अटूट जवानी की 'जानलेवा' चाहत: ग्लैमर, दवाइयां और मौत का सच, #ShefaliJariwala

जवान बने रहने की चाहत में लोग एंटी-एजिंग दवाओं, सर्जरी और शॉर्टकट्स का सहारा ले रहे हैं, लेकिन क्या ये तरीका वाकई सुरक्षित है? जानिए इस 'जानलेवा' चाहत के पीछे की सच्चाई, इसके खतरों, बाजार, साइंस और सेलिब्रिटी कल्चर का गहराई से विश्लेषण।

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7/1/20251 मिनट पढ़ें

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जवानी की दौड़: ग्लैमर, दबाव और मौत की दहलीज

21वीं सदी में सुंदर और जवान दिखने की चाहत का बाजार जितना बड़ा हुआ है, उतना ही खतरनाक भी साबित हो रहा है। 'कांटा लगा' फेम शेफाली जरीवाला की अचानक मौत ने पूरे देश में इस विषय पर बहस छेड़ दी है कि क्या जवान दिखने की चाहत में ली जाने वाली एंटी-एजिंग दवाइयां वाकई जानलेवा हो सकती हैं12।

शेफाली जरीवाला केस: फिटनेस, दवाइयां और अनहोनी

42 साल की उम्र में शेफाली जरीवाला का कार्डियक अरेस्ट से निधन हुआ। वह फिटनेस फ्रीक थीं, नियमित जिम जाती थीं, और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करती थीं। पुलिस जांच में उनके घर से ग्लूटाथियोन और विटामिन C के इंजेक्शन मिले, जो स्किन को गोरा और जवान बनाए रखने के लिए इस्तेमाल होते हैं12। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेफाली कई सालों से एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट ले रही थीं और घटना वाले दिन व्रत के दौरान उन्होंने एंटी-एजिंग इंजेक्शन लिया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी2।

एंटी-एजिंग दवाइयों के खतरे

  • ग्लूटाथियोन: यह एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्किन वाइटनिंग और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए इस्तेमाल होता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसके इंजेक्शंस से जानलेवा एलर्जिक रिएक्शन (एनाफिलेक्सिस) और लिवर डैमेज हो सकता है12।

  • विटामिन C इंजेक्शन: अधिक मात्रा में लेने से शरीर पर विपरीत असर पड़ सकता है, खासकर जब इन्हें बिना डॉक्टरी सलाह के लिया जाए।

  • हार्ट अटैक का खतरा: लगातार एंटी-एजिंग दवाइयों के सेवन से हार्ट पर प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाएं हो सकती हैं।

ग्लैमर इंडस्ट्री का दबाव

फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में जवान दिखना करियर की जरूरत बन चुका है। चेहरे पर झुर्रियां आना स्टारडम के लिए खतरा माना जाता है। इसी दबाव में कई सेलिब्रिटी एंटी-एजिंग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन वे इसके खतरनाक परिणामों को नजरअंदाज कर देते हैं12।

दुनियाभर में बढ़ता एंटी-एजिंग बाजार

  • वैश्विक बाजार: 2024 में एंटी-एजिंग दवाओं, सर्जरी और प्रोडक्ट्स का बाजार करीब ₹6.5 लाख करोड़ का था, जो लगातार बढ़ रहा है12।

  • भारत में स्थिति: भारत में 2024 में एंटी-एजिंग का बाजार लगभग ₹21,250 करोड़ का था, जो 2033 तक ₹34,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है12।

  • बड़ी कंपनियों की होड़: Amazon के जेफ बेजोस और Google की पैरेंट कंपनी Alphabet जैसी कंपनियां अरबों डॉलर रिसर्च में लगा रही हैं, ताकि बुढ़ापे को रोकने का फॉर्मूला खोजा जा सके।

  • टेक्नोलॉजी और साइंस: अमरता की खोज

    • Amazon के फाउंडर जेफ बेजोस ने अमेरिका की ATOS लैब्स में 25,500 करोड़ रुपये से ज्यादा इन्वेस्ट किया है, जो एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स पर रिसर्च कर रही है।

    • Google की पेरेंट कंपनी Alphabet ने Calico Life Sciences नाम से बायोटेक कंपनी बनाई है, जो इंसानी कोशिकाओं पर रिसर्च कर रही है।

    • अमेरिका की एक कंपनी का दावा है कि 2030 तक AI की मदद से इंसानों की औसत उम्र 150 वर्ष तक पहुंच सकती है।

    • 2032 तक AI आधारित सूक्ष्म रोबोट्स शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर कर बुढ़ापे की रफ्तार धीमी कर सकते हैं

इतिहास में अमरता की कोशिशें और असफलताएं

  • चीन के राजा की कहानी: 2000 साल पहले एक चीनी राजा ने अमरता के लिए पारा पीना शुरू किया, जिससे 49 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई1।

  • माइकल जैक्सन: पॉप सिंगर माइकल जैक्सन ने 150 साल तक जीने के लिए ऑक्सीजन चेंबर में सोना शुरू किया, लेकिन केवल 50 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

  • अमेरिका के ब्राइन जॉनसन: हर साल 17 करोड़ रुपये खर्च करके 40 सप्लीमेंट्स और 30 डॉक्टरों की टीम के साथ रिवर्स एजिंग की कोशिश, लेकिन शरीर पर साइड इफेक्ट्स दिखने लगे।

मेडिकल स्टडीज और चेतावनियां

  • ग्लूटाथियोन पर चेतावनी: फिलीपींस FDA ने स्किन वाइटनिंग के लिए ग्लूटाथियोन इंजेक्शन को मंजूरी नहीं दी है, क्योंकि इससे लिवर, किडनी और नर्वस सिस्टम पर खतरा हो सकता है2।

  • अन्य केस: अमेरिका में एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट लेने से कई लोगों की मौत हो चुकी है, जैसे कैलिफोर्निया की हेनेके हॉप्स, जिन्होंने ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन के इंजेक्शन लिए और लिवर ट्यूमर से मौत हो गई2।

प्राकृतिक जीवनशैली: असली उपाय

शेफाली जरीवाला के केस ने यह भी दिखाया कि शॉर्टकट्स और कृत्रिम उपायों से जवान रहना संभव नहीं है। एक केस में कैलिफोर्निया के डॉक्टर डेविड फर्मन ने 3 साल जंगल में प्राकृतिक जीवन बिताया, जिससे उनकी बायोलॉजिकल एज 10 साल कम हो गई1।

"जितना ज्यादा आप प्रकृति के करीब रहेंगे, उतना ही ज्यादा स्वस्थ और जवान रहेंगे। शॉर्टकट्स और दवाइयां बुढ़ापे या मौत से नहीं बचा सकतीं।"

सामाजिक और मानसिक दबाव

  • सोशल मीडिया और बॉडी इमेज: सोशल मीडिया पर सुंदरता और फिटनेस का दिखावा लोगों में असुरक्षा और दबाव बढ़ाता है।

  • आर्थिक पक्ष: अमीर और सेलिब्रिटी वर्ग में एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स का चलन ज्यादा है, लेकिन आम लोग भी इस दौड़ में शामिल हो रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ रहा है।

क्या कहती है मेडिकल साइंस?

अब तक कोई भी मेडिकल साइंस या दवा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को पूरी तरह रोक नहीं पाई है। उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे रोका नहीं जा सकता12।

"जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है।"

आम लोगों में बढ़ती प्रवृत्ति

  • अब सिर्फ सेलिब्रिटी ही नहीं, बल्कि आम लोग भी वजन घटाने, सुंदर दिखने और जवान रहने के लिए शॉर्टकट्स, दवाएं और इंजेक्शंस का सहारा ले रहे हैं।

  • कई लोग बिना मेहनत के वजन घटाने के लिए दवाएं ले रहे हैं और दावा करते हैं कि उन्होंने सिर्फ डाइटिंग या एक्सरसाइज की है, जबकि असलियत में वे कृत्रिम तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्राकृतिक जीवनशैली: असली उपाय

  • वैज्ञानिक और डॉक्टर मानते हैं कि प्राकृतिक जीवनशैली, संतुलित आहार, योग, व्यायाम, और अनुशासन ही शरीर को स्वस्थ और जवान रखने का सबसे सुरक्षित तरीका है।

  • अमेरिका के एक प्रोफेसर डेविड फर्मन ने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर, जंगल में प्राकृतिक जीवन जीकर अपनी बायोलॉजिकल एज 10 साल कम कर ली1।

"जितना ज्यादा आप प्रकृति के करीब रहेंगे, उतना ही ज्यादा स्वस्थ और जवान रहेंगे। शॉर्टकट्स और दवाएं आपको बुढ़ापे या मौत से नहीं बचा सकतीं।" 1

जोखिम और सच्चाई

  • एंटी-एजिंग दवाओं, इंजेक्शंस और सर्जरी के साइड इफेक्ट्स में एलर्जी, हार्ट अटैक, लिवर डैमेज, हार्मोनल इम्बैलेंस, और कई बार जान जाने तक का खतरा है।

  • अभी तक कोई वैज्ञानिक तरीका ऐसा नहीं है जो उम्र को रोक सके या इंसान को अमर बना सके।

  • बायोलॉजिकल एजिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे पूरी तरह रोकना संभव नहीं।

निष्कर्ष: 'जवान' बने रहने की चाहत, लेकिन समझदारी जरूरी

  • जवान दिखना या रहना गलत नहीं, लेकिन इसके लिए शॉर्टकट्स, दवाओं और इंजेक्शंस का सहारा लेना जानलेवा हो सकता है।

  • स्वस्थ जीवनशैली, प्राकृतिक उपाय और संतुलित सोच ही असली 'युवावस्था' का राज़ है।

  • बाजार, विज्ञापन और सोशल प्रेशर के चक्कर में अपनी सेहत से खिलवाड़ न करें।

क्या करें, क्या न करें

  • बिना डॉक्टरी सलाह के कोई एंटी-एजिंग दवा या इंजेक्शन न लें।

  • प्राकृतिक आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनावमुक्त जीवनशैली अपनाएं।

  • 30-35 की उम्र के बाद रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं।

  • सोशल मीडिया या ग्लैमर इंडस्ट्री के दबाव में आकर शरीर के साथ खिलवाड़ न करें।


जवान दिखने की चाहत में शॉर्टकट्स और दवाइयों का सहारा लेना जानलेवा साबित हो सकता है। असली सुंदरता और स्वास्थ्य प्राकृतिक जीवनशैली, अनुशासन और संतुलित सोच में है। उम्र बढ़ना प्रकृति का नियम है, इसे स्वीकारना और स्वस्थ रहना ही सबसे बेहतर उपाय है।