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नीचे दिया गया हिंदी लेख Lenskart के आगामी आईपीओ पर आधारित है, जिसमें Radhakishan Damani का निवेश, कंपनी की विकास योजना, बाज़ार की स्थिति, और भविष्य की संभावनाएँ विस्तार से समझाई गई हैं।
Lenskart का आईपीओ: खुदरा निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर या चुनौतीपूर्ण दांव?
भारत के तेजी से बढ़ते कंज़्यूमर-टेक सेक्टर में एक और बड़ा नाम अब Dalal Street पर दस्तक देने के लिए तैयार है। Peyush Bansal द्वारा स्थापित Lenskart ने अपने बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की घोषणा कर दी है। यह आईपीओ 31 अक्टूबर को खुलेगा और 4 नवंबर को बंद होगा। कंपनी का उद्देश्य इस पेशकश से कुल 2,150 करोड़ रुपये जुटाना है।
इस आईपीओ में दो हिस्से होंगे –
- फ्रेश इश्यू: कंपनी द्वारा नए शेयर जारी किए जाएंगे जिसके ज़रिए लगभग 2,150 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
- ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS): प्रमोटर और मौजूदा निवेशक लगभग 12.75 करोड़ शेयर बेचेंगे।
यह पेशकश 30 अक्टूबर को एंकर निवेशकों के लिए खुलेगी।
Radhakishan Damani का निवेश और निवेशकों का भरोसा
इस आईपीओ से पहले DMart के संस्थापक अरबपति Radhakishan Damani ने Lenskart में लगभग 90 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि दमानी का प्रवेश न केवल कंपनी की साख को मजबूत करता है बल्कि यह निवेशकों के बीच बढ़ते भरोसे का भी संकेत देता है।
इससे पहले Lenskart में SoftBank Vision Fund II, Temasek, Kedaara Capital और Alpha Wave Ventures जैसे कई बड़े संस्थागत निवेशक पहले से ही हिस्सेदारी रखते हैं।
कंपनी की वित्तीय स्थिति: घाटे से मुनाफे तक की यात्रा
वित्त वर्ष 2025 में Lenskart ने उल्लेखनीय वित्तीय प्रदर्शन किया है। कंपनी ने 6,625 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो सालाना 22% की वृद्धि को दर्शाता है। वहीं, शुद्ध लाभ 297 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 10 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में एक बड़ा सुधार है।
यह सुधार कंपनी के कड़े लागत नियंत्रण, बेहतर ग्राहक जुड़ाव, और तकनीक-संचालित दक्षता मॉडल का परिणाम है।
Lenskart का कहना है कि उसकी वर्टिकली इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन — जिसमें डिजाइन, निर्माण और खुदरा सभी शामिल हैं — उसे गुणवत्ता बनाए रखते हुए किफायती मूल्य प्रदान करने में सक्षम बनाती है।
आईपीओ से जुटाई जाने वाली रकम का उपयोग
कंपनी की योजना जुटाई गई राशि को निम्नलिखित कार्यों में लगाने की है:
- अपने कंपनी-स्वामित्व वाले स्टोर मॉडल (CoCo) का विस्तार करना।
- क्लाउड और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना।
- ब्रांड बिल्डिंग और मार्केटिंग पर खर्च करना।
- लीज और किराये की देनदारियों को पूरा करना।
- संभावित इनोर्गेनिक अधिग्रहणों की दिशा में आगे बढ़ना।
इसका उद्देश्य कंपनी के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारोबार को और विस्तार देना है।
Lenskart की बाज़ार स्थिति
2008 में Peyush Bansal, Neha Bansal, Amit Chaudhary और Sumeet Kapahi द्वारा शुरू की गई Lenskart ने शुरुआत में एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के रूप में शुरुआत की थी। धीरे-धीरे यह एक ऑमnichannel रिटेल ब्रांड में बदल गया — यानी ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों माध्यमों से काम करने वाला व्यवसाय।
आज कंपनी के पास दुनियाभर में 2,500 से अधिक स्टोर हैं, जिनमें भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व शामिल हैं।
भारत के संगठित आईवियर बाज़ार में Lenskart अग्रणी बन चुका है, और इसके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी Titan Eye+ जैसे ब्रांड इसकी बराबरी नहीं कर पा रहे हैं।
आईपीओ का मूल्यांकन और बाज़ार प्रत्याशाएँ
जानकारों के अनुसार कंपनी लगभग ₹70,000 करोड़ के मूल्यांकन को लक्षित कर रही है, जो इसकी आय (FY25) के आधार पर 200 गुना पी/ई अनुपात पर बैठता है। इस तरह का उच्च मूल्यांकन यह दर्शाता है कि निवेशकों को कंपनी के दीर्घकालिक विकास पर भारी उम्मीदें हैं।
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि आईपीओ की सदस्यता प्रतिक्रिया और लिस्टिंग प्रदर्शन मुख्य रूप से इस मूल्यांकन पर निर्भर करेगा। यदि बाजार धारणा सकारात्मक रही, तो यह भारत के उपभोक्ता तकनीकी क्षेत्र के लिए एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।
भारतीय आईवियर उद्योग की बढ़ती संभावनाएँ
Jefferies की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आने वाले वर्षों में आईवियर की मांग तेज़ी से बढ़ेगी। इसका कारण है:
- बढ़ता स्क्रीन टाइम,
- शहरीकरण और,
- दृष्टि देखभाल के प्रति जागरूकता।
इसके अलावा, कंपनियों और सरकार द्वारा स्वास्थ्य बीमा कवरेज में विस्तार से भी चश्मे और लेंस जैसी वस्तुओं की मांग में वृद्धि होगी। Lenskart जैसी कंपनियाँ इस ट्रेंड से लाभान्वित होंगी।
तकनीकी नवाचार और ग्राहक अनुभव
Lenskart की सबसे बड़ी ताकत उसका टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बिजनेस मॉडल है।
कंपनी AI-आधारित वर्चुअल ट्राय-ऑन फीचर, व्यक्तिगत फ्रेम सुझाव, और ग्राहक डेटा विश्लेषण पर विशेष ध्यान देती है। यह अनुभव ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर ग्राहकों के लिए सहज बनाता है।
साथ ही, कंपनी की सप्लाई चेन और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में ऑटोमेशन का व्यापक उपयोग उसे लागत कम करने और समय बचाने में मदद करता है।
अंतरराष्ट्रीय विस्तार
भारत में मजबूत ब्रांड उपस्थिति के बाद कंपनी ने एशिया और मध्य पूर्व के देशों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है।
कंपनी सिंगापुर, दुबई, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे बाजारों में अपने स्टोर चला रही है।
Peyush Bansal के मुताबिक, भविष्य में कंपनी यूरोप और अमेरिका में भी विस्तार के अवसर तलाश रही है।
निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम
अवसर:
- तेजी से बढ़ता भारतीय आईवियर मार्केट
- मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
- तकनीकी नवाचारों से प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त
- दमानी, SoftBank और Temasek जैसे बड़े निवेशकों का विश्वास
जोखिम:
- उच्च मूल्यांकन (200x पी/ई), जिससे लिस्टिंग के बाद दबाव बन सकता है
- विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धा और नियामक जटिलताएँ
- विज्ञापन और विस्तार पर भारी खर्च
निष्कर्ष
Lenskart का आईपीओ निस्संदेह 2025 के सबसे चर्चित पब्लिक इश्यू में से एक है।
कंपनी ने घाटे से मुनाफे तक की मजबूत वापसी की है और अब वह घरेलू के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी ब्रांड विस्तार की दिशा में अग्रसर है।
हालांकि उच्च मूल्यांकन के चलते निवेशकों को सतर्कता बरतनी होगी, लेकिन लंबी अवधि के दृष्टिकोण से यह निवेश अवसर भारत के कंज़्यूमर-टेक सेक्टर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
कुल मिलाकर, Radhakishan Damani द्वारा समर्थित Lenskart की Dalal Street पर एंट्री एक “स्पेक्टेकल” बनने जा रही है — जैसा कि बाज़ार की अपेक्षाएँ पहले से कह रही हैं।
यह लेख Lenskart के आईपीओ से संबंधित सभी प्रमुख पहलुओं—वित्तीय प्रदर्शन, निवेशक विश्लेषण, बाजार स्थिति और संभावनाओं—को समग्र रूप से कवर करता है।







