इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म कैसे चुनें: आपकी आय और टैक्सपेयर कैटेगरी के अनुसार सही फॉर्म चुनने की पूरी गाइड (EN)

ITR फॉर्म्स की श्रेणियां और किसके लिए कौन सा फॉर्म

ITR 1 (सहज) – सैलरीड इंडिविजुअल्स के लिए

कौन भर सकता है:

  • केवल निवासी भारतीय (NRI या RNOR नहीं)

  • कुल आय ₹50 लाख तक

  • आय में शामिल: सैलरी/पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी (बिना कैरी-फॉरवर्ड लॉस), अन्य स्रोत (ब्याज आदि, लॉटरी/रेसहॉर्सेस को छोड़कर), कृषि आय ₹5,000 तक, और अब शेयर/म्यूचुअल फंड से सेक्शन 112A के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ₹1.25 लाख तक (FY 2024-25 से नया नियम)254

कौन नहीं भर सकता:

  • कंपनी में डायरेक्टर हैं

  • ESOP या अनलिस्टेड शेयर होल्डिंग है

  • क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से आय है

  • विदेशी संपत्ति/आय है

  • एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी है

  • बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम है

  • कैरी-फॉरवर्ड लॉस है

महत्वपूर्ण बदलाव:अब शेयर/इक्विटी म्यूचुअल फंड से 1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के लिए भी ITR 1 भर सकते हैं, बशर्ते कैरी-फॉरवर्ड लॉस न हो42

ITR 2 – इन्वेस्टर्स, NRI, मल्टीपल प्रॉपर्टी या कैपिटल गेन वालों के लिए

कौन भर सकता है:

  • इंडिविजुअल या HUF

  • आय में: सैलरी/पेंशन, एक या एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी, किसी भी राशि का कैपिटल गेन, विदेशी आय या संपत्ति, कृषि आय ₹5,000 से अधिक, RNOR/NRI, कंपनी डायरेक्टर, अनलिस्टेड शेयर होल्डिंग, क्लबिंग ऑफ इनकम (जैसे spouse की आय)26

कौन नहीं भर सकता:

  • बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम है

नया क्या:अब ITR 2 का एक्सेल यूटिलिटी रिवाइज्ड रिटर्न (Sec 139(8A)) के लिए भी सपोर्ट करता है2

ITR 3 – बिजनेस ओनर, फ्रीलांसर, फर्म पार्टनर के लिए

कौन भरना जरूरी है:

  • इंडिविजुअल या HUF जिनकी आय बिजनेस/प्रोफेशन (प्रोप्राइटरशिप) से है

  • फर्म में पार्टनर हैं (LLP नहीं)

  • किसी भी राशि का कैपिटल गेन (या कैरी-फॉरवर्ड लॉस)

  • अनलिस्टेड इक्विटी शेयर होल्डिंग

  • फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस से आय/लॉस

  • साथ में सैलरी, किराया या अन्य आय भी हो सकती है2

नोट:न्यू टैक्स रेगाइम से बाहर जाने के लिए फॉर्म 10-IEA की पुष्टि जरूरी है।

ITR 4 (सुगम) – स्मॉल बिजनेस, प्रोफेशनल्स (Presumptive Taxation)

कौन भर सकता है:

  • इंडिविजुअल्स, HUF, फर्म (LLP नहीं), जो रेसिडेंट हैं

  • कुल आय ₹50 लाख तक

  • बिजनेस/प्रोफेशनल इनकम प्रेजम्पटिव बेसिस (Sec 44AD, 44ADA, 44AE)

  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Sec 112A) ₹1.25 लाख तक (नया नियम)34

कौन नहीं भर सकता:

  • अगर इनकम प्रेजम्पटिव बेसिस पर नहीं है

  • विदेशी आय/संपत्ति है

  • एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी है

  • क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से आय है

ITR फॉर्म चुनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

  1. अपनी आय के स्रोत पहचानें:

    • सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन, बिजनेस/प्रोफेशन, अन्य स्रोत (ब्याज, डिविडेंड आदि), विदेशी आय, क्रिप्टो आदि।

  2. अपनी टैक्सपेयर कैटेगरी देखें:

    • इंडिविजुअल, HUF, NRI, फर्म, LLP आदि।

  3. मुख्य लिमिट्स और अपवाद देखें:

    • कुल आय, LTCG लिमिट, प्रॉपर्टी की संख्या, विदेशी आय/संपत्ति, डायरेक्टरशिप, अनलिस्टेड शेयर आदि।

  4. नए नियम और बदलाव पढ़ें:

    • FY 2024-25 से LTCG (112A) की लिमिट बढ़ी है, कुछ नए वेलिडेशन रूल्स जोड़े गए हैं43

2024-25 के लिए महत्वपूर्ण बदलाव

LTCG (Sec 112A) की लिमिट ₹1.25 लाख:अब ITR 1 और 4 में भी 1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (शेयर/इक्विटी म्यूचुअल फंड) दिखा सकते हैं, बशर्ते कोई कैरी-फॉरवर्ड लॉस न हो4स्पेशल इनकम (जैसे क्रिप्टो, लॉटरी):ऐसे मामलों में ITR 1 नहीं भर सकते, नया वेलिडेशन रूल एक्सेल यूटिलिटी में जोड़ा गया है3ITR फॉर्म्स अब एक्सेल और JSON दोनों में उपलब्ध:इन्हें डाउनलोड करके ऑफलाइन भर सकते हैं और पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं3

ITR Forms, Income Tax Return, ITR 1, ITR 2, ITR 3, ITR 4, FY 2024-25, AY 2025-26, LTCG, Capital Gains, Salary Income, Business Income, Presumptive Taxation, NRI, Tax Filing India, Income Tax Department, Sahaj, Sugam, Taxpayer Category, Income Sources, Tax Compliance

निष्कर्ष

सही ITR फॉर्म का चुनाव आपकी आय के स्रोत, टैक्सपेयर की श्रेणी और कुछ विशेष शर्तों पर निर्भर करता है। फॉर्म चुनने में गलती करने से टैक्स रिटर्न डिफेक्टिव हो सकता है और रिफंड में देरी या पेनल्टी लग सकती है। ऊपर दिए गए गाइड और तालिका के अनुसार अपनी प्रोफाइल के हिसाब से सही फॉर्म चुनें और समय पर टैक्स रिटर्न फाइल करें2546

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