बेटे की पढ़ाई के लिए 25 लाख की FD तोड़ना मजबूरी में लिया गया फैसला है, लेकिन यह आदर्श वित्तीय प्लानिंग नहीं मानी जाएगी, खासकर जब रिटायरमेंट सिर्फ 4 साल दूर है। बेहतर होता कि यह फंड पहले से SIP के जरिए तैयार किया जाता या अभी लोन / आंशिक निकासी जैसे विकल्प देखे जाते।
गलती कहाँ हुई?
- 30–45 की उम्र में रिटायरमेंट और बच्चों की पढ़ाई दोनों के लिए अलग‑अलग लक्ष्य बनाकर SIP शुरू नहीं की गई, इसलिए रिटायरमेंट से ठीक पहले बड़ा खर्च FD से ही करना पड़ गया।
- रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए जो सुरक्षित FD थी, उसी को तोड़ने से अब या तो रिटायरमेंट आय घटेगी या दोबारा FD/निवेश करने का समय बहुत कम बचेगा।
- FD प्रीमैच्योर तोड़ने पर ज़्यादातर बैंकों में 0.5–1% तक पेनल्टी और कम ब्याज दर लगती है, जिससे कुछ ब्याज का नुकसान भी हुआ होगा।
IIM Trichy की फीस और ज़रूरत
- IIM Tiruchirappalli के 2‑साल के MBA (PGPM) की कुल फीस लगभग 19.5–21 लाख के बीच है, बाकी खर्च (होस्टल, यात्रा, लैपटॉप, निजी खर्च) मिलाकर 23–25 लाख तक की ज़रूरत वाजिब अनुमान है।fundamakers+2
- क्योंकि फीस किस्तों में देनी होती है, पिता जी को पूरे 25 लाख एक साथ FD में रखने की भी ज़रूरत नहीं थी; हर टर्म की फीस के हिसाब से कैश‑फ्लो प्लान किया जा सकता था।
SIP से पहले से तैयारी कैसे हो सकती थी?
मान लीजिए किसी को 15 साल पहले से पता है कि 20–25 लाख की पढ़ाई के लिए कॉर्पस चाहिए:
- अगर 12% सालाना अनुमानित रिटर्न वाला इक्विटी म्यूचुअल फंड SIP लिया जाए, तो 10 साल में 20 लाख बनाने के लिए लगभग 8,600 रुपये महीना SIP काफ़ी दिखता है
- इसी तरह, 15–20 साल तक 5–10 हजार रुपये की नियमित SIP से 30–50 लाख तक का कॉर्पस बनाया जा सकता था, जिससे रिटायरमेंट और पढ़ाई दोनों के लिए अलग फंड बनते और FD सुरक्षित रहती।
अब FD तोड़ना सही था या नहीं?
- नैतिक/व्यावहारिक रूप से बच्चे की पढ़ाई प्राथमिकता हो सकती है, लेकिन वित्तीय दृष्टि से रिटायरमेंट के ठीक पहले बड़ा हिस्सा FD से निकालना जोखिमभरा है, क्योंकि बाद में नियमित आय नहीं रहेगी और कॉर्पस घट चुका होगा।
- बेहतर विकल्प होते: एजुकेशन लोन (जहाँ बच्चा नौकरी लगने के बाद EMI दे सकता है), आंशिक FD निकासी, या अलग‑अलग छोटी FDs में पहले से विभाजन करना ताकि पूरी FD न तोड़नी पड़े।
आगे क्या करना चाहिए?
- रिटायरमेंट तक बचे 4 साल के लिए:
- जो रकम बची है, उसे सुरक्षित साधनों (FD, डेBT फंड आदि) में फिर से व्यवस्थित करें, ताकि निश्चितता बनी रहे।
- अगर कुछ अतिरिक्त मासिक बचत संभव है, तो बहुत कम जोखिम वाले फंड में छोटी SIP/RECurRING डिपॉज़िट से रिटायरमेंट कॉर्पस थोड़ा बढ़ाने की कोशिश करें।
- बेटे के लिए:
- यदि एजुकेशन लोन नहीं लिया है, तो अगली किस्तों के लिए आंशिक लोन पर विचार करें, ताकि बची FD पूरी तरह न खत्म हो
- अन्य लोगों के लिए सीख:
- 30–45 की उम्र में ही दो अलग SIP चलाएँ – एक रिटायरमेंट के लिए, दूसरी बच्चों की पढ़ाई जैसे लक्ष्यों के लिए, ताकि रिटायरमेंट से ठीक पहले FD तोड़ने जैसी स्थिति न आए।
अगर चाहें तो आपकी और पिता जी की लगभग मासिक बचत, उमर और मौजूदा FD/निवेश बताएं, तो एक मोटा, नंबरों वाला प्लान भी बनाया जा सकता है।






