सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार: कम बजट में सर्वश्रेष्ठ सुविधा

सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार — यह हरिद्वार का एक प्राचीन, शांत स्थल है, जहाँ कम बजट में बेहतरीन सुविधा मिलती है।


सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार: कम बजट में अच्छी सुविधा

हरिद्वार का नाम सुनते ही मन में सुकून व धार्मिकता की छवि उभरती है। लाखों श्रद्धालु यहाँ पर गंगा स्नान, मंदिर भेंट, और मन को शांतिपूर्ण अनुभव करने आते हैं। हरिद्वार में यदि कोई शांति से रुकना चाहता है, तो सप्तऋषि आश्रम सबसे अच्छा विकल्प है। यहाँ कम बजट में आपको शानदार सुविधा और शुद्ध वातावरण मिलेगा।


सप्तऋषि आश्रम: संक्षिप्त इतिहास

सप्तऋषि आश्रम का इतिहास काफी प्राचीन है। इस आश्रम की स्थापना 1943 में गोस्वामी गणेश दत्त जी ने की थी। मान्यता यह भी है कि यहाँ प्राचीन काल में सात ऋषियों – कश्यप, वशिष्ठ, अत्रि, विश्वामित्र, जमातग्नि, भारद्वाज और गौतम – ने गंगा के तट पर तपस्या की थी। इसी कारण इस स्थान पर गंगा की धारा सात धाराओं में विभाजित होती है।


मुख्य सुविधाएँ और सेवाएँ

  • आश्रम के पास शानदार पार्किंग सुविधा है।
  • सभी रूम्स (कुटिया) काफी बड़े, साफ-सुथरे और प्राकृतिक सौंदर्य से भरे हैं।
  • चारों ओर हरियाली, पक्षियों की चहक और गार्डन हैं।
  • यहाँ रुके हुए श्रद्धालुओं के लिए लंगर व भोजन की उत्तम व्यवस्था है।
  • 100 विद्यार्थी यहाँ छात्रावास में रहकर निशुल्क भोजन प्राप्त करते हैं।
  • वृद्ध गायों के लिए अलग गौशाला भी है।
  • गोस्वामी गणेश दत्त घाट श्रद्धालुओं के स्नान और ध्यान के लिए सटा हुआ है।
  • मेडिकल सुविधा (डिस्पेंसरी) है, जिससे जरूरतमंद लोगों को तुरंत उपचार मिलता है।
  • प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र भी है।
  • मंदिरों की श्रृंखला: श्री तिरुपति बालाजी मंदिर, श्री गणेश मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, और गंगेश्वर महादेव मंदिर आदि।

सप्तऋषि आश्रम में रूम्स का अनुभव

यहाँ के कुटियाएं बंगलानुमा शैली में बनी हैं। एक कुटिया से दूसरी कुटिया के बीच काफी गैप है, जिससे एकांत और शांति मिलती है। यहाँ रुकने के लिए भक्तों को पहले से इंक्वायरी और बुकिंग करनी होती है, क्योंकि अधिकांश समय रूम्स व्यस्त रहते हैं।

हरियर गार्डन, खुली जगह, शुद्ध हवा, और एकांत में पक्षियों की आवाज आपके प्रवास को ध्यान और अध्यात्म से भरपूर बना देती है।

कुछ कुटियाओं के नाम — कृष्णा कुटी, भृगु कुटी, अनुसूया कुटी, अरुंधति कुटी आदि ऋषियों के नाम पर हैं।


धार्मिक और सेवन कार्य

यहाँ प्रतिदिन विधिपूर्वक रुद्राभिषेक, हवन, और यज्ञ होते हैं। देश के हजारों साधु-संत यहाँ पर ठहरते हैं और लंगर सेवा का लाभ उठाते हैं। जो विद्यार्थी छात्रावास में रहते हैं उन्हें भी निशुल्क भोजन मिलता है।

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने 1954 में यहाँ 101 वर्ष के लिए गायत्री महायज्ञ अग्निस्थापित किया था, और आज भी यज्ञशाला में अग्नि प्रज्वलित रहती है।


गंगा घाट का आनंद

आश्रम से मात्र 100 मीटर की दूरी पर गोस्वामी गणेश दत्त घाट है, जोकि सप्तसरोवर रोड पर स्थित है। यहाँ स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। घाट के पास विशाल शिवलिंग, पंचमुखी हनुमान मंदिर, और गंगेश्वर महादेव मंदिर हैं।

मान्यता यह भी है कि पांच पांडव जब स्वर्गारोहण पर जा रहे थे, तो उन्होंने यहाँ गंगा स्नान किया था। घाट का वातावरण अत्यंत शांत, दिव्य और आध्यात्मिक है।


आश्रम में रहने के फायदे

  • बजट में बढ़िया रूम्स
  • गंगा के निकट स्नान और पूजा
  • रोज़ कीर्तन और भजन
  • शुद्ध, सात्विक भोजन
  • शिक्षार्थियों व साधुओं के लिए विशेष सुविधाएँ
  • भक्तों के लिए मेडिकल और नेचरोपैथी सेंटर
  • उत्तम सफाई व्यवस्था
  • विशेष सीनियर सिटीजन के लिए शांति और एकांत

कैसे पहुंचे सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार

आश्रम हरिद्वार के सप्तसरोवर रोड पर, भारत माता मंदिर से थोड़ा आगे स्थित है।

  • हरकी पौड़ी से दूरी – लगभग 5 किमी
  • रेलवे स्टेशन से दूरी – लगभग 8 किमी
  • स्टेशन से ऑटो या ई-रिक्शा आसानी से मिल जाता है (₹300–₹400)
  • हरकी पौड़ी से ₹150–₹200 में पहुँच सकते हैं
  • किसी से भी सप्तसरोवर रोड या सप्तऋषि आश्रम पूछने पर पूरा मार्ग मिल जाएगा

आस-पास के दर्शनीय स्थल

  • भारत माता मंदिर
  • सप्त सरोवर
  • हरकी पौड़ी
  • तिरुपति बालाजी मंदिर
  • गंगेश्वर महादेव

यह सभी स्थल आश्रम के पास ही हैं, जिन्हें आसानी से देखा जा सकता है।


बुकिंग प्रक्रिया

आश्रम के रूम्स की बुकिंग के लिए कॉल या डायरेक्ट विजिट करें। खाली रूम्स उपलब्ध होने पर तुरंत बुकिंग हो जाती है। व्यस्त समय में पहले से इंक्वायरी अवश्य करें। संपर्क नंबर का इस्तेमाल करें जो आश्रम की वेबसाइट या बोर्ड पर दिया होता है।


किन्हें यहाँ आना चाहिए

  • परिवार के साथ धार्मिक यात्रा करने वाले
  • साधु-संत, साधना करने वाले
  • विद्यार्थी जो हरिद्वार में अध्ययन के लिए रुके हैं
  • बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिक, अवकाश और शांति के प्रेमी

यह स्थान सबके लिए उपयुक्त है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो भागमभाग लाइफ से दूर कुछ पल मॉन शुद्ध हवा, शांतिपूर्ण वातावरण और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं।


यात्रा सुझाव

  • यात्रा के समय बुकिंग पहले ही करें।
  • आस-पास घूमने हेतु सुबह–शाम का समय श्रेष्ठ है।
  • घाट, मंदिर, और गार्डन का आनंद लें।
  • महिलाओं और बुजुर्गों के लिए भी सुविधा उत्तम है।

निष्कर्ष

सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार में शांति, आध्यात्म, और बेहतरीन बजट सुविधा का अद्वितीय मेल है। यहाँ का अद्भुत वातावरण, गंगा घाट की समीपता, सेवाभाव, और प्राकृतिक सौंदर्य आपको एक नया अनुभव देगा। बुकिंग की प्रक्रिया भी सरल है। हरिद्वार सत्यअनुभूति के लिए यह आश्रम श्रेष्ठ विकल्प है।


बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सप्तऋषि आश्रम कहां स्थित है?

हरिद्वार, सप्तसरोवर रोड, भारत माता मंदिर के पास।

यहाँ गंगा का घाट कितनी दूरी पर है?

लगभग 100 मीटर पर गोस्वामी गणेश घाट है।

बुकिंग कैसे करें?

आश्रम के दिए गए नंबर पर कॉल करके या डायरेक्ट आकर।

यहाँ कौन-कौन सी सुविधाएँ हैं?

रूम्स, मेडिकल सेंटर, गौशाला, भोजन, लंगर, मंदिर, नेचरोपैथी।

क्या यहाँ परिवार आ सकते हैं?

हाँ, परिवार, बुजुर्ग, विद्यार्थी व साधु सभी के लिए उत्तम है।


  1. https://www.youtube.com/watch?v=4SN_IvWvThk

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