
करीब 6 से 7 फूट के बीच आसपास का कद. लम्बी जटाएं, मैं नीचे जमीन पर बैठा था और नवल नागरी बाबा पास से निकले. परज पूज्य सदगुरुदेव भगवान् परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी के इतने करीब रहने वाले परिकर का सीधा दर्शन होना बहुत अच्छा लगा. फिर एक बार शायद 2023 में गुरु पूर्णिमा पर जब वो महाराज जी के भक्तो के साथ घिरे थे. भक्त उनके पैर चूने के लिए आगे बढ़ रहे थे और वे खुद को बचा रहे थे.
एक मौका और था, जब सदगुरुदेव भगवान् परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी की व्यस्तता आज की तरह इतनी ज्यादा नहीं थी तो श्री नवल नागरी बाबा और श्री महा माधुरी बाबा जी ही महाराज जी से दीक्षा लेने के इच्छुक लोगो से सीधी बात करते थे. रोजाना सुबह और शाम सत्संग और कीर्तन समेत सभी सेवाओं के खत्म होने के बाद वे राधा केलि कुञ्ज आश्रम के दरवाजे पर भक्तों से मिलते थे. मैं पहली बार फरवरी, २०२३ में ‘राधा केलि ‘कुञ्ज गया था. तब श्री महा माधुरी बाबा जी से थोड़ी देर बात करने का बड़ा अवसर मिला, वहां कुछ लोगों से नवल नागरी बाबा बात कर रहे थे. एक वृद्ध भक्त शायाद नवल नागरी बाबा जी से ही मिला था. मैं जूते पहन रहा था. वृद्ध बहुत खुश थे. उनको मोबाइल फोन की कोई दिक्कत आ गई थी. उन्होंने मुझे बताई. उनसे बात शुरू हुई. उन्होंने कहा- मैं कई सालो से आ रहा था, आज बाबा ने बुला लिया. मैंने सोचा सदगुरुदेव भगवान् परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी से मुलाक़ात के लिए बुलाया है, इसलिए वृद्ध बहुत खुश हो रहे है. पर उन्होंने बताया, उन्हें कल सुबह दीक्षा लेने के लिए बुलाया है और वो इसके लिए लम्बे समय से प्रयासरत थे. वो बहुत खुश थे. कह रहे थे कि अभी अपनी पत्नी को घर ( अलीगढ जिले में टप्पल से) बुला लेता हूँ. बाबा (शायद नवल नागरी बाबा) ने कहा है, पत्नी को भी बुला लो. मैं पहली बार आया था. मुझे लगा कि महाराज जी के बारे में कह रहे है. लेकिन उन्होंने बताया कि वे बाबा (नवल नागरी बाबा) के बारे में कह रहे है. मैं वृद्ध की ख़ुशी से बहुत हैरान था. मैंने सोचा, वो ऐसे खुश थे जैसे बहुत बड़ा उन्हें खजाना मिल गया हो. लेकिन जो इसकी अहमियत जानता है. वो समझ सकता है, खजाना भी इसके आगे कुछ नहीं.
आप भी वृन्दावन आये और ऐसे सुखद अनुभवों के साक्षी बने. राधे राधे