्ष्यों का ध्यान रखकर ही निवेश निर्णय लें।

(नोट: ऊपर दी गई जानकारी दी गई यूट्यूब वीडियो और नवीनतम बाजार खबरों पर आधारित है, कृपया निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)

  1. https://www.youtube.com/watch?v=HCPjyN92xN0

Related Posts

गोल्ड ETF से ज्यादा मल्टी एसेट फंड पर निवेशकों का ज्यादा झुकाव

यहाँ उस लेख का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें विविधीकरण बनाम सोने में निवेश (गोल्ड ETF) और मल्टी-एसेट फंड को लेकर भारतीय बाजार के रुझान, विशेषज्ञों की…

Continue reading
सोने में छिपा संकट: जब केंद्रीय बैंक कर्ज़ से बचाव के लिए दौड़े तिजोरियों की ओर

यह आर्टिकल “As debts mount, central banks flirt with gold’s hidden value” (Economic Times Prime, अक्टूबर 2025) समझाता है कि कैसे बढ़ते कर्ज़ों से जूझती दुनिया की सरकारें सोने के…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

विवाह पंचमी 2025: तिथि, पूजा विधि और महत्व

विवाह पंचमी 2025: तिथि, पूजा विधि और महत्व

उत्तर प्रदेश के एकीकृत सर्किल रेट से घर खरीदारों को राहत

उत्तर प्रदेश के एकीकृत सर्किल रेट से घर खरीदारों को राहत

होमबायर को चार साल की देरी पर 29 लाख रुपये मुआवजा और ब्याज मिला

होमबायर को चार साल की देरी पर 29 लाख रुपये मुआवजा और ब्याज मिला

2-3-4 क्रेडिट कार्ड नियम: क्रेडिट स्कोर बढ़ाने का आसान तरीका

2-3-4 क्रेडिट कार्ड नियम: क्रेडिट स्कोर बढ़ाने का आसान तरीका

एचयूएफ की संपत्ति, विभाजन और टैक्स नियमों पर विस्तृत जानकारी

एचयूएफ की संपत्ति, विभाजन और टैक्स नियमों पर विस्तृत जानकारी

शेयर मार्किट में करोड़ो कमाने वाले बसंत जी ने बताया अपना राज

शेयर मार्किट में करोड़ो कमाने वाले बसंत जी ने बताया अपना राज