क्या कोई लोअर पूअर क्लास म्यूचुअल फंड में निवेश करके करोड़पति बना है? – रियल लाइफ सक्सेस स्टोरीज़
भारत में म्यूचुअल फंड्स में छोटे निवेश से बड़ा फंड बनाने की कई कहानियां हैं, जिनमें लोअर या मिडल क्लास निवेशकों ने लंबी अवधि और अनुशासन के साथ निवेश कर करोड़ों का फंड बनाया है। हालांकि, इन कहानियों में अक्सर नाम और पूरा पता गोपनीय रखा जाता है, लेकिन निवेश की रणनीति और यात्रा सार्वजनिक रूप से साझा की गई है।
1. मुंबई के एक साधारण निवेशक की कहानी (₹1800 SIP से ₹8 करोड़)
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कौन: एक वेतनभोगी व्यक्ति (नाम सार्वजनिक नहीं)
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कहां: मुंबई
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कब निवेश शुरू किया: लगभग 20 साल पहले (2003-2004 के आसपास)
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कितने रुपये से शुरू किया: ₹1800 प्रति माह SIP + ₹10,000 एकमुश्त
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कितने साल निवेश किया: 20 साल
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आज कितना पैसा बना: लगभग ₹8 करोड़
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रणनीति:
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शुरुआत में छोटी SIP से निवेश शुरू किया।
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समय के साथ विश्वास बढ़ने पर निवेश राशि बढ़ाई।
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हर महीने आय का 30% निवेश किया।
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निवेश के दौरान बाजार गिरावट में भी धैर्य रखा, बीच में पैसा निकालने की सलाह को नजरअंदाज किया।
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लंबी अवधि तक कंपाउंडिंग का लाभ लिया।
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एक भरोसेमंद म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर (Paresh Shah & Charmi Shah) की सलाह मानी2।
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2. टाटा इक्विटी पीई फंड – रेगुलर प्लान (₹7000 SIP से ₹1.64 करोड़)
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कौन: छोटे निवेशक (नाम सार्वजनिक नहीं)
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कब निवेश शुरू किया: 2004 (फंड लॉन्च के समय)
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कितने रुपये से शुरू किया: ₹7000 प्रति माह SIP
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कितने साल निवेश किया: 20 साल
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आज कितना पैसा बना: ₹1.64 करोड़ (कुल निवेश ₹16 लाख)
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रणनीति:
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लगातार 20 साल तक SIP जारी रखा।
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कंपाउंडिंग और इक्विटी में लॉन्ग टर्म ग्रोथ का फायदा लिया।
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बाजार उतार-चढ़ाव के दौरान भी निवेश जारी रखा3।
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3. म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर की कहानी – लोअर क्लास निवेशकों को करोड़पति बनाया
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कौन: रूपा वेंकटकृष्णन (डिस्ट्रीब्यूटर)
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क्लाइंट्स: प्रोफेशनल्स, मजदूर, सिक्योरिटी गार्ड, घरेलू सहायिका, ड्राइवर, स्लम ड्वेलर्स आदि
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रणनीति:
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छोटे-छोटे निवेशकों को SIP के जरिए निवेश की आदत डलवाना।
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लंबी अवधि तक निवेश जारी रखने के लिए जागरूकता और मार्गदर्शन देना।
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अनुशासन और धैर्य की सलाह देना11।
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निवेश की सामान्य रणनीति जो इन निवेशकों ने अपनाई
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SIP (Systematic Investment Plan): हर महीने छोटी राशि से निवेश शुरू किया और समय के साथ बढ़ाया912।
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लंबी अवधि का नजरिया: 15-20 साल तक लगातार निवेश किया, जिससे कंपाउंडिंग का पूरा लाभ मिला8।
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डाइवर्सिफिकेशन: अलग-अलग फंड्स/सेक्टर्स में निवेश किया, जिससे जोखिम कम हुआ78।
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मार्केट गिरावट में भी निवेश जारी रखा: बाजार में गिरावट के समय भी SIP बंद नहीं की, बल्कि निवेश जारी रखा।
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अनुशासन और धैर्य: निवेश के दौरान लालच या डर में आकर पैसा नहीं निकाला।
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विश्वसनीय सलाहकार: सही फाइनेंशियल एडवाइजर या डिस्ट्रीब्यूटर की सलाह ली211।
निष्कर्ष
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लोअर या मिडल क्लास निवेशक भी म्यूचुअल फंड में छोटी राशि से निवेश शुरू कर, अनुशासन और धैर्य के साथ करोड़पति बन सकते हैं।
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जरूरी है कि SIP को लंबी अवधि तक जारी रखें, बाजार के उतार-चढ़ाव में घबराएं नहीं, और कंपाउंडिंग का लाभ लें।
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नाम और पता अक्सर गोपनीय रहते हैं, लेकिन इनकी रणनीति और यात्रा सभी निवेशकों के लिए प्रेरणा है।
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। निवेश से पहले प्रमाणित सलाहकार से सलाह जरूर लें।)