प्रश्न – गृहस्थ को जीवन-निर्वाह के लिये धन कैसे कमाना चाहिये ?
उत्तर-गृहस्थको शरीरसे परिश्रम करके और ‘दूसरे हक न आ जाय’ ऐसी सावधानी रखकर धन कमाना चाहिये जितना धन पैदा हो जाय, उसमेंसे दसवाँ, पन्द्रहवाँ अथवा बीसवं हिस्सा दान-पुण्यके लिये निकालना चाहिये। धन कमानों कुछ-न-कुछ दोष आ जाते हैं; अतः उन दोषोंके प्रायश्चित्त के लिये धन निकालना चाहिये।
यह लेख गीता प्रेस की मशहूर पुस्तक “गृहस्थ कैसे रहे ?” से लिया गया है. पुस्तक में विचार स्वामी रामसुख जी के है. एक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक बहुत मददगार है, गीता प्रेस की वेबसाइट से यह पुस्तक ली जा सकती है. अमेजन और फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन साईट पर भी चेक कर सकते है.