म्यूच्युअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करना: नई डिजिटल प्रक्रिया और टैक्स नियम
आज की वित्तीय दुनिया में निवेश के अनेक विकल्प मौजूद हैं—कैश, गोल्ड, ज्वेलरी, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर ट्रांसफर आदि। लेकिन बीते कुछ समय में म्यूच्युअल फंड गिफ्ट देने का विकल्प भी तेजी से लोकप्रिय बना है। पहले यह प्रोसेस न सिर्फ मुश्किल था, बल्कि डिमैट अकाउंट होना जरूरी था और कागजी कार्यवाही काफी थी। लेकिन SEBI ने प्रक्रिया को डिजिटल, फास्ट और आसान कर दिया है। इस लेख में पूरी प्रक्रिया, पात्रता, टैक्स नियम तथा जरूरी सावधानियाँ विस्तार से बता रहे हैं।
म्यूच्युअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करने का ट्रेंड
भारतीय समाज में शादी या किसी खास मौके पर अक्सर लोग कैश, गोल्ड या फिक्स्ड डिपॉजिट गिफ्ट करते हैं। कई माता-पिता बेटी की शादी के समय उसके नाम से नया एफडी खोल देते हैं या शेयर ट्रांसफर करते हैं। ये वित्तीय गिफ्ट्स भविष्य की सुरक्षा के लिए दिए जाते हैं। अब इस लिस्ट में म्यूच्युअल फंड यूनिट्स एक नया और टैक्स-एफिशिएंट विकल्प हैं, जो न केवल स्टाइलिश और स्मार्ट है, बल्कि फैनेंशियल ब्लेसिंग भी कहा जा सकता है।
पहले की जटिल प्रक्रिया
पहले म्यूच्युअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करने के लिए यूनिट्स डिमैट अकाउंट में होने जरूरी थे। अगर किसी के पास केवल SoA (Statement of Account) यूनिट्स थे—यानी जो ईमेल पर मिलता है—तो उन्हें किसी और के नाम ट्रांसफर करना लगभग असंभव था। ऐसे में दो ही विकल्प बचते थे:
- नया फोलियो खोलना और पैसा डालना (तब KYC, दस्तावेज़, आदि सब दोबारा होता)
- Beneficiary को नॉमिनी बना देना ताकि डेथ या अनहोनी के बाद ट्रांसफर हो.
डिमैट प्रक्रिया भी बहुत लंबी थी—फॉर्म भरना, डीपी चार्ज, सिग्नेचर, 10-15 दिन वेट, आदि। यानी म्यूच्युअल फंड यूनिट्स ट्रांसफर करना एक बड़ा ‘प्रोजेक्ट’ बनता था।
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अब क्या आसान हुआ?
अब SEBI ने बदलाव कर दिया है। अब यूनिट्स गिफ्ट करने के लिए ना तो डिमैट अकाउंट चाहिए, न फॉर्म फिलिंग, न भारी कागजी खर्चा। कुछ ही क्लिक में ऑनलाइन CAMS, KFintech या Mutual Fund Central (MFCentral) प्लेटफॉर्म से यूनिट्स ट्रांसफर किए जा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस, डिजिटल और फास्ट है। अगर रिसीपीएंट के पास फंड हाउस का फोलियो नहीं है, तो जीरो बैलेंस फोलियो बन सकता है—अर्थात बिना कोई नया निवेश, फोलियो ओपन.
किन म्यूच्युअल फंड्स में गिफ्टिंग संभव?
- सारे रेगुलर ओपन-एंडेड इक्विटी, डेब्ट, हायब्रिड फंड्स में यूनिट्स ट्रांसफर हो सकते हैं।
- ETF, एज-रिस्ट्रिक्टेड स्कीम्स (जैसे चिल्ड्रेन गिफ्ट फंड, रिटायरमेंट बेनिफिट्स) में ट्रांसफर संभव नहीं है।
- यूनिट्स लॉक-इन या फ्रीज नहीं होनी चाहिए.
गिफ्टिंग की स्टैम्प ड्यूटी
म्यूच्युअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करते समय मामूली सी 0.015% की स्टैम्प ड्यूटी लगती है। उदाहरण के लिए ₹2 लाख यूनिट्स ट्रांसफर किए, तो केवल ₹30 स्टैम्प ड्यूटी देनी होगी.
स्टेप बाय स्टेप गिफ्टिंग प्रोसेस
- CAMS/KFintech/MFCentral या AMC पोर्टल पर जाएँ।
- mfinst सेक्शन पर जाएँ (CAMS)
- “Transfer Mutual Fund Units” ऑप्शन चुनें।
- PAN, ईमेल, मोबाइल नंबर, ट्रांसफर का कारण (Gift) इंटर करें।
- सिस्टम यूनिट्स की eligibility चेक करेगा। अगर सब valid है तो डोनर/जॉइंट-होल्डर को OTP मिलेगा।
- OTP दर्ज कर फंड स्कीम और यूनिट्स चुनें।
- रिसिपिएंट के डिटेल्स (PAN, Folio, Email, Mobile) डालें।
- अगर रिसिपिएंट के पास फोलियो नहीं है, तो एक जीरो बैलेंस फोलियो ओपन करें।
- पूरी वेरिफिकेशन के बाद यूनिट्स दो कार्य दिवस में ट्रांसफर हो जाती हैं।
- डोनर और रिसिपिएंट दोनों को स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट मिलती है.
ट्रांसफर की पुष्टि और रिकॉर्ड
गिफ्ट के बाद दोनों (डोनर और रिसिपिएंट) को अपडेटेड स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट मिलती है। उसमें यूनिट्स की संख्या, फंड स्कीम और ट्रांसफर की तारीख दर्ज होती है। इससे भविष्य में सबूत के तौर पर और टैक्स ऑडिट के लिए काम आता है।youtube
टैक्सेशन नियम: डोनर और रिसिपिएंट के लिए
म्यूच्युअल फंड गिफ्टिंग के समय टैक्स का क्या नियम है? यह सबसे अहम सवाल है। इसमें डोनर और रिसीवर दोनों के लिए अलग-अलग स्थिति है।
डोनर की स्थिति
- गिफ्ट के समय कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं बनता क्योंकि डोनर अपनी यूनिट्स बेच नहीं रहा बल्कि ट्रांसफर कर रहा है।
- पूरी प्रक्रिया टैक्स-फ्री है।
रिसीवर की स्थिति
रिसीवर को यूनिट्स गिफ्ट में मिलती हैं। इसके दो प्रकार के केस बनते हैं:
- रिलेटिव्स को गिफ्ट
- पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन, ग्रैंडपेरेंट्स—इनमें गिफ्ट की वैल्यू कितनी भी हो, टैक्स नहीं लगेगा।
- पूरी राशि टैक्स फ्री होती है।youtube
- नॉन-रिलेटिव्स को गिफ्ट
- अगर ₹500 से ज़्यादा की वैल्यू है तो पूरी राशि टैक्सेबल बन जाती है।
- यह उनके इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस में ऐड होती है। इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स दिया जाता है।
- यदि गिफ्ट शादी के मौके पर दिया गया है, वह हमेशा टैक्स फ्री रहेगा।
- यानी शादी में गिफ्ट हमेशा टैक्स फ्री है, चाहे गिफ्ट की राशि कितनी भी हो.
यूनिट्स बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स
अगर रिसिपिएंट ने कुछ समय बाद यूनिट्स बेच दी, तो कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। यहां एक खास बात यह है कि—
- परचेस डेट और होल्डिंग पीरियड डोनर की खरीद की तारीख से लिया जाएगा।
- यानी रिसिपिएंट के लिए पूरे गेन या लॉस की कैलकुलेशन डोनर के निवेश के आधार पर होती है।
- इक्विटी म्यूच्युअल फंड में ₹1.25 लाख तक का लॉन्ग टर्म गेन टैक्स फ्री होता है।
- उदाहरण: जुलाई 2020 में 1 लाख की खरीद, दिसंबर 2024 में बहन को गिफ्ट किया, जनवरी 2026 में बहन ने बेच दिया। होल्डिंग पीरियड जुलाई 2020 से लेकर जनवरी 2026 तक माना जाएगा। गेन 2 लाख – 1 लाख = 1 लाख, पूरी तरह टैक्स फ्री क्योंकि लॉन्ग टर्म गेन की लिमिट के भीतर है।
टैक्स एफिशिएंसी और प्लानिंग
म्यूच्युअल फंड यूनिट्स का गिफ्टिंग न केवल इमोशनल जेस्चर है, बल्कि स्मार्ट टैक्स एफिशिएंट टूल भी है, जो आपकी फैमिली या दोस्त के फ्यूचर में योगदान देता है। यह आपके फंड्स को सिर्फ ट्रांजैक्शन से ज्यादा—एक वित्तीय हेडस्टार्ट बना सकता है।
किन बातों का ध्यान रखें?
- यूनिट्स फ़्रीज या लॉक-इन न हो।
- ट्रांसफर स्टैम्प ड्यूटी (0.015%) ज़रूर दें।
- रिलेटिव्स को गिफ्ट टैक्स फ्री, नॉन-रिलेटिव नॉन-वेडिंग गिफ्ट टैक्सेबल।
- होल्डिंग पीरियड डोनर का।
- बड़े ट्रांसफर के लिए पर्याप्त डिटेल्स रखें—PAN, Email, Mobile दोनों तरफ सुरक्षित हो।
- ट्रांसफर होने के बाद स्टेटमेंट्स जरूर संभालें।
कब करें गिफ्टिंग?
- बेटी या बेटे की शादी के समय।
- माता-पिता या ग्रैंडपेरेंट्स के रिटायरमेंट के लिए।
- दोस्त को इन्वेस्टमेंट की शुरुआत कराने के लिए।
- स्पेशल मौके—पर्सनल, फेस्टिव या वर्चुअल—हर समय।
- यह एक ‘फाइनेंशियल ब्लेसिंग’ है, जिससे रिश्ता मजबूत होता है और भविष्य की सुरक्षा निश्चित।
गिफ्टिंग से जुड़े सवाल और जवाब
म्यूच्युअल फंड गिफ्ट करना या गोल्ड/कैश देना?
- गिफ्टेड म्यूच्युअल फंड न केवल भविष्य में ग्रोथ की संभावना देता है, बल्कि टैक्स में भी बचत कराता है।
क्या पुरस्कार, बोनस, या अन्य इनामों के लिए ट्रांसफर हो सकता है?
- हाँ, प्रोसेस गिफ्टिंग, इनाम या बोनस—all valid reasons के लिए है, बस ट्रांसफर के समय सही रीजन डालें।
क्या ट्रांसफर की लिमिट है?
- इक्विटी, डेब्ट, हायब्रिड—कोई प्राइस लिमिट नहीं, पर ₹500 के नीचे नॉन-रिलेटिव को टैक्स नहीं लगेगा।
क्या बच्चों के नाम पर गिफ्ट संभव है?
- हाँ, बशर्ते बच्चे के नाम PAN, Email आदि मौजूद हैं और केवाईसी हो। Zero balance folio भी बच्चों के लिए खोला जा सकता है।
निष्कर्ष:
म्यूच्युअल फंड यूनिट्स गिफ्टिंग एक आधुनिक, टैक्स-एफिशिएंट और स्मार्ट तरीका है जिससे आप अपने रिश्तों को मजबूत बनाते हुए उन्हें फाइनेंशियल हेडस्टार्ट दे सकते हैं। पेपरलेस प्रोसेस, फास्ट ट्रांसफर, मिनिमम ड्यूटी और टैक्स बेनिफिट्स के साथ यह गिफ्ट केवल आज नहीं बल्कि कल भी आपके परिवार, दोस्तों और करीबियों के लिए वैल्यू क्रिएट करता है।
अगली बार जब आप गिफ्ट देने के बारे में सोचें, तो कैश या गोल्ड की जगह म्यूच्युअल फंड यूनिट्स ट्रांसफर करने का विचार जरूर करें—यह आर्थिंक सुरक्षा और स्मार्ट इन्वेस्टमेंट दोनों का सूटकेस है। याद रखें, सेबी की गाइडलाइन एवं सभी संबंधित डॉक्यूमेंट्स ध्यान से पढ़ कर ही इन्वेस्ट करें।
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