त्यौहार के दिन अगर कोई मर जाता है तो क्या कभी वो त्यौहार नहीं मना सकते ? महाराज जी ने दिया जवाब
महाराज जी से सवाल किया गया कि महाराज जी मेरे परिवार में एकादशी के दिन किसी सदस्य की मृत्यु हो गई थी, मुझे पंडित जी ने कहा था कि मैं एकादशी नहीं कर सकती और ना ही उद्यापन कर सकती हूँ.
महाराज जी ने कहा, नहीं, ऐसा नहीं है कि कभी आप एकादशी नहीं रख सकती. आप एकादशी व्रत रहिये, एकादशी के दिन तो करोड़ो लोग मरते हैं. करोड़ो लोग जन्मते है. ये तो जन्म मरण का चक्र चल रहा है. आप एकादशी व्रत अपने मंगल और भगवान् की ख़ुशी के लिए कर रही है. आप उद्यापन भी कर सकती हैं.
महाराज जी के परिकर नवल नागरी बाबा ने महाराज जी से पूछा, समाज में एक मान्यता चली आ रही है कि जैसे कृष्ण जन्माष्टमी के दिन परिवार में अगर दूर दूर तक किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो सदैव के लिए उस परिवार में त्यौहार नहीं मनाया जाता है, महाराज जी ऐसा क्या शास्त्रों में है?
महाराज जी ने बोला ऐसा नहीं है, जिस त्यौहार के दिन मृत्यु होती है, तो स्वाभाविक है कि उस दिन उत्सव बधावा आदि नहीं होता. उस दिन भगवान् का कीर्तन करे. १३ दिन का शोक होता है. उसके एक साल बाद उसी त्यौहार के दिन उत्सव मनाये. लेकिन ऐसा नहीं है कि वो त्यौहार कभी नहीं मनाएंगे.
एक व्यक्ति ने पूछा कि एक मान्यता यह भी है कि त्यौहार वाले दिन सदस्य की मृत्यु के बाद जब तक उस त्यौहार पर कोई बच्चा खासकर लड़का नहीं जन्मता तब तक वो त्यौहार नहीं मनाया जा सकता, महाराज जी ने इस मान्यता को गलत बताया.