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परिचय
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने हाल ही में डेथ क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब कुछ विशेष मामलों में, नॉमिनी या लीगल हीर (कानूनी वारिस) को अनिवार्य रूप से होम ब्रांच में जाकर ही क्लेम सेटलमेंट कराना होगा। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये नियम किन मामलों में लागू होंगे, प्रक्रिया क्या है, और दस्तावेज़ कौन-कौन से लगेंगे1।
किस-किस SBI डेथ क्लेम का सेटलमेंट सिर्फ होम ब्रांच में होगा?
सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker):यदि मृतक के नाम पर बैंक लॉकर है, तो उसका क्लेम सिर्फ उसी होम ब्रांच में होगा, जहां लॉकर अलॉट हुआ था।सेफ कस्टडी आर्टिकल्स (Safe Custody Articles):मृतक के सुरक्षित रखे गए आर्टिकल्स (जैसे दस्तावेज़, ज्वेलरी आदि) का क्लेम भी होम ब्रांच में ही सेटल होगा।लोन अकाउंट्स (Loan Accounts):मृतक के नाम पर चल रहे लोन अकाउंट्स (जैसे होम लोन, पर्सनल लोन आदि) का क्लेम सेटलमेंट भी सिर्फ होम ब्रांच में ही किया जाएगा। बैंक के अनुसार, लोन पर बैंक की लियन (bank lien) लागू रहेगी, और क्लेम सेटलमेंट से पहले उसे निपटाया जाएगा1।
क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
ऑनलाइन मोड (Savings/FD के लिए):
SBI की वेबसाइट पर जाएं:“Customer Care” सेक्शन में “Deceased Claim Settlement Portal (CRCF)” पर क्लिक करें।ऑनलाइन फॉर्म भरें:आवश्यक जानकारी भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें, और उस ब्रांच को चुनें जहां मृतक का डिपॉजिट अकाउंट था।डॉक्युमेंट्स सबमिट करें:फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक की टीम आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी।
फिजिकल मोड (सभी प्रकार के अकाउंट्स के लिए):
किसी भी संबंधित ब्रांच में जाएं:जहां मृतक का अकाउंट था, वहां जाकर क्लेम फॉर्म और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।होम ब्रांच को फॉरवर्डिंग:संबंधित ब्रांच आपके दस्तावेज़ होम ब्रांच को भेज देगी, जहां अंतिम सेटलमेंट होगा।होम ब्रांच में प्रोसेसिंग:होम ब्रांच दस्तावेज़ वेरिफाई कर क्लेम सेटल करेगी। खासकर लॉकर, सेफ कस्टडी और लोन के मामलों में यह जरूरी है1।
जरूरी दस्तावेज़
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मृतक का डेथ सर्टिफिकेट
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नॉमिनी/लीगल हीर का पहचान पत्र (ID Proof)
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नॉमिनी डिक्लेरेशन या लीगल हीरशिप सर्टिफिकेट
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बैंक पासबुक/FD रसीद
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अन्य आवश्यक दस्तावेज़ (जैसे पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ)
पीपीएफ, एससीएसएस, एसएसए जैसे सरकारी डिपॉजिट स्कीम्स के लिए क्या प्रक्रिया है?
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इन सरकारी योजनाओं (PPF, SCSS, SSA) की सेटलमेंट के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमों का पालन करना जरूरी है।
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बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स की सेटलमेंट में देरी न हो, इसके लिए बैंक स्वतंत्र रूप से प्रक्रिया पूरी करेगा। सरकारी योजनाओं की सेटलमेंट अलग से होगी1।
महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)
1. क्लेम सेटलमेंट किस ब्रांच में होगा?नॉमिनी या लीगल हीर किसी भी ब्रांच में दस्तावेज़ जमा कर सकते हैं, लेकिन अंतिम सेटलमेंट सिर्फ होम ब्रांच में ही होगा1।2. ऑनलाइन क्लेम कैसे कर सकते हैं?SBI की वेबसाइट पर CRCF पोर्टल के जरिए ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं, दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं, और ब्रांच सेलेक्ट कर सकते हैं।3. क्या सभी अकाउंट्स के लिए यही नियम हैं?सिर्फ लॉकर, सेफ कस्टडी आर्टिकल्स और लोन अकाउंट्स के लिए होम ब्रांच में सेटलमेंट जरूरी है। सेविंग्स, FD आदि के लिए प्रक्रिया थोड़ी आसान है, लेकिन अंतिम भुगतान होम ब्रांच से ही होगा1।
निष्कर्ष
SBI में डेथ क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की गई है। लॉकर, सेफ कस्टडी और लोन मामलों में होम ब्रांच की भूमिका अहम है। बाकी मामलों में भी दस्तावेज़ किसी भी ब्रांच में जमा किए जा सकते हैं, लेकिन अंतिम सेटलमेंट होम ब्रांच से ही होगा। इससे नॉमिनी और लीगल हीर को सही दिशा में क्लेम सेटलमेंट कराने में सुविधा होगी।
नोट:यह लेख SBI द्वारा जारी नवीनतम दिशा-निर्देशों पर आधारित है। अधिक जानकारी के लिए SBI की वेबसाइट या नजदीकी ब्रांच से संपर्क करें।
SOURCE: ECONOMIC TIMES