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क्या आप जानते हैं, माता-पिता से कितनी रकम तक टैक्स फ्री गिफ्ट ले सकते हैं? जानिए Income Tax Notice से कैसे बचें!
भारत में माता-पिता और बच्चों के बीच पैसों का लेन-देन आम बात है। कई बार माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई, शादी, प्रॉपर्टी खरीदने या अन्य जरूरतों के लिए बड़ी रकम गिफ्ट करते हैं। लेकिन Income Tax के नियमों को समझना जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई नोटिस या कानूनी दिक्कत न आए। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे:
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माता-पिता से टैक्स फ्री गिफ्ट लेने की लिमिट क्या है?
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कौन-कौन से गिफ्ट टैक्स फ्री हैं?
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गिफ्ट डीड कैसे बनाएं?
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किन दस्तावेजों को संभालकर रखें?
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Income Tax Return में इसका जिक्र कैसे करें?
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माता-पिता से गिफ्ट – टैक्स फ्री लिमिट और नियम
1. टैक्स फ्री गिफ्ट की लिमिट क्या है?
भारतीय आयकर कानून के अनुसार, अगर आपको गिफ्ट आपके “रिलेटिव” (जैसे माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, बच्चे, पोते-पोतियां आदि) से मिलता है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता – चाहे रकम कितनी भी हो123।यानी, माता-पिता से आप कितनी भी रकम टैक्स फ्री ले सकते हैं।
2. गिफ्ट की परिभाषा – कौन-कौन से गिफ्ट कवर होते हैं?
माता-पिता से मिलने वाले ये गिफ्ट टैक्स फ्री हैं:
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कैश (Cash)
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बैंक ट्रांसफर (NEFT/RTGS/IMPS)
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ज्वेलरी, एफडी, शेयर, म्यूचुअल फंड
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प्रॉपर्टी (मकान, जमीन)
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वाहन, अन्य मूवेबल/इमूवेबल संपत्ति
3. कैश गिफ्ट की लिमिट और नियम
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अगर माता-पिता आपको कैश में गिफ्ट देते हैं, तो ₹2 लाख से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन एक बार में करना गैरकानूनी है (Section 269ST)13।
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इससे ऊपर कैश देने-लेने पर 100% पेनल्टी लग सकती है।
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सुझाव: हमेशा बैंक ट्रांसफर या चेक से ही गिफ्ट लें।
4. गिफ्ट पर टैक्स कब लगता है?
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अगर गिफ्ट “रिलेटिव” से है, तो कोई टैक्स नहीं।
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अगर गिफ्ट नॉन-रिलेटिव से है और साल में कुल ₹50,000 से ज्यादा है, तो पूरा अमाउंट टैक्सेबल हो जाता है42536।
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शादी, वसीयत, इनहेरिटेंस, लोकल अथॉरिटी या ट्रस्ट से मिले गिफ्ट भी टैक्स फ्री हैं।
5. माता-पिता की नेटवर्थ और सोर्स ऑफ फंड्स
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जितना पैसा माता-पिता के पास लीगल सोर्स से है (जैसे सैलरी, एफडी, प्रॉपर्टी बेचने से, रिटायरमेंट फंड), उतना ही गिफ्ट किया जा सकता है।
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अगर Income Tax Department पूछता है कि पैसा कहां से आया, तो सोर्स दिखाना जरूरी है – जैसे बैंक स्टेटमेंट, ITR, प्रॉपर्टी सेल डीड, रिटायरमेंट सेटलमेंट आदि।
गिफ्ट डीड – क्यों जरूरी है और कैसे बनाएं?
1. गिफ्ट डीड बनवाना जरूरी है?
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गिफ्ट डीड बनाना कानूनन अनिवार्य नहीं है, लेकिन बड़े अमाउंट (जैसे 10 लाख, 50 लाख, 1 करोड़ या उससे ज्यादा) के लिए गिफ्ट डीड बनाना बेहद फायदेमंद है1।
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इससे भविष्य में टैक्स डिपार्टमेंट को सोर्स और ट्रांजैक्शन की डिटेल देने में आसानी होगी।
2. गिफ्ट डीड कैसे बनाएं?
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अगर एक बार में बड़ा अमाउंट गिफ्ट किया है, तो सिंपल नोटरी से गिफ्ट डीड बनवा लें।
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अगर साल भर में कई बार छोटे-छोटे अमाउंट दिए हैं, तो साल के अंत में टोटल करके एक गिफ्ट डीड बना लें1।
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गिफ्ट डीड में दोनों पक्षों के नाम, ट्रांजैक्शन की डिटेल, अमाउंट, तारीख, और सिग्नेचर जरूर हो।
3. प्रॉपर्टी गिफ्ट में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन
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अगर माता-पिता प्रॉपर्टी गिफ्ट करते हैं, तो गिफ्ट डीड रजिस्टर्ड करवाना जरूरी है।
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स्टाम्प ड्यूटी राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है, लेकिन रिलेटिव को गिफ्ट में कम ड्यूटी लगती है।
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प्रॉपर्टी बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होगा, लेकिन गिफ्ट के समय टैक्स नहीं।
Income Tax Return (ITR) में गिफ्ट का जिक्र कैसे करें?
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माता-पिता से मिला गिफ्ट ITR में “Exempt Income” सेक्शन में दिखा सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
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अगर नोटिस आता है, तो बैंक स्टेटमेंट, गिफ्ट डीड, माता-पिता की ITR, प्रॉपर्टी सेल डीड आदि डॉक्युमेंट्स दिखाएं1।
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विदेश से माता-पिता ने गिफ्ट भेजा है, तो उनके फॉरेन बैंक स्टेटमेंट और इनकम प्रूफ संभालकर रखें।
किन बातों का रखें खास ध्यान?
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सिर्फ बैंक ट्रांसफर या चेक से ही बड़ा अमाउंट लें।
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₹2 लाख से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन न करें।
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गिफ्ट डीड, बैंक स्टेटमेंट, माता-पिता की इनकम प्रूफ, प्रॉपर्टी सेल डीड आदि डॉक्युमेंट्स संभालकर रखें।
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अगर गिफ्ट विदेश से आया है, तो फॉरेन बैंक स्टेटमेंट और इनकम सोर्स भी रखें।
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सभी ट्रांजैक्शन का सोर्स क्लियर रखें, जिससे नोटिस आने पर आसानी से जवाब दिया जा सके।
Income Tax Notice से कैसे बचें?
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हर ट्रांजैक्शन का सोर्स और डॉक्युमेंटेशन रखें।
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गिफ्ट डीड बनवाएं, खासकर बड़े अमाउंट के लिए।
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माता-पिता की इनकम, प्रॉपर्टी सेल, रिटायरमेंट फंड आदि का प्रूफ रखें।
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ट्रांजैक्शन हमेशा बैंकिंग चैनल से करें।
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अगर नोटिस आता है, तो डॉक्युमेंट्स के साथ सही जवाब दें।
निष्कर्ष: माता-पिता से टैक्स फ्री गिफ्ट – समझदारी से लें, डॉक्युमेंटेशन रखें
माता-पिता से गिफ्ट लेना टैक्स फ्री है, लेकिन सही डॉक्युमेंटेशन और बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। इससे भविष्य में Income Tax Notice या कानूनी दिक्कतों से बचा जा सकता है। गिफ्ट डीड, बैंक स्टेटमेंट, माता-पिता की इनकम प्रूफ, प्रॉपर्टी सेल डीड आदि संभालकर रखें और ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी रखें।
अगर आपके पास कोई सवाल है या गिफ्ट से जुड़ी कोई दिक्कत है, तो अनुभवी CA या टैक्स एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
किन रिश्तेदारों से मिला गिफ्ट टैक्स फ्री है?
Income Tax Act में ‘Relative’ की परिभाषा बहुत स्पष्ट है। अगर आपको नीचे बताए गए रिश्तेदारों से गिफ्ट मिलता है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा:
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माता-पिता (Parents)
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पति/पत्नी (Spouse)
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भाई-बहन (Brother/Sister)
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चाचा-चाची, मामा-मामी, फूफा-फूफी (Uncle/Aunt)
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दादा-दादी, नाना-नानी (Grandparents)
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पोता-पोती, नाती-नातिन (Grandchildren)
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सास-ससुर (Parents-in-law)
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बहू/दामाद (Daughter-in-law/Son-in-law)
अगर उपरोक्त रिश्तेदारों के अलावा किसी और से गिफ्ट मिलता है और उसकी कुल वैल्यू एक वित्तीय वर्ष में ₹50,000 से ज्यादा है, तो पूरी राशि आपकी इनकम मानी जाएगी और उस पर टैक्स लगेगा
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