भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मार्गशीर्ष महीना, क्या करें ?क्या न करें ?

मार्गशीर्ष महीना, जिसे अगहन मास भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार एक अत्यंत पवित्र समय माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस बार मार्गशीर्ष माह 6 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। श्रीकृष्ण ने स्वयं भगवद्गीता में कहा है – “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, अर्थात महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस महीने में पूजा, दान और भक्ति का बहुत अधिक पुण्य फल मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में सत्यनिष्ठा से किया गया हर शुभ कार्य कई गुना पुण्य देता है।

मार्गशीर्ष माह में क्या करें

  • सुबह जल्दी उठें
    इस माह में प्रातःकाल जागना अत्यंत शुभ होता है। सूर्योदय से पूर्व या प्रातः के पहले तीसरे हिस्से में जागने का प्रयास करें। ताजे पानी से स्नान करें, और यदि संभव हो तो गंगाजल मिश्रित करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शांत स्थान पर बैठकर 5–10 मिनट तक “ॐ श्रीकृष्णाय नमः” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इससे मन शांत और दिन शुभ बना रहता है।
  • तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें
    यदि घर में तुलसी का पौधा है, तो प्रतिदिन सुबह या शाम उसमें जल अर्पित करें। तुलसी के समक्ष घी या तेल का दीपक प्रज्वलित करें और प्रार्थना करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • जरूरतमंदों को दान दें
    मार्गशीर्ष में दान विशेष महत्व रखता है। किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं या अनाज, चावल, दाल आदि का दान करें। दान करते समय मन में दया, करुणा और आदरभाव रखें।
  • भगवद्गीता का पाठ या श्रवण करें
    प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा गीता का पाठ करें। यदि संपूर्ण गीता पढ़ना संभव न हो, तो प्रत्येक दिन एक-एक अध्याय का सार पढ़ें या गीता के मुख्य श्लोक—जैसे 2.47 या 18.66—का श्रवण करें। इससे जीवन ज्ञान, मनोबल और कर्म के प्रति प्रेरणा मिलती है।
  • सात्त्विक भोजन करें
    मार्गशीर्ष माह में हल्का, सात्त्विक और पवित्र भोजन करें। नशा, अत्यधिक तैलीय या भारी भोजन से बचें। साथ ही, मानसिक संयम रखें—गुस्सा, ईर्ष्या, और अफवाहों से दूर रहें।

मार्गशीर्ष में क्या न करें

  • तामसिक चीजों से परहेज
    इस माह मांस, मछली, मदिरा, लहसुन, प्याज, अंडा या किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं के सेवन से बचना चाहिए।
  • जीरे का प्रयोग वर्जित
    शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष में जीरे का सेवन प्रतिबंधित है, अतः भोजन में इसका प्रयोग न करें।
  • नकारात्मक भावनाओं से बचें
    मार्गशीर्ष मास श्रीकृष्ण की भक्ति का समय है—अतः अहंकार, गुस्सा, आलस्य, झूठ, छल-कपट, ईर्ष्या, अपशब्द और दोषारोपण से बचें।
  • माता-पिता, गुरु और वरिष्ठजन का आदर
    इस महीने माता-पिता, गुरु और वरिष्ठ लोगों का सम्मान करें, उनकी सेवा करें और आशीर्वाद प्राप्त करें। पितरों का स्मरण करना भी शुभ माना गया है।

मार्गशीर्ष पूजा के वैज्ञानिक दृष्टिकोण

मार्गशीर्ष माह में सुबह जल्दी उठने, स्नान करने और साधना करने से शारीरिक तथा मानसिक लाभ होते हैं। सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। तुलसी के पौधे की पूजा से वातावरण शुद्ध होता है और औषधीय गुण भी मिलते हैं। गीता का पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है।

दान-पुण्य का महत्व

इस माह में दान और सेवा को सर्वोच्च पुण्यदायक माना गया है। कोई अन्न या वस्त्र का दान करें, या गरीबों को भोजन कराएं। इससे केवल सामाजिक संतुलन ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक संतुलन भी प्राप्त होता है।

कब शुरू और कब खत्म

वर्ष 2025 में मार्गशीर्ष का आरंभ 6 नवंबर से होगा और 4 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान हर दिन भक्ति, सेवा, संयम और प्रेम के साथ अपना कर्तव्य निभाएं। यह समय नए संकल्प, स्वास्थ्य और अध्यात्म के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

सारांश

मार्गशीर्ष माह में श्रीकृष्ण की पूजा, तुलसी अर्चना, गीता पाठ, सात्त्विक आहार, संयम, दान, मानसिक शांति तथा सभी वरिष्ठजनों का आदर—ये सब विशेष महत्व रखते हैं। वहीं तामसिक वस्तुओं, नशा, झूठ, छल-कपट और नकारात्मक भावनाओं से पूर्णतः बचना चाहिए। इस माह में इन नियमों का पालन करके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और शुभ फल पाया जा सकता है।aajtak

  1. https://www.aajtak.in/religion/news/story/margashirsha-month-2025-dos-and-donts-what-to-do-and-avoid-in-aghan-month-tvisz-dskc-2378327-2025-11-06

Related Posts

अगर अंदर Fail होने का डर है तो अवश्य सुनें !(Special For Aspirants) / Must Listen / Bhajan Marg

महाराज जी की बातें – विस्तृत हिंदी लेख परिचय:यह प्रवचन परम पूज्य वृंदावन रसिक संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज द्वारा दिया गया है, जिसमें परीक्षा का डर,…

Continue reading
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को संन्यास नहीं, युद्ध करने के लिए क्यों प्रेरित किया?

इस लेख में बताया गया है कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को संन्यास का मार्ग न अपनाने और अपना धर्म निभाते हुए युद्ध करने के लिए क्यों कहा था। प्रेमानंद महाराज…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

होम लोन 5/20/30/40 नियम अपनाएँ : घर कर्ज की टेंशन को दूर करें

होम लोन 5/20/30/40 नियम अपनाएँ : घर कर्ज की टेंशन को दूर करें

अगर अंदर Fail होने का डर है तो अवश्य सुनें !(Special For Aspirants) / Must Listen / Bhajan Marg

अगर अंदर Fail होने का डर है तो अवश्य सुनें !(Special For Aspirants) / Must Listen / Bhajan Marg

श्रीकृष्ण ने अर्जुन को संन्यास नहीं, युद्ध करने के लिए क्यों प्रेरित किया?

श्रीकृष्ण ने अर्जुन को संन्यास नहीं, युद्ध करने के लिए क्यों प्रेरित किया?

तेज़ टैक्स रिफंड और आसान ITR सुधार: नए CBDT नियम

तेज़ टैक्स रिफंड और आसान ITR सुधार: नए CBDT नियम

केंद्र सरकार की पांच प्रमुख पेंशन योजनाएं: हर बीपीएल कार्डधारक के लिए विस्तृत गाइड

केंद्र सरकार की पांच प्रमुख पेंशन योजनाएं: हर बीपीएल कार्डधारक के लिए विस्तृत गाइड

इस हफ्ते की सरकारी और प्राइवेट नौकरियां

इस हफ्ते की सरकारी और प्राइवेट नौकरियां