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भूमिका: कार खरीदना – एक बड़ा फैसला
भारत में कार खरीदना सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि एक सपना होता है। जब आप 2025 में नई कार या पुरानी (used) कार खरीदने का सोचते हैं, तो आपके मन में कई सवाल आते हैं – बजट, ब्रांड, लोन, मेंटेनेंस, रीसैल वैल्यू, और स्टेटस। क्या एक नई कार खरीदना समझदारी है, या फिर कम दाम में पुरानी लग्ज़री कार लेना बेहतर रहेगा? इस लेख में आपको मिलेगा हर सवाल का जवाब, ताकि आप अपने लिए सबसे सही फैसला ले सकें।
नई कार vs पुरानी कार: शुरुआती सवाल
कार खरीदने से पहले खुद से ये सवाल ज़रूर पूछें:
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आपकी जरूरत क्या है – फैमिली के लिए, ऑफिस के लिए, या सिर्फ शौक के लिए?
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बजट कितना है?
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क्या आप डाउन पेमेंट कर सकते हैं या लोन लेंगे?
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कार की मेंटेनेंस और फ्यूल खर्च कितना होगा?
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रीसैल वैल्यू कितनी मिलेगी?
लोन और डाउन पेमेंट: नई और पुरानी कार में फर्क
नई कार पर लोन
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नई कार की ऑन-रोड कीमत पर आपको 90-95% तक लोन मिल जाता है।
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डाउन पेमेंट कम (5-10%) देना पड़ता है।
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ब्याज दर (Interest Rate) आमतौर पर 8-9% रहती है।
पुरानी कार पर लोन
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पुरानी कार (used car) पर सिर्फ 70-75% तक ही लोन मिलता है।
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बाकी 25-30% रकम आपको अपनी जेब से देनी पड़ती है।
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ब्याज दर ज्यादा (13-14%) होती है, क्योंकि बैंक के लिए पुरानी कार रिस्की एसेट होती है।
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अगर आप पूरी रकम कैश में दे रहे हैं, तो ब्याज का फर्क नहीं पड़ता।
रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर फीस
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नई कार पर रजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है, जो राज्य के हिसाब से अलग होती है।
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पुरानी कार पर रजिस्ट्रेशन नहीं, बल्कि ट्रांसफर फीस (₹2,000-₹5,000) देनी होती है।
फ्यूल एफिशिएंसी और रनिंग कॉस्ट
नई कार
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नई कारें टेक्नोलॉजी के चलते ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट होती हैं।
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औसतन 17 km/l का माइलेज, जिससे प्रति किलोमीटर फ्यूल खर्च लगभग ₹5.88 आता है।
पुरानी लग्ज़री कार
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पुरानी लग्ज़री कारों का माइलेज कम (जैसे 10 km/l) होता है।
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प्रति किलोमीटर खर्च ₹9.09 तक पहुंच सकता है।
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हर किलोमीटर पर ₹3.2 ज्यादा खर्च, अगर आप साल में 15,000 km चलाते हैं तो 5 साल में लगभग ₹2.4 लाख ज्यादा खर्च।
मेंटेनेंस और सर्विसिंग
नई कार
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पहले कुछ सर्विस फ्री मिलती हैं।
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सर्विसिंग इंटरवल लंबे होते हैं (6 महीने या 10,000 km)।
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मेंटेनेंस खर्च कम।
पुरानी कार
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सर्विसिंग की जरूरत ज्यादा (हर 3-4 महीने या 5,000 km)।
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मेंटेनेंस खर्च ज्यादा, खासकर लग्ज़री कारों में।
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स्पेयर पार्ट्स महंगे और कभी-कभी इंपोर्ट करने पड़ सकते हैं।
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इंश्योरेंस प्रीमियम भी ज्यादा, क्योंकि पार्ट्स महंगे हैं।
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कभी-कभी इंश्योरेंस कवर नहीं करता, तो जेब से खर्च करना पड़ सकता है।
रीसेल वैल्यू और डिप्रिसिएशन
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नई कार की कीमत जैसे ही शोरूम से बाहर आती है, 10-15% घट जाती है।
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1-2 साल में 20%, 2-3 साल में 30%, 3-4 साल में 40%, और 4-5 साल में 50% तक वैल्यू कम हो जाती है।
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5 साल बाद कार की कीमत आधी रह जाती है।
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पुरानी कार की रीसैल वैल्यू और भी कम होती है, खासकर अगर आपने लग्ज़री ब्रांड लिया है1।
सोशल स्टेटस या असली जरूरत?
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कई बार लोग लग्ज़री पुरानी कार सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए खरीदते हैं।
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अगर आपकी असली जरूरत सिर्फ एक भरोसेमंद, कम खर्च वाली कार है, तो नई कार ज्यादा समझदारी है।
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अगर आप मोटरहेड हैं, कारों की अच्छी समझ है, तो पुरानी लग्ज़री कार भी सही हो सकती है। लेकिन बिना जानकारी सिर्फ दिखावे के लिए खरीदना घाटे का सौदा है1।
इमोशनल vs प्रैक्टिकल डिसीजन
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कार खरीदना इमोशनल डिसीजन भी हो सकता है, लेकिन प्रैक्टिकल फैक्ट्स को नजरअंदाज न करें।
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लोन लेने का मतलब है आप अपनी भविष्य की कमाई का हिस्सा आज खर्च कर रहे हैं।
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अपनी फाइनेंशियल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ही लोन लें।
फाइनल चेकलिस्ट: कार खरीदने से पहले ज़रूर देखें
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बजट तय करें: EMI, डाउन पेमेंट, मेंटेनेंस, इंश्योरेंस सब जोड़ें।
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लोन की शर्तें समझें: ब्याज दर, लोन अमाउंट, टेन्योर।
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फ्यूल और मेंटेनेंस खर्च का अनुमान लगाएं: नई बनाम पुरानी कार में फर्क।
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रीसेल वैल्यू देखें: डिप्रिसिएशन रेट्स को समझें।
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कार की जरूरत और इस्तेमाल सोचें: सिर्फ दिखावे के लिए न खरीदें।
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अगर पुरानी कार ले रहे हैं तो: भरोसेमंद डीलर, कार की सर्विस हिस्ट्री, और एक्सपर्ट मैकेनिक से जांच करवाएं।
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इंश्योरेंस और आरटीओ पेपर चेक करें: सभी डॉक्युमेंट्स वेरिफाई करें।
2025 में कौन-सी कार खरीदना सही? निष्कर्ष
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नई कार:
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कम मेंटेनेंस, ज्यादा फ्यूल एफिशिएंसी, कम रिस्क, बेहतर रीसैल वैल्यू, और लेटेस्ट फीचर्स।
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फर्स्ट-टाइम बायर्स या जिनका बजट लिमिटेड है, उनके लिए बेस्ट।
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पुरानी कार (Used Luxury Car):
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कम कीमत में लग्ज़री ब्रांड, लेकिन मेंटेनेंस और फ्यूल खर्च ज्यादा।
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सिर्फ उन्हीं के लिए जो कारों की अच्छी समझ रखते हैं, या शौक रखते हैं।
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अंतिम सलाह
कार खरीदना एक बड़ा निवेश है। सिर्फ ब्रांड या दिखावे के लिए न खरीदें। अपने बजट, जरूरत, और भविष्य की फाइनेंशियल प्लानिंग को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लें। अगर आप पुरानी लग्ज़री कार खरीदना चाहते हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह लें, कार की पूरी जांच करवाएं, और मेंटेनेंस खर्च का सही अनुमान लगाएं। नई कार में शांति और भरोसा है, पुरानी कार में रोमांच और रिस्क – चुनाव आपका है1।
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Source:Zero1 by Zerodha – Car buying guide 2025 – Used Vs New1